हाल ही में हुए एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार 33 प्रतिशत छात्र मानते हैं कि ऑनलाइन क्लास के दौरान वे अपना ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं. इससे तो अंदाजा लगा ही सकते हैं कि बच्चों के ऑनलाइन क्लास पर किस तरह ध्यान देने की जरूरत है।
कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए पिछले एक साल से बच्चों के स्कूल बंद है. जिससे बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे ऐसे में सरकार के जारी नोटिस के आधार पर पिछले कुछ समय से स्कूल और ट्यूशन टीचर द्वारा ऑनलाइन क्लास स्टार्ट हो गया है। बच्चे घर पर अपने मम्मी-पापा के मोबाइल, लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप पर पढ़ाई कर रहे हैं. अधिकतर बच्चे ऑनलाइन क्लासेस से खुश है, क्यूंकि उनको कुछ दिन पहले मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप जो कभी मम्मी-पापा द्वारा छूने को नहीं मिल रहा था, आज क्लास के लिए मिल रहा है, लेकिन इस सब के बाद भी बच्चों के ऑनलाइन क्लासेस को सही बनाने के लिए पैरेंट्स को भी कुछ बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत है. बच्चों के ऑनलाइन क्लासेस में कोई परेशानी नहीं आए इसके लिए हम लेकर आये है कुछ आईडिया..
पढ़ाई के लिए शांत वातावरण तैयार करें
कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों के क्लासेस ऑनलाइन हो गए, ऐसे में ऑनलाइन क्लास के लिए सबसे ज़रूर है कि बच्चे लिए एक ऐसा रूम या फिर जगह तैयार करे जहां वो शांति से पढ़ाई कर सके। कभी-कभी बच्चे को हम ऐसी जगह क्लास के लिए बैठा देते हैं जहां घर के कई सदस्य आते-जाते रहते हैं। इससे बच्चे का ध्यान भटक जाता है और फिर पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं। इलसिए सबसे पहले बच्चे की ऑनलाइन क्लासेस के लिए एक शांत जगह का चुनाव ज़रूर करें।
क्लासेस के ब्रेक में जाकर मिलें
ऑनलाइन क्लासेज में एक क्लास लगभग 30 से 45 मिनट का होता है. 30 से 45 मिनट के क्लास के बाद दस मिनट का ब्रेक ज़रूर होता है. इस ब्रेक के दौरान बच्चे से जाकर ज़रूर मिले और उसे प्रोत्साहित ज़रूर करें। उनसे ये भी पूछे कि कुछ चाहिए तो नहीं या कोई दिक्कत तो नहीं? सब ठीक है ना? ऐसे सवाल पूछने से बच्चे में सकारात्मक सोच बनी रहती है।
नेट स्पीड पर खास ध्यान रखें
बच्चों के ऑनलाइन क्लासेज शुरू होने से पहले ही आप यह देख ले की मोबाइल, लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप में जो नेट चल रहा है वो ठीक से काम कर रहा है की नहीं कई बार नेट प्रॉब्लम होने से बच्चे की पढ़ाई में रुकावट की वजह बन जाती है. ये भी ध्यान दें कि जिस जगह बच्चा क्लास लें रहा है उस जगह नेटवर्क या नेट चलने में कोई दिक्कत तो नहीं हो रही।
क्लासेस के समय वीडियो गेम, सोशल मीडिया से दूरी बना के रखे
ऑनलाइन क्लास करते समय बच्चे कई बार कुछ टाइम मिला नहीं कि मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप के दूसरे पेज में वीडियो गेम, सोशल मीडिया या कुछ और देखने या खेलने लगते हैं. इसलिए बच्चों के क्लास के दौरान इन बातों का भी ध्यान रखें ताकि बच्चे अच्छे से पढाई कर सकें.
सही टेबल और कुर्सी का चयन
बच्चे को साफ-सुथरी और व्यवस्थित टेबल के सामने बैठकर ही ऑनलाइन क्लास अटेंड करने को बोलें। इस बात का ध्यान रखें कि क्लास अटेंड करते वक्त टेबल पर सामान बिखरे ना हों. क्यूंकि टेबल पर चीजों के बिखरे पड़े रहने से टेबल अस्त-व्यस्त दिखता है जिसका बच्चे के पढ़ाई पर फोकस करने की क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. इसलिए टेबल को हमेशा साफ-सुथरा रखें।
बड़ी स्क्रीन का चयन करें
आंखों के लिए बड़ी स्क्रीन बहुत बेहतर मानी जाती है. छोटी स्क्रीन की तुलना में आंखों पर इसका दुष्प्रभाव बहुत कम होता है. अगर संभव हो तो बच्चे की ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल फोन की जगह लैपटॉप या डेस्कटॉप की व्यवस्था करें।
पढ़ाई के लिए जरूर स्टेशनरी
आपके बच्चे के पास पढ़ाई की तमाम सामग्रियों जैसे पेन, पेंसिल, शार्पनर,रबर आदि उसकी पहुंच में होनी चाहिए. ये सभी चीजें उसकी टेबल पर एक पेंसिल बॉक्स में रखकर रख दें, ताकि बार-बार इन चीजों की तलाश में बच्चे को अपनी कुर्सी से उठना ना पड़े।
विषय के अनुरूप किताब कॉपी की व्यवस्था
बच्चे को ऑनलाइन क्लासेज का टाइम टेबल तो स्कूल से जरूर मिलता है अतः क्लास शुरू होने से पहले बच्चे को उस दिन के विभिन्न विषय के टाइम टेबल के अनुरूप कॉपी किताबें उसकी टेबल पर जमा करने के लिए बोलें। इससे वह कुर्सी पर बैठे-बैठे ही सभी पीरियड के लिए आवश्यक कॉपी किताबें आसानी से ले सकेगा। उन्हें लेने के लिए बच्चे को दूसरी जगह जाना नहीं पड़ेगा।
बच्चे को पूरी तैयारी से बैठाएं
ऑनलाइन क्लास शुरू होने से पहले सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा नहा धोकर, नाश्ता करके और स्कूल ड्रेस पहन कर फोन या लैपटॉप के सामने ऑनलाइन क्लास अटेंड करें।
आंखों की परेशानियों से ऐसे करें बचाव
ऑनलाइन क्लास होने के बाद बच्चे को ज्यादा देर तक टीवी देखने या गेम खेलने की अनुमति मत दें, स्क्रीन पर लगातार अधिक समय तक देखने से आंखों में खिंचाव होना शुरू हो जाता है, जिससे आंखों में पानी आना, सूखापन, लाली, जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इन परेशानियों से बचाव के लिए बच्चे को हर 15 मिनट के अंतराल पर 1 मिनट के लिए आंखें बंद करने के लिए बोलें। इससे आंखों को आराम मिलेगा।
बच्चे की समस्या का समाधान करें
ऑनलाइन टीचिंग में टीचर विद्यालय की कक्षा की तरह हर बच्चे पर अपनी नज़र नहीं रख पाती है कि वे उसका लेक्चर पूरे ध्यान से सुन और समझ रहे हैं या नहीं। फोन या लैप टॉप पर ऑनलाइन लेक्चर को पूरी एकाग्रचितता से सुनना बच्चों के लिए बहुत कठिन होता है। कमज़ोर कॉन्सनट्रेशन पावर वाले बच्चे ऑनलाइन पढ़ाए जा रहे टौपिक को क्लास रूम की तरह अच्छी तरह से नहीं समझ पाते हैं। पढ़ाई से जी चुराने वाले कई बच्चे पढ़ाई से बचने के लिए बहाने बहाने से क्लास छोड़ कर उठते हैं। कई बार बच्चे नेट कनेक्शन या औडियो में व्यवधान के चलते टीचर का पूरा लेक्चर नहीं सुन पाते। इसलिए बच्चा पढ़ाए जाने वाले टॉपिक्स अच्छी तरह से नहीं समझ पाता है और तनावग्रस्त हो जाता है। अतः आजकल ऑनलाइन क्लास के दौरान अपने बच्चे से निरंतर बातचीत करते रहें कि उसे ऑनलाइन पढ़ाई करने में कोई दिक्कत तो नहीं आरही। यदि वह अपनी कोई समस्या आपको बताता है तो तुरंत उसके बारे में उसकी क्लास टीचर से बात कर उस समस्या के निराकरण के लिए कदम उठाएं।
फेस बुक डिस्क्रिप्शन
कोविड-19 के प्रकोप के संदर्भ में आजकल स्कूलों द्वारा स्कूली विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन क्लास आयोजित की जा रही हैं। आइए जानते हैं इन कक्षाओं के दौरान अभिभावकों को अपने बच्चे की प्रभावी लर्निंग के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
गूगल डिस्क्रिप्शन:
कोविड-19 के प्रसार की पृष्ठभूमि में पूरे देश में स्कूलों द्वारा अपने विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन क्लासेस चलाई जा रही है। आइए जानते हैं इन कक्षाओं के दौरान अभिभावकों को अपने बच्चे की प्रभावी लर्निंग के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
समय पर लॉग-इन करें
जैसे हम स्कूल के लिए कभी लेट नहीं होते, वैसे ही ऑनलाइन क्लास के लिए लेट होना भी सही नहीं है। आजकल ऑनलाइन क्लास में भी टीचर आपकी हाजरी लेती हैं, इसलिए अगर बच्चे का ऑनलाइन क्लास का शेड्यूल आ चुका है तो माता-पिता इस बात का ख्याल रखें कि बच्चा क्लास के लिए लेट न हो।
सभी बच्चे अपने कैमरा ऑन रखें
ऑनलाइन क्लास है, जिसमें बच्चे के टीचर बच्चों पर सिर्फ और सिर्फ बच्चों के मोबाइल और लैपटॉप के कैमरा ऑन होने पर ही उन्हें देख सकते हैं। इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपना कैमरा ऑन रखें।
कॉपी-पैन या पेंसिल लेकर बैठें
किसी भी सामान्य क्लास की तरह ऑनलाइन क्लास भी होती है। जहां टीचर के समझाने के साथ बच्चों को लिखना भी होता है। बड़े बच्चे तो टीचर के बोलते-बोलते ही अपने नोट्स भी बनाते हैं। इसीलिए क्लास के शुरू होने से पहले ही अपनी जरूरत का सभी सामान लेकर बैठना चाहिए। आप एक की जगह दो पैन या पैंसिल और इरेजर अपने साथ रखें। ताकि आप अपनी क्लास को बिल्कुल भी मिस न करें।
सेहतमंद चर्चा करें
अगर बच्चों को टीचर अपने विचार रखने का समय दे तो इधर-उधर की या बेतुकी बातें करने से बेहतर है कि वे सेहतमंद चर्चा करें। इसके लिए जरूरी है कि बच्चे दूसरे बच्चों के विचारों को ध्यान से सुने और उन्हें भी स्वीकार करें।
हमेशा सजग रहें
आप ऑनलाइन क्लास में हैं और टीचर का ध्यान सभी पर एक साथ नहीं हो सकता, यह सोच कर काफी बच्चे इधर-उधर देखना शुरू कर देते हैं। लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होने वाली ऑनलाइन क्लास बिल्कुल वैसी ही है, जैसी आपके स्कूल में कभी भी, किसी से भी टीचर सवाल-जवाब कर सकते हैं।
अपना होमवर्क पूरा करके रखें
अक्सर ऑनलाइन क्लास में टीचर पहले पढ़ाए गए विषय के बारे में भी पूछ लेते हैं, इसीलिए जरूरी है कि बच्चे पिछली क्लास में दिए गए होमवर्क या काम को पूरा कर लें। हां, अगर उन्हें कोई परेशानी है या उनका कोई सवाल हो तो वे अगली क्लास में प्रश्नकाल के दौरान अपना सवाल या परेशानी टीचर से पूछ सकते हैं।
अपना परिचय जरूर दें
आमतौर पर ऑनलाइन क्लास की शुरुआत में ही टीचर अपने छात्रों से उनका परिचय मांग लेती हैं। अगर ऐसा नहीं हो पाया हो तो आप लिखित मैसेज के जरिये अपने टीचर को अपना परिचय जरूर दें। इसमें वे बताएं कि उनका नाम क्या है और वे किस क्लास में हैं।
सभी बोलना शुरू न कर दें
अगर किसी बच्चे को टीचर का पढ़ाया गया कुछ समझ नहीं आ रहा तो उन्हें एकदम से बोलना शुरू नहीं कर देना चाहिए। ऑनलाइन क्लासेस के दौरान सभी को एक साथ नहीं बोलना चाहिए। अक्सर क्लासेज किसी ऐप के जरिये होती हैं। जिनमें म्यूट (mute) यानि आपकी आवाज दूसरों को न जाए, यह बटन होता है। इसे आप क्लास के शुरू होते ही क्लिक कर दें और अगर आपको कुछ पूछना हो तो लिखकर या ऐप में हैंड का संकेत बना होगा, उसका इस्तेमाल कर पूछें।
अभद्र भाषा का प्रयोग न करें
आप घर पर हैं, लेकिन हैं क्लास में। इसीलिए बच्चों और बड़ों दोनों को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि ऑनलाइन क्लास के दौरान कोई भी गलत शब्द या गलत भाषाा का प्रयोग न करें। आपके द्वारा बोली गई हर बात सभी के कानों तक जाएगी और यहां तक रिकॉर्डिंग भी हो सकती है। इसीलिए क्लास में शिष्टाचार को बनाए रखें।
क्लास के दौरान खाएं-पिएं नहीं
अक्सर बच्चे अपना कैमरा और माइक बंद कर क्लास के दौरान भी खाते-पीते हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अपनी रूटीन और अनुशासन में रहे तो आपको क्लास के दौरान उन्हें खाने-पीने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। बल्कि उन्हें क्लास से पहले या दो क्लासेज के दौरान खाने-पीने को कहें।
घर की चीजों पर ध्यान न दें
बच्चों को चाहिए कि जब वे अपनी ऑनलाइन क्लास में हों तो वे अपने घर पर चल रहे बाकि सभी चीजों को भूल कर पूरा ध्यान क्लास में पढ़ाई पर दें।
मोबाइल का उपयोग न करें
क्लास के दौरान बच्चों को मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर इस दौरान मोबाइल पर कोई मैसेज या कॉल आ भी जाती है तो उसे अभी अटेंड न करें। न ही आप अपने दोस्तों के साथ बातचीत करने के लिए किसी अन्य ऐप का इस्तेमाल करें।
जानकारी के अन्य माध्यमों की अनदेखी न करें
ऑनलाइन क्लासेज में समय की पाबंदी बहुत बड़ी कमी है। ऐसे में टीचर्स विस्तृत जानकारी देने के लिए अन्य माध्यमों जैसे कि अन्य वेबसाइट्स या वीडियोज के लिंक आपसे जरूर साझा करते हैं। आप क्लास के बाद इन्हें जरूर देखें।
हर जगह चुप न रहें
कुछ बच्चे दूसरों के सामने अपने प्रश्न पूछने से घबराते हैं। लेकिन ऑनलाइन क्लास के बाद आपके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है, अपने टीचर से बात करने का। इसीलिए जहां जरूरी लगे वहां अपने सवाल जरूर पूछें।
बहुत ज्यादा पास से गैजेट्स का इस्तेमाल न करें
डिजिटल गैजेट्स का इस्तेमाल बच्चों में बढ़ गया है. इसके सबसे ज्यादा गंभीर परिणाम बच्चों की आंखों और दिमाग पर होता है. कई बच्चों में स्क्रीन एडिक्शन से भाषा और बोलने की प्रक्रिया का विकास बाधित हो सकता है। भारतीय बच्चों में स्मार्टफोन, टैबलेट, आईपैड और लैपटॉप की वजह से मानसिक विकास प्रभावित होता है. बहुत पास से स्क्रीन का इस्तेमाल न करने दें क्योंकि बच्चों की आंखें कमजोर होती हैं।
ऑनलाइन क्लास के बाद कराएं कुछ क्रिएटिव वर्क
जो बच्चे डिजिटल स्क्रीन के साथ अधिक वक्त गुजारते हैं, उनकी क्रिएटिविटी कम हो जाती है. यह उनके मानसिक विकास के लिए बेहतर नहीं है. ऐसे में यदि बच्चा रोज ऑनलाइन क्लास ले रहा है तो उसके साथ कुछ शारीरिक खेल और बगैर गजैट्स वाले क्रिएटिव गेम या होम वर्क भी जरूर करवाना चाहिए ताकि दिमागी कसरत भी होती रहे।
बच्चों को डिजिटल उपकरणों के बुरे प्रभाव समझाएं
आमतौर पर बच्चों में डिजिटल गैजेट्स के प्रति बहुत ज्यादा आकर्षण होता है और कुछ बच्चे इनके प्रति बहुत ज्यादा जिद भी करते हैं. ऐसे बच्चों को इनका नकारात्मक प्रभाव समझाना चाहिए, लेकिन इस बात का जरूर ध्यान रखें कि बच्चे को डांटे या मारे बिल्कुल नहीं. अन्यथा इसका भी उसके व्यवहार पर बुरा असर होगा. बच्चे को प्यार से समझाएंगे तो जल्दी आपकी बात मानेगा और सुधार भी होगा।
बच्चे के पर्याप्त आराम का भी रखें ध्यान
महामारी की वजह से ऑनलाइन क्लास चल रही है. यदि बच्चा ज्यादा समय तक स्क्रीन से सामने बैठा है तो उसके सोने के टाइम का भी पर्याप्त ध्यान रखें. बच्चों के कंधों, पीठ और आंखों में दर्द होने लगा है तो पीठ व कंधों पर तेल लगाकर मालिश भी की जा सकती है. कम्यूटर या मोबाइल स्क्रीन पर ब्लू स्क्रीन लगाएं।
बच्चा ऑनलाइन क्लास के दौरान जिस गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहा है, उस पर आंखों की सुरक्षा के लिए एंटी लेयर आई गार्ड जरूर लगाएं या बच्चों के लिए ब्लू रे वाला चश्मा भी लिया जा सकता है. इससे बच्चों की आंखों पर हानिकारक किरणों का प्रभाव कम हो जाता है. बच्चे को स्क्रीन के सामने से हर 10 से 15 मिनट से लिए दूर भी कर देना चाहिए. ऑनलाइन क्लास के दौरान बच्चे के साथ माता या पिता में से किसी का साथ बैठना फायदेमंद साबित होता है. इससे बच्चे को गैजेट्स के फंक्शन समझने में भी आसानी होती है।
ऑनलाइन क्लास के फायदे
बच्चे में पढ़ाई के लिए निरंतरता बनी रहती है।
ऑनलाइन क्लास के चलते उनकी रूटीन सुधर सकती है।
उनका टीचर से संपर्क बना रहता है।
एक्टिविटी शीट के मुकाबले ऑनलाइन क्लास में वे अपने सवाल टीचर से पूछ सकते हैं।
दूसरे बच्चों के सवाल और जवाब भी सुन सकते हैं।
बच्चे कितने भी बड़े हो जाएं, लेकिन ऑनलाइन क्लासेज उनके लिए भी नया फॉर्मेट है, जिसे स्वीकार करने और सीखने के लिए उन्हें भी अभी वक्त लगेगा। ऐसे में माता-पिता को अपने बच्चों को समय प्रबंधन और समय के सदुपयोग के बारे में भी सीखाना काफी जरूरी है। घर पर पढ़ाई का यह मतलब कतई नहीं है कि आपका बच्चा बिल्कुल भी न पढ़े और यह भी नहीं है कि आप सारा दिन उसे पढ़ने के लिए ही कहते रहें। बच्चों की असली मदद यह होगी कि आप उन्हें इस वक्त को समझने और उसके अनुसार काम करना सीखाएं।