जामुन गर्मियों के मौसम में मिलने वाला फल है. सेहत के लिए जामुन काफी फायदेमंद होता है. स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों से निपटने के लिए जामुन काफी अच्छा साबित होता है. इसके बाहरी हिस्से के अलावा इसकी गुठली भी सेहत के लिए फायदेमंद साबित होती है।
गर्मी के मौसम में खासतौर पर जून से अगस्त तक के महीने को फलों का मौसम कहा जाता है। आम, तरबूज और अंगूर के साथ एक अन्य फल को जामुन भी प्रचुर मात्रा में मिलता है। ये फल गांव में बहुत आम हैं। जामुन के पेड़ शहरी क्षेत्रों में कम ही देखे जाते हैं। हालांकि यह फल स्वाद में मीठा-नमकीन-कसैला होता है। वैसे ऐसे बहुत से कम ही मौसमी फल होते हैं जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी बेहद उपयोगी होते हैं, जैसे कि जामुन। जी हां, जामुन के पेड़, पत्तिया, फूल, बीज, छाल सभी का उपयोग कई तरह के रोगों को इलाज करने में इस्तेमाल किया जाता है। जामुन में बहुत से पोषक तत्व और खनिज पाए जाते है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, ग्लूकोज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और अन्य आवश्यक पोषक तत्व मौजूद है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। जामुन को अंग्रेजी में जवा प्लम, ब्लैक प्लम या ब्लैकबैरी के नाम से जाना जाता है और इसके अलावा अन्य भाषाओं में जाम्बुल , काला जाम , जाम्बोलन , जम्बुस , नेरेडु आदि कहा जाता है। अपने स्वाद और औषधीय गुणों के कारण जामून का एक अलग ही महत्त्व है। इसका अनोखा स्वाद सबको पसंद आता है। आज यहां हम आपको जामुन के फायदे, जामुन के सिरके के फायदे, जामुन के पत्ते के फायदे यानि कि जामुन के पेड़ से जुड़ी हर महत्वपूर्ण चीजों के फायदे के बारे में बता रहे हैं।
जामुन खाने के फायदे और उपयोग
आयुर्वेद में जामुनी का विशेष महत्व है। जामुन का प्रयोग कई आयुर्वेदिक औषधियों को बनाने में किया जाता है। ये फल बैंगनी रंग का होता है और मधुमेह, गुर्दे की पथरी, दस्त, कब्ज, यकृत रोग और रक्तस्रावी विकारों में बहुत फायदेमंद होता है। मधुमेह को नियंत्रित करने के अलावा, जामुन का उपयोग शरीर से हानिकारक रसायनों को बाहर निकालने के लिए भी किया जाता है। तो आइए जानते हैं जामुन के फायदे के बारे में –
जामुन के सिरके के फायदे
जामुन का सिरका पीने से से शरीर को कई लाभ प्राप्त होते हैं। इस सिरके को आसानी से घर में भी बनाया जा सकता है। किडनी और लीवर को स्वस्थ बनाए रखने में भी जामुन का सिरका लाभदायक माना जाता है और इसका नियमति सेवन करने से किडनी और लीवर सही से कार्य करते हैं। इसके अलावा जामुन के सिरका का प्रयोग आप खून की कमी को पूरा करने, डायबिटिज कंट्रोल करने और हाजमा ठीक रखने के लिए भी कर सकते हैं।
जामुन के पत्ते के फायदे
जामुन की पत्तियों में भी ऐसे गुण है जो स्वास्थ्य की समस्या को ठीक करने में मदद करता है। जैसे मधुमेह को नियंत्रण करने में, कैंसर को रोकने में, उच्च रक्तचाप, पाचन आदि में फायदेमंद होता है। जामुन की पत्तियों में जीवाणुरोधक गुण होता है जो संक्रमण को रोकने के लिए फायदेमंद होता है। पाचन स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए जामुन की पत्तिया गुणकारी होती है। अगर आपके मुंह में छाले हो गए है तो जामुन की पत्तियों का उपयोग दवा के रूप में कर सकते है।
मधुमेह में जामुन की गुठली के फायदे
हम में से ज्यादातर लोग जामुन की गुठली खाकर उसे फेंक देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि जामुन की गुठली का इस्तेमाल आयुर्वेद में औषधि के तौर पर किया जाता है। जामुन के बीज हल्का कठोर होता है, लेकिन हाथों के जरिए ताकत से दबाने पर यह टूट भी जाता है। जामुन की गुठली डायबिटीज रोग में रामबाण मानी जाती है। बैंगनी रंग के बीजों में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं। इसमें मौजूद रासायनिक एल्कलॉइड स्टार्च को चीनी में बदलने से रोकते हैं और इसलिए रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हैं। ये बीज टाइप-2 मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी होते हैं।
जामुन की छाल के फायदे
जामुन की छाल हमारी ओरल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है। दांत दर्द, मुंह में बदबू, मुंह के छाले आदि समस्याओं को दूर करने के लिए जामुन के पेड़ की छाल का उपयोग करें। इसके लिए जामुन की छाल को बारीक पीस कर इससे सुबह शाम मंजन करें। ये प्रयोग नित्य करने से दांतों के सभी प्रकार के रोग ठीक हो सकते है। इसी के साथ अगर कोई गठिया का रोगी है तो जामुन के पेड़ की छाल को बारीक पीसकर इसकी 2 चम्मच मात्रा को आधा कप पानी में मिलाकर, इस घोल को दर्द वाले हिस्सों और घुटनों पर दिन में 3 से 4 बार लगाने से गठिया के दर्द से छुटकारा मिलने लगता है।
हाई बीपी में जामुन के फायदे
जामुनी फलियों में रासायनिक एल्कलॉइड पाए जाते हैं। सभी शोधों से पता चला है कि एल्कलॉइड हाई बीपी को कम करने में काफी मददगार होते हैं। ऐसे मामलों में, इसका उपयोग उच्च रक्तचाप के रोगियों में रक्तचाप को कम करने के लिए किया जा सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि एसिटिक एसिड के इस्तेमाल से रक्तचाप लगभग 36 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
कब्ज में जामुन के बीज के फायदे
कब्ज की समस्या से बचने के लिए भी जामुन बीज का इस्तेमाल आपके काम आ सकता है। क्योंकि जामुन बीज में क्रूड फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है और ये कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए जरूरी है।
दांतों के लिए जामुन के फायदे
जामुन दांतों और मसूड़ों की अच्छी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके बीजों में कैल्शियम होता है। इसके इस्तेमाल से दांत और मसूड़े मजबूत रहते हैं। जामुन बीज में पाए जाने वाले कैल्शियम का सेवन करने से दांत मजबूत बने रहते हैं और इनका विकास सही से होता है।
पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए जामुन की पत्तियां
इस फल में कच्चा फाइबर होता है। कच्चा फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए बहुत उपयोगी होता है। यदि आपकी पाचन क्रिया कमजोर है तो जामुन की पत्तियों का उपयोग कुछ अन्य जड़ीबूटियों के साथ चिकिस्तक की सलाह से कर सकते है।
गैस्ट्रिक समस्या के लिए जामुन के चूर्ण के फायदे
अगर आप गैस्ट्रिक की समस्या से जूझ रहे हैं तो जामुन इस्तेमाल से आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं। जामुन के चूर्ण बीज का अर्क पानी में मिलाकर पीने से गैस की समस्या दूर होती है। इसके लिए जामुन के बीजों को धोकर साफ कर धूप में सुखा लें। एक स्क्वैश छीलें, इसे कद्दूकस कर लें और रस निचोड़ लें। फिर बीजों को सुखाने के बाद उन्हें बारीक पीसकर पाउडर बना लें। रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं।
जामुन के फायदे
हड्डियां और प्रतिरोधी क्षमता – इस फल में विभिन्न प्रकार के मिनिरल जैसे कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और विटामिन सी अच्छी मात्रा में है। इसकी वजह से यह हड्डियों के लिए फायदेमंद तो है ही, साथ ही शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है।
हिमोग्लोबिन बढ़ाता है – एनिमिक लोगों के लिए जामुन का सेवन संजीवनी बूटी की तरह ही है। अन्नामलाई विश्वविद्यालय के शोध की मानें तो इसके नियमित सेवन से रक्त में हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ जाता है।
दिल के रोगों से बचाव – जामुन में पोटैशियम की मात्रा अधिक है। 100 ग्राम जामुन के सेवन से शरीर को 55 मिलीग्राम पोटैशियम मिलता है। इससे दिल का दौरा, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक आदि का रिस्क कम होता है।
पिंपल्स दूर करने में असरदार – बढ़ते स्ट्रेस, हॉर्मोनल डिस्बैलेंस और जंकफ़ूड के सेवन की वजह आजकल पिंपल्स होना एक आम समस्या हो गयी है। जामुन के रस का उपयोग पिंपल्स को कम करने किया जाता है। जामुन या इसकी पत्तियों के रस को स्किन पर लगाने से ये स्किन पर बढ़ते हुए ऑइल और सीबम के सेक्रेशन को रोकता है। इससे पिंपल्स की समस्याओ में आराम मिलता है।
रक्त को शुद्ध करे – जामुन बहुत से गुणों से भरपूर फल है। ये बाहर और भीतर दोनों तरह से शरीर को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जामुन की छाल एक ब्लड प्यूरीफायर है जो आपके खून को अंदर से साफ करते हुए आपकी स्किन का बाहर से ख्याल रखती है। अगर आपका खून प्यूरीफाइड तो आपका मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है और आपकी स्किन खूबसूरत नजर आती है।
आंखों के लिए जामुन के फायदे –आंखों में जलन, कीचड आना और दर्द आज के समय की सच्चाई बन गए हैं। लगातार इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन के सामने बैठना आंखों के लिए खतरनाक है। बच्चों हो या बड़े, सभी को आंखों से संबंधित परेशानी होती ही हैं। जामुन के 15-20 मुलायम पत्तों को 400 मिली पानी में पका लें। जब यह काढ़ा एक चौथाई बच जाए, तो इसे ठंडा करके इससे आंखों को धोएं। इससे आंखों की समस्या में लाभ होता है।
कान के रोग में जामुन के फायदे – कानों में समस्या भी आजकल बेहद आम है। कभी-कभी घाव होने पर या अन्य कारणों से कान से पस निकलने लगता है। इसके लिए जामुन की गुठली को पीसकर शहद में मिला लें। ये एक बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा है और इसकी 1-2 बूंद कान में डालने से कान का बहना, कान में दर्द आदि बन्द हो जाता है।
दांत दर्द के लिए जामुन के फायदे – दांत का दर्द भी आजकल बेहद कॉमन है। जामुन का स्वाद और तासीर कसैली होती है। इसका उपयोग दांतों की समस्या से आराम दिलाने के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए जामुन के पत्तों को जलाकर उसकी राख बना लें। इसे मंजन की तरह दांत और मसूड़ों पर मलने से दांत और मसूड़े स्ट्रॉन्ग होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, जामुन के पके हुए फलों का रस निकाल लें और इससे कुल्ला करें। ऐसा करने से पाइरिया ठीक होता है।
मुंह के छालों में जामुन के पत्तों का उपयोग – पेट के गर्म होने, बढ़ने या खानपान में बदलाव के कारण अक्सर लोगों को मुंह के छालों की समस्या से गुजरना पड़ता है। जामुन के पत्तों के रस से कुल्ला करने पर मुंह के छालों में आराम होता है। जामुन की कसैली तासीर छालों की लाली और इनसे होने वाले दर्द को कम करते हैं। इसके साथ ही जामुन गले में होने वाले दर्द और गले की अन्य समस्याओं से आराम दिलाने बहुत फायदेमंद है। 10-15 मिली जामुन के फल के रस का नियमित सेवन गले की समस्याओं से भी आराम दिलाता है। इसके अलावा, गले के दर्द में 1-2 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल के चूर्ण का सेवन करें। ये चूर्ण आपको किसी भी आयुर्वेदिक शॉप में मिल जाएगा। इस चूर्ण का सेवन शहद के साथ करना फायदेमंद होता है।
जामुन दिलाए डिसेंट्री से आराम – डिसेंट्री जिसे पेचिश भी कहा जाता है, पेट की ऐसी समस्या है जहां मल के साथ खून आने लगता है। ये बेहद दर्दनाक समस्या होती है। इससे आराम दिलाने के लिए भी जामुन का इस्तेमाल किया जा सकता है। जामुन की छाल का रस निकाल लें और इसे बराबर मात्रा में बकरी के दूध के साथ पियें। इससे डिसेंट्री में आराम मिलता है। इसके अलावा जामुन के पेड़ की 10 ग्राम छाल को 500 मिली पानी में पकाएं। जब यह एक चौथाई बच जाए तो पिएं। इससे भी डिसेंट्री में आराम मिलता है। यह काढ़ा 20-30 मिली की मात्रा में दिन में 2 से 3 बार पीना चाहिए। ये पेट से जुडी समस्याओं के लिए बहुत फायदेमंद है।
बवासीर या पाइल्स में फायदेमंद जामुन – पाइल्स एक ऐसी समस्या है जो किसी को भी परेशान कर सकती है। मल के साथ होने वाला दर्द और खून बहुत परेशानी का कारण बन सकता है। पाइल्स होने पर जामुन के फूलों के 20 मिली रस में थोड़ी-सी शक्कर मिला लें। इसे दिन में तीन बार पीने से पाइल्स से बहने वाला खून बन्द हो जाता है। इसके साथ ही 10 ग्राम जामुन के पत्तों को 250 मिली गाय के दूध में अच्छे से मिलाकर पीना भी पाइल्स की समस्या दूर करने में असरदार साबित होता है। लगातार सात दिनों तक दिन में 3 बार पीने से बवासीर में बहने वाला खून बन्द हो जाता है।
पथरी का इलाज करे जामुन – पथरी का किडनी स्टोन की समस्या भी आजकल बहुत कॉमन हो गयी है। इसमें आराम दिलाने में भी जामुन बहुत फायदेमंद साबित होता है। ऐसा कहा जाता है कि पके हुए जामुन के फल को खाने से पथरी गल कर निकल जाती है। इसके साथ ही जामुन के 10 मिली रस में थोड़ा सा सेंधा नमक मिला लें। कुछ दिनों तक दिन में 2-3 बार रोज पीने से यूरिनरी ट्रैक में फंसी हुई पथरी टूटकर पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है।
डायबिटीज के इलाज में जामुन – बहुत सारी स्टडीज बताती हैं कि जामुन में हाइपोग्लाइसिमिक गुण पाए जाते हैं। इसका नियमित सेवन ब्लड शुगर को 30% तक कम करने में फायदेमंद साबित होता है। जामुन के बीज में अल्केलॉइड्स होते हैं जो ब्लड सुगर घटाने में मददगार साबित होते हैं। जामुन की गुठली के पाउडर का सेवन डायबिटीज की समस्या से आराम दिलाने और ब्लड शुगर को कम करने में मददगार होता है। अगर आप डायबिटीज की दवाओं का सेवन कर भी रहे हैं, तब भी जामुन की गुठली के पाउडर का सेवन आप कर सकते हैं।
बालों और स्किन के लिए जामुन के फायदों
जामुन केवल सेहत को ही नहीं बल्कि बालों और स्किन को भी कई तरह के फायदे देता है. हम आपको बालों और स्किन के लिए जामुन के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं-
मुहांसे करे दूर- मुंहासे दूर करने के लिए जामुन का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप आठ-दस जामुन लेकर इसको धो लें. फिर इसकी गुठली को अलग कर के इसके पल्प से रस निकाल लें. इस रस को कॉटन बॉल की मदद से फेस पर लगाएं. बीस मिनट बाद चेहरा सादे पानी से धो लें।
स्किन के लिए- आपकी स्किन ज्यादा ऑयली है तो सात-आठ जामुन का रस निकाल लें. इसमें आठ-दस बूंद चावल का पानी और इतना ही आंवले का रस मिला लें. इन सबको अच्छी तरह से आपस में मिक्स कर लें. इस मिश्रण को कॉटन बॉल के ज़रिये चेहरे पर लगाएं. बीस मिनट के बाद चेहरा धो लें.
बालों के लिए – रूखे, बेजान बालों की समस्या से जूझ रहे हैं तो जामुन का हेयरमास्क आपके काफी काम आ सकता है. सके लिए जामुन की चार-पांच गुठली लेकर सुखा लें और इनको बारीक पीसकर पाउडर बना लें. अगर ये मुमकिन नहीं हो तो किसी भी हर्बल शॉप से जामुन की गुठली या इसका पाउडर खरीदा जा सकता है. मास्क बनाने के लिए आप चार-पांच चम्मच मेहंदी लें. इसमें एक चम्मच दही और एक चम्मच शहद मिलाएं और एक चम्मच जामुन की गुठली का पाउडर मिला लें. इन सबको आपस में अच्छी तरह से मिक्स करके गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें. फिर इस पेस्ट को अपने स्कैल्प और बालों पर अच्छी तरह से अप्लाई करें. दो घंटे के लिए इसको लगा रहने दें फिर शैम्पू कर लें।
जामुन के साथ कभी नहीं खानी चाहिए ये 4 चीजें
जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक उसी तरह जामुन के भी कुछ नुकसान हैं. असल में खाने की ऐसी कई चीजें हैं जिन्हें अगर जामुन के साथ खाया जाए तो शरीर को नुकसान भी हो सकता है. वहीं, खाली पेट भी जामुन नहीं खाए जाते क्योंकि इसका सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. आइए जानें, कौनसे हैं ये फूड जिन्हें जामुन के साथ खाने से खासा परहेज करने की जरूरत होती है।
हल्दी – हल्दी अपनेआप में ही कई फायदों से भरपूर है. इसे औषधी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन, जब बात हल्दी को जामुन के साथ खाने की आती है तो मामला जरा गड़बड़ा जाता है. जामुन और हल्दी एकसाथ मिलकर रिएक्ट करते हैं जिससे शरीर पर इसके दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं, खासकर पेट में गड़बड़ी होने की संभावना बढ़ जाती है।
अचार – चटपटा अचार यूं तो खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है पर कुछ चीजों के साथ इसे खाना सेहत से समझौता करने जैसा हो जाता है. इन्हीं में से एक चीज है जामुन. अचार को जामुन के साथ खाने पर पेट खराब होने की दिक्कत हो सकती है और पेट में दर्द भी उठ सकता है।
दूध – जामुन के साथ या जामुन खाने के तुरंत बाद दूध पीना एक गलत फैसला हो सकता है, कारण है दूध का जामुन के साथ रिएक्ट करना. इससे अपच और पेट दर्द की दिक्कत हो सकती है. इसलिए बेहतर है कि आप नमक लगाकर ही जामुन खाएं और दूध की जामुन से दूरी बना लें।
पानी – ऐसे कई फूड हैं जिनके साथ या जिन्हें खाने के तुरंत बाद पानी पीने की सलाह नहीं दी जाती है. इससे दस्त और अपच की संभावना बढ़ जाती है और पेट में गैस या एसिडिटी भी हो सकती है. इसलिए जामुन खाने के कम से कम आधे घंटे बाद पानी का सेवन करना चाहिए।
जामुन के घरेलू उपाय
* जामुन की गुठलियों को पानी में भिगोकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के पिंपल्स ठीक हो जाते हैं। मुल्तानी मिट्टी, चंदन पाउडर और बैंगनी पाउडर का मिश्रण चेहरे पर नियमित रूप से लगाने से मुंहासों से छुटकारा मिलता है।
* विषैले कीटों और चींटियों के काट लेने पर जामुन की पत्तियों को कुचलकर उसका लेप लगाया जाए तो तुरंत आराम मिलता है।
* किडनी की समस्या वाले लोगों को जामुन के बीज के चूर्ण को दही में मिलाकर खाना चाहिए।
* जामुन की पत्तिया बुखार के स्तर को कम करने के लिए मदद करता है। बुखार कम करने के लिए जामुन की पत्तियों का उपयोग कर सकते है।
* जामुन की गुठली की गिरी को पीस लें। ये पिसी हुई गिरी दो कप पानी में डालकर उबालें। एक कप रह जाये तब छान कर स्वाद के अनुसार चीनी मिलाकर पी लें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से दमा में आराम मिलेगा।
* यदि कोई पेचिश से अधिक परेशान है तो जामुन की पत्तियों का उपयोग कर सकते है।
* जामुन के बीजों का चूर्ण की 2-2 ग्राम मात्रा बच्चों को देने से बच्चे बिस्तर पर पेशाब करना बंद कर देते हैं।
* जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाने से पथरी में फायदा होता है। लीवर के लिए जामुन का प्रयोग बहुत फायदेमंद होता है।
* काला नमक डालकर पकी हुई मीठी जामून खाने से भी बैठा गला ठीक होता है।
जामुन खाने के नुकसान
अति हर चीज की बुरी होती है। जामुन का भी सेवन अगर आप सही मात्रा में करते हैं तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है लेकिन वहीं अगर आप इसका ज्यादा सेवन करते हैं तो ये आपके स्वास्थ्य को खराब भी कर सकता है। हर चीज के अपने गुण और अवगुण दोनों ही होते हैं। उसी तरह जामुन खाने के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। इसलिए जामुन के नुकसान जानने के बाद ही आप इसका सेवन करें।तो आइए जानते हैं जामुन खाने के नुकसान और सावधानियों के बारे में –
* खाली पेट जामुन खाने से पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
* एक ही बार में ज्यादा मात्रा में जामुन खाने से बुखार भी आने लगता है। इसीलिए इसमें हमेशा नमक मिलाकर खाना चाहिए।
* जामुन अधिक खाने से पेट और फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। यह देर से पचता है, कफ बढ़ाता है, तथा फेफड़ों के विकार का कारण बनता है।
* प्रेगनेंसी के दौरान भी जामुन ज्यादा खाने से खांसी और पेट खराब होने की समस्या हो सकती है।
* कच्चे या अधपके जामुन खाने से भी तबियत बिगड़ सकती है। इसीलिए हमेशा पके जामुन ही खाने चाहिए।
* स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए जामुन का सेवन हानिकारक हो सकता है।
* जामुन खाने के तुरंत बाद दूध, दही और आचार का सेवन भूलकर भी न करें। ये आपको बहुत गंभीर बीमारी की चपेट में ला सकता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।