आमतौर पर इसे ककोड़े, मीठा करेला, केकरोल, कोरोला, करटोली आदि नामों से भी जाना जाता है। ये करेले की ही एक प्रजाति है, लेकिन इसका स्वाद करेले जैसा कड़वा नहीं होता इसलिए इसे मीठा करेला कहा जाता है. आयुर्वेद में इसे सबसे ताकतवर सब्जी माना गया है। इसे औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इस सब्जी में इतनी ताकत होती है कि महज कुछ दिन के सेवन से ही आपका शरीर फौलादी बन जाता है। ककोरे में मीट से 50 गुना ज्यादा ताकत और प्रोटीन होता है। इसकी सिर्फ सब्जी ही फायदेमंद नहीं होती, बल्कि इसकी जड़ और पत्ते भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। ककोरा एक बेल में फलने वाला फल है, जिसका व्यास लगभग 2-3 सेमी होता है। इसका रंग हरा होता है। जब यह पकता है तो यह हल्का पीला हो जाता है। ककोरा की बाहरी सतह को छीलकर इनसे कई प्रकार के व्यंजन बना सकते हैं, जो स्वादिष्ट होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसी वजह से हम कंटोला के फायदे और उपयोग के बारे में बता रहे हैं। साथ ही यहां हम सावधानी के तौर पर कंटोला के नुकसान भी बताएंगे। यहां दी गई सभी जानकारियां विभिन्न शोधों पर आधारित है। चलिए, फिर जानते हैं कंटोला के बारे में।
ककोरा में मौजूद पोषक तत्व
कंटोला में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, फाइबर, बहुत से खनिज पाए जाते हैं। इसके अलावा ककोरा में एस्कॉर्बिक एसिड, कैरोटीन, थियामिन, रिबोफ्लेविन और नियासिन जैसे आवश्यक विटामिनों की कम मात्रा उपस्थित रहती है। इन सभी पोषक तत्वों की मौजूदगी के कारण यह हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। कंटोला में मौजूद गुण और पोषक तत्व सेहत के लिए फायदेमंद माने गए हैं। इसी वजह से हम नीचे प्रति 100 g कंटोला में पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट वेल्यू के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
पोषक तत्वमात्रा
एनर्जी288.25 kcal, कार्बोहाइड्रेट7.7 g, प्रोटीन3.1 g, वसा3.1 g, फाइबर3.0 g, मिनरल1.1 g, कैल्शियम50 mg, सोडियम150 mg, पोटैशियम830 mg, आयरन14mg, जिंक134 mgटोटल फैनोलिक कंपाउंड370 mg, फाइटिक एसिड280 mg
रक्त प्रवाह की समस्याओं को करे दूर
ककोरा का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से रक्त प्रवाह में आने वाली समस्याओं को दूर किया जा सकता है। रक्त प्रवाह में आने वाली समस्याएं दिल की बीमारी से जुड़ी होती हैं। दिल से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए ककोरा जरूर खाएंफायदेमंद होता है।
डायबिटीज रखे कंट्रोल में
बरसाती मौसम में मिलने वाली यह सब्जी डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। ककोरा का नियमित सेवन करने से मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद फाइटो-पोषक तत्व, पॉलीपेप्टाइड-पी शरीर में मौजूद अतिरिक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
आंखें रहें स्वस्थ
आंखों को स्वस्थ्य रखने के लिए भी ककोरा फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है। विटामिन ए आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। इसे आहार में शामिल करके अपनी द्रष्टि में सुधार कर सकते हैं। आंखों से संबंधित अन्य समस्याओं को दूर करने में भी यह मदद करता है।
गर्भवती महिलाएं जरूर खाएं
गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं में तंत्रिका ट्यूब दोष भी शामिल है। ककोरा के ताजे फलों में विटामिन बीसी की अच्छी मात्रा होती है, जो कोशिका विकास और प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इन दिनों इसका नियमित सेवन करने से तंत्रिका दोष के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
कैंसर से बचाए
हमारे शरीर में मौजूद हानिकारक फ्री रेडिकल्स की मौजूदगी के कारण कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। स्पाइनी गोरड के ताजा गहरे हरे रंग वाले फलों में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जो हमारे शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं। विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होने के कारण यह फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में मदद करता है और कैंसर की संभावनाओं को रोकता है।
बुखार
बुखार के लिए ककोरा का सेवन फायदेमंद है ही साथ ही आप इसकी पत्तियों का भी उपयोग कर सकते हैं। बुखार दूर करने के लिए इसकी पत्तियों को पानी में उबालें। इस मिश्रण को ठंडा करने के बाद इसमें 1 बड़ा चम्मच शहद मिलाएं और इसका सेवन करें। इससे बुखार कम हो जाएगा।
पथरी के लिए है बेहतर
गुर्दे (किडनी) में स्टोन की समस्या अधिकांश लोगों को होती है, लेकिन यदि ककोरा या कंटोला के बीज या कंटोला का नियमित सेवन करें तो पथरी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। 10 ग्राम कंटोला के पाउडर को 1 गिलास दूध में मिलाकर नियमित सेवन करने से लाभ हो सकता है। कंटोला के औषधीय गुण मूत्राशय के पत्थरों को हटाने में मदद करते हैं।
बवासीर
बवासीर की समस्या से परेशान हैं, तो इसके पाउडर का उपयोग करें। आप इसके लिए 5 ग्राम कंटोला पाउडर और शक्कर के मिश्रण का नियमित रूप से दिन में दो बार सेवन करें। यह आपकी समस्या का उपचार करने के लिए दवा का काम करता है।
अल्सर के लिए
अल्सर की समस्या से बचाव के लिए भी कंटोला का उपयोग किया जा सकता है। कंंटोला के फल के हाइड्रोअल्कोहल अर्क में एंटीअल्सर गुण होता है। दरअसल, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फ्री-रेडिकल्स को दूर करने वाला प्रभाव गैस्ट्रिक और एसिड को कम करके एंटीअल्सर गुण प्रदर्शित करते हैं।
त्वचा के लिए
कंटोला का उपयोग सेहत के साथ ही त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। कंटोला के पत्तों का पेस्ट त्वचा संबंधी रोग को दूर कर सकता है। इसके कच्चे फल यानी टेंडर कंटोला को मुंहासे की समस्या कम करने के लिए जाना जाता है। साथ ही कंटोला के भुने हुए बीज एक्जिमा और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
इतना ही नहीं, कंटोला की जड़ के पाउडर का उपयोग भी त्वचा के लिए लाभदायक होता है। इसे चेहरे पर लगाने से स्किन सॉफ्ट हो सकती है। साथ ही यह त्वचा पर आने वाले पसीने को कम कर सकता है। इन फायदों के लिए कौन से तत्व व गुण मददगार हैं यह अभी स्पष्ट नहीं है।
हाई बीपी के लिए फायदेमंद
ककोरा में मौजूद मोमोरेडीसिन तत्व और फाइबर की अधिक मात्रा शरीर के लिए रामबाण हैं. मोमोरेडीसिन तत्व एंटीस्ट्रेस की तरह काम करता है, वजन और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है. हाई बीपी नियंत्रित रहने से दिल से जुड़ी परेशानियों से बचाव होता हैं।
पीलिया में लाभकारी
अगर आप पीलिया से जूझ रहे हैं तो ककोरे के जड़ के रस को 1 से 2 बूंद नाक में डालें, काफी फायदा मिलेगा. ये पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अगर आप इसकी सब्जी नहीं खाना चाहते तो अचार बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
वजन घटाने में सक्षम
कंटोला में प्रोटीन और आयरन भरपूर होता है जबकि कैलोरी कम मात्रा में होती है. यदि 100 ग्राम कंटोला की सब्जी का सेवन करते हैं तो 17 कैलोरी प्राप्त होती है। जिससे वजन घटाने वाले लोगों के लिए यह बेहतर विकल्प है।
पाचन क्रिया होगी दुरुस्त
अगर आप इसकी सब्जी नहीं खाना चाहते तो अचार बनाकर भी सेवन कर सकते हैं. आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज के लिए इसे औषधि के रूप में प्रयोग करते हैं. यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
एंटी एलर्जिक
कंटोल में एंटी-एलर्जन और एनाल्जेसिक सर्दी खांसी से राहत प्रदान करने और इस रोकन में काफी सहायक है।
कैसे करें उपयोग
कंटोला का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। यहां पर हम आपको इसके कुछ आम उपयोग के बारे में बता रहे हैं।
भारतीय रसोई में इसका उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है।
इसकी जड़ के पेस्ट को तेज बुखार आने पर पूरे शरीर पर लगा सकते हैं।
कंटोला के पाउडर को पिम्पल से बचाव के लिए त्वचा पर लगाया जा सकता है।
इसकी सूखी जड़ के पाउडर का उपयोग त्वचा को नरम करने और पसीना कम करने के लिए किया जा सकता है।
कंटोला का जूस बनाकर पी सकते हैं।
इसके भुने बीज का पाउडर बनाकर एक्जिमा से बचाव किया जा सकता है।
कब करें उपयोग : कंटोला का उपयोग सब्जी के रूप में लंच या डिनर में कभी भी किया जा सकता है। इसकी जड़ के रस का सेवन सुबह खाली पेट भी कर सकते हैं।
मात्रा : सब्जी के रूप में इसका उपयोग एक कटोरी किया जा सकता है। डायबिटीज की समस्या में इसकी जड़ के रस का सेवन 50ml सुबह खाली पेट लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, इसकी सब्जी का जूस या गूदे का सेवन शारीरिक समस्या के हिसाब से अलग-अलग मात्रा में किया जाता है। इसका सेवन दवाई के रूप में करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
कंटोला के नुकसान
कंटाेला के फायदे के साथ ही कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसी वजह से कंटोला का सेवन संयमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। यहां हम इसका अधिक उपयोग करने से होने वाले कंटोला के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
कंटोला का सेवन रक्त में मौजूद शुगर को कम कर सकता है। लो शुगर की समस्या वाले इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें ।
इसकी जड़ में गर्भनिरोधक और एंटीफर्टिलिटी गुण होता है।
संभव है कि संवेदनशील लोगों को कंटोला से एलर्जी हो, इसलिए डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन करें।
आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि किस प्रकार से कंटोला में पाए जाने वाले औषधीय गुण और पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकते हैं। इसके फायदे जानने के बाद आप इसे जरूर अपनी डाइट में शामिल करें, लेकिन इसका अधिक सेवन न करें। अन्यथा लेख में बताए गए कंटोला के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। स्वस्थ रहने के लिए कंटोला के सेवन के साथ ही नियमित व्यायाम और संतुलित आहार का सेवन भी करें।