हर इंसान की अपनी अलग स्टाइल होती है. ऐसे ही अधिकतर लोगों की हेयरस्टाइल भी अलग-अलग होती है. लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी हेयरस्टाइल से आपके बारे में भी कई चीजें पता चलती हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति का स्वभाव बाल देखकर भी बताया जा सकता है।
आमतौर पर हम रोजाना नहाने के बाद अपने गीले बालों को संवारते हैं। पुरुष आमतौर पर अपने बालों को छोटा रखते हैं और हमेशा बाईं तरफ मांग निकालते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उनके ऊपर ज्यादा सूट करता है। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से उनकी मर्दानगी झलकती हैI वैसे वे इस बात को स्वीकार करने में शर्माते हैं। पुरानी मान्यता है कि यदि आप बाईं तरफ मांग निकालते हैं तो आप अधिक मर्दाना दिखेंगे, जिसे सुनकर आप खुश हो जाते हैं और खुद को अधिक सुयोग्य मानते हैं। जबकि दूसरी तरफ दाईं ओर मांग निकालने से आप स्त्रियों जैसा दिख सकते हैं और आप एक जोशीले व्यक्ति के रूप में सामने आते हैं।
आइए जानते हैं बालों की बनावट के अनुसार व्यक्ति का स्वभाव…
जानिए बालों से इंसान का स्वभाव
मानव शरीर पर बालों का सबसे बड़ा समूह मस्तक पर होता है। बालों में कालापन मेलानिन नामक पिगमेंट के कारण होता है। बालों की मोटाई एवं स्निग्धता पोषक तत्वों और एंजाइम पर निर्भर करती है। इस प्रकार बालों की स्थिति से शरीर के तत्वों का पता चल जाता है। अब चूंकि मानव का स्वभाव, चरित्र, कार्यक्षमता आदि शरीर के तत्वों पर निर्भर करते हैं। इस तरह बालों की स्थिति से मानव व्यक्तित्व का अनुमान लगाया जा सकता है। बालों का अध्ययन पांच बिंदुओं के अंतर्गत किया जाता है-
तना- एक बाल में एक ही तना होना चाहिए। ऐसे बाल उत्तम माने जाते हैं लेकिन यदि एक बाल में से कई शाखाएं निकली हुई हों या वे पूरे दो भागों में बंटे हुए हों तो ये जातक की शक्ति को क्षीण करते हैं। ऐसे जातकों की जीवनशक्ति दो भागों में विभाजित मानी जाती है, जो यह दर्शाती है कि ऐसे व्यक्तियों में लक्ष्य प्राप्ति हेतु उच्च एवं दृढ़ इच्छाशक्ति, विश्वास, कर्मठता नहीं है और वे अपने प्रयासों के प्रति केंद्रित नहीं हैं। प्राय: ऐसे लोग दो विचारधाराओं के मध्य डोलते रहते हैं और निर्णय नहीं ले पाते हैं।
रंग- भारतीय विद्वानों के अनुसार काले बाल मानसिक स्वस्थता, कर्मठता एवं उच्च जीवनशक्ति के परिचायक होते हैं तथा सफेद बाल मानसिक कमजोरी को दर्शाते हैं। चूंकि भारतीय वातावरण में ही अधिकांश काले व सफेद बाल होते हैं जबकि पाश्चात्य देशों में भूरे, लाल एवं सफेद बाल होते हैं। अत: पाश्चात्य विद्वानों के अनुसार भूरे बालों को मानसिक तनाव का परिचायक माना जाता है। वहां काले बालों को पाशविक प्रकृति वाला समझा जाता है।
मोटाई- पतले बाल उत्तम स्वभाव, उदारता, प्रेम, दया, संकोच एवं संवेदनशीलता के प्रतीक होते हैं। ऐसे जातक धैर्य, शांति, सहनशीलता एवं प्रेम के माध्यम से जीवन जीने में विश्वास रखते हैं। इसके विपरीत मोटे एवं कड़े बाल वाले उत्तम स्वास्थ्य एवं उच्च जीवनशक्ति वाले होते हैं। वे महत्वाकांक्षी, साहसी एवं कभी-कभी क्रूर स्वभाव के हो सकते हैं।
आकार- सीधे एवं सरल बाल आत्मसंरक्षण, सरल स्वभाव, सीधी कार्यपद्धति एवं स्पष्टवादिता के सूचक होते हैं। यदि बालों में सरलता की अपेक्षा लहरीलापन हो तो ऐसे व्यक्तियों में विनम्रता, सभ्यता, कला प्रेम के गुण होते हैं। परंतु यदि लहरीलापन अधिक हो तो ऐसे बाल घुंघराले कहलाते हैं। ऐसे बालों वाले जातकों मैं मनमौजीपन, चंचलता, दिखावा औरा अहं की प्रवृत्ति अधिक रहती है।
उगने के स्थान- बालों के अध्ययन में यह भी देखा जाता है कि मस्तक पर बाल कहां से उगना प्रारंभ हुए हैं अर्थात जिसके मस्तक पर केश या बाल अधिक पीछे से उगना शुरू होते हैं, वे स्वाभिमानी होते हैं। जिसके सिर पर बाल अधिक आगे अर्थात ललाट क्षेत्र से उगना शुरू होते हैं, वे दुर्बल मानसिक विकास वाले, स्वार्थी व संकुचित हृदय वाले होते हैं। जिसके मस्तक पर अग्र भाग में आसपास के बाल पीछे से और मध्य के बाल अपेक्षाकृत आगे से उगे हो, तब ऐसे जातक का ललाट अर्द्धचंद्राकार कहलाता है। ये लोग अध्ययन एवं चिंतन-मनन प्रिय होते हैं। इसी प्रकार जिनके आसपास बाल हों एवं मध्य में गंजापन हो ऐसे जातक अधिकारप्रिय, नेतृत्व क्षमता वाले, शासक प्रवृत्ति से युक्त होते हैं।
विद्वानों का मत है कि पुरुषों के मस्तक पर बाल विरल और स्त्रियों के मस्तक पर बाल सघन होना शुभ फलदायक रहता है। श्याम वर्ण के स्निग्ध, मृदु, आकर्षक एवं सरल बाल स्त्रियों को सौभाग्य, संपत्ति एवं उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करते हैं।
आइए जानते हैं ज्योतिष शास्त्र क्या कहता है
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिस
व्यक्ति के बाल ऊपर उठे हुए मंगल और राहु का प्रभाव रहता है. ऐसे
लोग मंगल और राहु से बहुत बुर
तरह प्रभावित होते हैं. ऐसे लोगों को सफलता पाने में बहुत मुश्किल होती है. ऐसे लोग शरीर से मेहनत करने में सक्षम होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में चिपके बाल वाले लोगों को अधिक बोलने वालों की
श्रेणी में रखा गया है. ऐसे लोगों को अधिक और अनावश्यक बोलने के कारण ही विवाद होता है. इसलिए
ऐसे बाल वाले लोगों को सदैव अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए.
इस दोष से मुक्ति पाने के लिए बुधवार के दिन छोटी कन्याओं को श्रद्धापूर्वक भोजन काराना चाहिए. ऐसा करने से ऐसे दोषों से मुक्ति मिल सकती है।
ज्योतिष शास्त्र में भूरे बाल वाले लोगों को प्रगतिशील माना गया है ऐसे बाल वाले लोग आसानी से प्रगति करते हैं और बहुत आगे तक आते हैं. इसके अलावा ऐसे बाल वाले लोगों को अपने मित्रों से ही कष्ट झेलना पड़ता है. ऐसे लोगों की किस्मत शादी के बाद बदलती है. वहीं जिनके बाल भूरे, हलके और बिखरे होते हैं वे तेज दिमाग के होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में कड़े बाल वाले
लोग मनचाहे कार्य अथवा प्रोफेशन में सफल नहीं हो पाते हैं. ऐसे बाल वाले लोगों को करियर में भी बहुत सारी परेशानियों को झेलना पड़ता है. इसके अलावा जिन लोगों के बाल भूरे और कड़े होते हैं उन्हें किसी काम में जल्द ही सफलता मिल जाती है. ये लोग अपने करियर और प्रोफेशन में सफल होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति के बाल नरम और पतले होते हैं उनका मन एकदम पानी की तरह निर्मल होता है. जिस पर किसी का भी रंग चढ़ जाता है. इसी वजह से ये किसी की बात में जल्दी से आ जाते है. एक दम बच्चों की तरह सरल होते है. भावनात्मक होते है. जिस कारण ये एक अच्छे कलाकार सबित होते है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लहरदार या जिनके बाल थोड़े घुमावदार होते है. ऐसे व्यक्ति अपनी पसंद से काम करना पसंद करते है. थोड़े जुगाड़ू और मेहनत से सफल होते है. समय के साथ बदलना इनकी मुख्य आदत में शुमार होता है. एकाग्रता की कमी होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घुंघराले बाल दो तरह के होते हैं. एक तो हल्के घुंघराले बाल होते हैं जो अच्छी निशानी है. दूसरे घुंघराले बाल अधिक घने होते हैं. हल्के घुंघराले बाल वाले व्यक्ति को जीवन में सफलता समय पर मिलती है. अगर महिलाओं के सिर के आगे के बाल ज्यादा घुंघराले हैं तो इन्हें बाहर के पुरुषों से सर्तक रहना चाहिए। जिनके घने घुंघराले बाल होते है ऐसे लोग के शरीर के कमजोरी और दिमाग के हाइपर होने का संकेत देते हैं. ऐसे लोगों का बुध अच्छा होता है लेकिन ये लोग टिककर काम नहीं करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन्हें अपने बाल हमेशा खुले रखने पसंद होते है. ऐसे व्यक्ति खुले विचारों के और स्वतंत्र रहना पसंद होता है.
बाहर घूमना, नौकरी करना इन्हें पसंद होता है। जिन्हें अपने बाल आधे बंधे और आधे खुले रखना पसंद होता है. ऐसे व्यक्ति हर परिस्थिति में
अपने को ढाल लेते है. थोड़ी सी आजादी और थोड़ी सी बंदिश पसंद होती है. ऐसे व्यक्ति अपनी सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों को बखूबी सँभालते है. दूसरों की बाते एक सीमा तक सुनते है।
समुद्रशास्त्र के अनुसार जिन स्त्रियों के बाल कान के पास आकर
लहरदार और घुंघराले हो जाते हैं वह स्त्री भाग्यशाली होती है. ऐसी स्त्री को अपने भाग्य से सब सुख और आनंद मिलता रहता है. इनका भाग्य इनसे जुड़े लोगों को जीवन में आगे बढ़ाने में भी सहायक होता है।
अब आइए जानते हैं मांग आपके व्यक्तित्व पर क्या प्रभाव डालता हैं
अगर आप दाहिनी तरफ मांग निकालते हों?
– आम तौर पर ऐसे लोग शनि प्रधान होते हैं
– ऐसे लोग बड़े दृढ निश्चयी और कर्मठ होते हैं
– परन्तु जीवन के प्रारंभिक समय में उनको खूब संघर्ष करना पड़ता है
– क्रोध आना और जरूरत से ज्यादा जिद्दी होना इनकी सबसे बड़ी कमजोरी है
– ऐसे लोगों को आयु के 32वें और 48वें वर्ष में विशेष लाभ होता हुआ देखा जाता है
– संघर्ष से समस्या हो रही हो तो यह स्टाइल बदल दें
अगर आप बाईं तरफ मांग निकालते हों
– बृहस्पति या चन्द्रमा प्रधान लोग आम तौर से बांईं ओर मांग निकालते हैं
– यद्यपि ऐसे लोग बुद्धिमान और सरल होते हैं परन्तु घोर लापरवाही भी इनमे पायी जाती है
– भाग्य और ईश्वर की कृपा इनके पास दोनों ही होती है और कम उम्र में सफलता पा जाते हैं
– आयु के 23वें और 33वें वर्ष में ये विशेष सफल होते हैं
– अगर आप बहुत ज्यादा लापरवाह हो रहे हों तो यह स्टाइल बदल दें
अगर आप सिर के बीच से मांग निकालते हैं
– शुक्र प्रधान लोग आम तौर पर सर के बीच से मांग निकालते हैं
– ऐसे लोग बड़े चंचल स्वभाव के होते हैं , और बार बार उनके जीवन में उतार चढ़ाव आता रहता है
– धन तो खूब आता है पर धन बचा पाना सम्भव नहीं होता, अक्सर धन की किल्लत होती है
– आयु के 35वें, ४२वें और 50वें वर्ष में इनको विशेष सफलता मिलती है
– जिनको अपयश जल्दी मिल जाता हो उन्हें यह स्टाइल नहीं रखना चाहिए
अगर आप मांग नहीं निकालते
अगर आप बालों में मांग नहीं निकालते, यानी बाल या तो ऊपर की ओर होते हैं या बिखरे होते हैं
– आम तौर पर बुध की प्रधानता वाले लोग या तो मांग नहीं निकालते या बाल बिखरे होते हैं
– ऐसे लोग जीवन में बार बार बदलाव करते हैं परन्तु उनको एक रास्ते पर चैन नहीं मिलता अतः मुश्किलें बहुत आती हैं
– ऐसे लोग कला संगीत साहित्य लेखन में बहुत रूचि रखते हैं और इसमें बड़ी सफलता पाते हैं
– ऐसे लोगों को आयु के 39वें, 45वें और 55वें वर्ष में विशेष सफलता मिलती है
– अगर जीवन में काफी उतार चढ़ाव हो तो यह स्टाइल बदल देना चाहिए
अगर आपके बाल घुंघराले हैं
– यह बाल शुक्र और चन्द्रमा से सम्बन्ध रखते हैं
– व्यक्ति के जीवन में सब कुछ बहुत अच्छा होने पर भी भावनात्मक समस्याएँ आती हैं
– ऐसे लोगों को पारिवारिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है
– ऐसे लोगों को अपने स्वभाव और आचरण का विशेष ध्यान रखना चाहिए
– आयु के 25वें, 38वें और 45वें वर्ष में इनको विशेष सफलता मिलती है
– भावनात्मक लोगों को घुंघराले बालों से बचना चाहिए
अगर आपके सिर पर बाल नहीं हैं
– सूर्य की प्रधानता से सर पर या तो बाल नहीं होते या कम से कम होते जाते हैं
– ऐसे लोगों को पिता का सुख कम मिलता हुआ देखा जाता है
– ऐसे लोग राजनीति, प्रशासन और चिकित्सा के क्षेत्र में खूब उन्नति करते हैं
– ऐसे लोगों की वाणी बड़ी कठोर होती है और आम तौर पर इससे सम्बन्ध बिगड़ जाते हैं
– आयु के 29वें, 34वें और 40वें वर्ष में इनको विशेष लाभ होता है
– सिर को बिलकुल चिकना न रखें, अन्यथा सूर्य कमजोर होगा
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार
शोधकर्ता जेरेमी फ्रिमर ने विज्ञान की मदद से यह पता लगाने की कोशिश की कि आप अपने बालों को जिस तरह से संवारते हैं, वह आपके रूप या व्यक्तित्व को कैसे प्रभावित करता है। अध्ययन करने के लिए शोधकर्ता ने लगभग 3,800 पुरुषों और महिलाओं की तस्वीरें ली, जिन्होंने अपने बालों को बाईं या दाईं तरफ से संवारा था। तस्वीरों को डिजिटल रूप से बदल दिया गया था, मूल रूप से इसमें केवल एक ही चीज़ बदली गई थी और वो थी पुरुषों और महिलाओं द्वारा उनके बालों को संवारने का तरीका।
पसंद अपनी अपनी
प्रतिभागियों को आकर्षण के आधार पर तस्वीरों को रेटिंग देनी थी और यह भी बताना था कि वे तस्वीर वाला व्यक्ति कितना जोशीला, सक्षम और अधिक जनाना या मर्दाना दिख रहा थाI
इन आंकड़ों को एकत्रित करने के बाद जो परिणाम सामने आया, वह ये था कि आप अपने बालों में किस तरफ़ मांग निकालते हैं या किस तरह संवारते हैं, इसका आपकी सुंदरता या आकर्षण पर कोई फ़र्क नहीं पड़ता है। और ना ही यह आपके जोशीलेपन, सुयोग्यता या जनाना या मर्दाना होने के गुण को प्रभावित करता है। महिला और पुरुष दोनों के मामले में ऐसा ही है, चाहे वे मुस्कुरा रहे हों या गंभीर मुद्रा में हों इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
सार्वभौमिक सत्य?
लेकिन फ्रिमर ने कहा कि शोध में शामिल सभी मॉडल संयुक्त राज्य अमेरिका से थे और सभी गोरे थे। इसलिए यह ज़रूरी नहीं कि अध्ययन से जो निष्कर्ष निकला वह दुनिया के अन्य लोगों पर भी लागू हो। हालांकि जब बालों को संवारने के तरीके से लुक प्रभावित होने की बात आती है तो एक महत्वपूर्ण कारक इस पर प्रभाव डालता है।
तो क्या, हमेशा एक ही तरफ मांग निकालने और बालों की साइड बदलते रहने दोनों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता है? नहीं ऐसा नहीं है, बालों की साइड बदलने से आपके बालों का लुक बदल सकता है और बाल ज्यादा घने दिख सकते हैं जिससे आप ज़्यादा आकर्षक लग सकते हैं।
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