इस दौड़ती-भागती जिंदगी में आज अगर हम कुछ खो रहे है तो वो है फिटनेस। देखा जाए तो आज इंसान के पास सारे सुख-सुविधा के साधन है लेकिन फिर भी हर व्यक्ति किसी ना किसी रूप में शारीरिक तकलीफ से गुजर रहा है। ऐसे में अगर हम कहे की आप दिन में दो मिनट ताली बजा के स्वस्थ रह सकते है जिसमें ना कोई खर्चा है और ना ही कोई मेहनत। तो जरूर आपके मन में यह बात आ रही होगी की क्यों मजाक कर रहे हो। दोस्तों, यह मजाक नहीं बल्कि शत प्रतिशत सच है। ताली बजाने के फायदे सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य लाभ तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ाते हैं।
हमारे पूर्वजों ने बहुत ही सोच समझकर हमारे क्रियाकलापों को धर्म के साथ जोड़ा था. ताकि उनका नियमित ही पालन हो और हमें स्वास्थ्य लाभ के अलावा प्रकृति के नियमों का भी पालन हो सकें. सबके मूल में विज्ञान समाया है। फिट रहने के लिए यह सबसे अच्छा और सस्ता व्यायाम है जिसका कोई भी स्वास्थ्य नुकसान नहीं हैं। रिसर्च के आधार पर ताली बजाने के फायदे इतने है की आप यह लेख पढ़ते-पढ़ते ही ताली बजाना शुरू कर देंगे। यह मजाक नहीं है, ताली की ध्वनि सुबह के संगीत से भी कई गुणा अधिक प्रभावशाली होती है। ताली बजाने में इतना आनंद आता है की बच्चे तो जन्म से ही ताली बजाने लग जाते है। किसी खुशी के संकेत के रूप में या उत्सव को मनाने का बहाना हो या किसी को प्रोत्साहित करना हो या अच्छे नंबर का मौका हो या किसी की सफलता का दिन हो बहाना चाहे कुछ भी हो ताली का संबंध अच्छे कार्यो से ही जुड़ा है। तो अब आप ही सोचिए अच्छे के लिए किया काम क्या कभी नुकसान पहुँचा सकता है। हम जब भी बहुत खुश या उत्साहित होते है तो ताली बजाना शुरू कर देते है। वैसे भी यह कोई कठिन कार्य तो है नहीं और ना ही इसमें बहुत समय लगता है। जब भी जहाँ भी बैठे हो बस दो मिनट की ताली से सेहत को चुस्त-दुरुस्त रख सकते है। आप कभी भी ताली बजा के स्वास्थ्य लाभ ले सकते है लेकिन सुबह के वक्त ताली बजाने के फायदे से वंचित ना रहे। आपने कई बार सुबह अपने आस-पास या पार्क में लोगों को ताली बजाते देखा होगा। बिन बात के ताली बजाने का मतलब ऐसे लोगों के लिए सेहत को निरोग रखने से है।आज की पोस्ट में हम बात करने वाले है ताली बजाने के फ़ायदों के बारे में।
आध्यात्मिक मान्यता क्या कहती है
हम बचपन से यह देखते आए है जब भी आरती, कीर्तन, सत्संग, पूजा या अनुष्ठान कुछ भी हो ताली खूब जोर-जोर से बजाई जाती है। जिसमें से कई लोग तो यह बिल्कुल नहीं जानते की ताली बजाते ही क्यों है बस सब बजा रहे है तो बजा लो।जबकि यह प्रथा सनातन काल से चली आ रही है। मान्यता तो यह भी कहती है जन्मों से संचित पाप भी नष्ट हो जाते है हाथ ऊपर करके ताली बजाने से। जब हम प्रभु में लीन होकर ताली बजाने की क्रिया करते है तो हमारा दिमाग अधिक सक्रिय और ऊर्जावान हो जाता है जिससे हमें सही-गलत का भान होने लगता है।निष्कर्ष यह निकलता है हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए हर कार्य के पीछे कोई ना कोई वैज्ञानिक कारण जरूर है। इसी कारण से इन कार्यो को पूजा और अनुष्ठान से जोड़ा गया जिससे व्यक्ति पूजा के नाम पर ही कम से कम करे तो सही और स्वास्थ्य लाभ लेते रहे।
एक्यूप्रेशर सिद्धांत क्या कहता है
हमारे शरीर के 29 पॉइंटस हमारे हाथों में होते है जिनमें संपूर्ण शरीर के प्रेशर पॉइंट होते है। इन प्रेशर पॉइंट को दबाने से संबंधित अंग तक रक्त और ऑक्सीजन का संचार अच्छे से होने लगता है। अगर पहले से कोई रोग है तो वो ठीक होने लगता है और अगर शरीर में कोई रोग नहीं है तो उसे रोगग्रस्त होने से बचाता है।एक्यूप्रेशर के अनुसार इन सभी दबाव बिंदु को सही तरीके से दबाने का सबसे सहज तरीका है ताली। हथेली पर दबाव तभी अच्छा बनता है जब ताली बजाते हुए हाथ लाल हो जाए, शरीर से पसीना आने लगे। जिससे शरीर के समस्त आंतरिक अंग में एनर्जी भर जाती है और सभी अंग अपना कार्य सही ढंग से करने लग जाते है। ताली से आपको एकाएक तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे स्वास्थ्य लाभ जरूर दिखेंगे।
जानिए कैसे ताली बजाना आपकी मदद कर सकता हैं!
सुबह-सुबह ताली बजाने से आपको लाभ मिल सकता हैं। यह एक शक्तिशाली मानसिक और शारीरिक उत्तेजक है, क्योंकि यह आपके ऊर्जा चक्रों को सक्रिय करता है, और शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। इसके अलावा, यह एक सकारात्मक रूप में काम करता है और आपके शरीर को भी स्वस्थ रखता है।
यहां जानिए ताली बजाने के फायदे
तेज ताली बजाने से आँख, कान, दिमाग, रीढ़ की हड्डी, कंधे आदि सभी बिंदुओं पर प्रभाव पड़ता है जिससे तनाव, अनिद्रा, आँखों की कमजोरी, पुराना सिर दर्द, जुखाम, बालों का झड़ना जैसी समस्या से राहत मिलती है। विशेषज्ञों की मानें तो ताली बजाने से बाएं हाथ की हथेली में लीवर, छोटी-बड़ी आंत, किडनी, लंग, गॉल ब्लैडर और दाएं हाथ की हथेली में साइनस के प्रेशर पॉइंटस दबते है और इन सभी अंगों में ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छे से होने लगता है जिससे गैस, कब्ज, संक्रमण, सांस की समस्या, एनीमिया आदि समस्या से राहत मिलती है।
रोजाना नियमित ताली बजाने से ऑक्सीजन का फ्लो इतना अच्छा हो जाता है की हमारे लंग्स को उचित रूप से ऑक्सीजन मिलने लगता है यही कारण हमें स्वस्थ रखता है।
दिमाग और शरीर के लिए जानिए ताली बजाने के लाभ
इसके पीछे एक कारण यह भी है कि जब आप अपनी हथेलियों पर एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर ताली बजाते हैं, तो आपके दिमाग और शरीर को लाभ मिलता है।
यह आपके ऊर्जा चक्रों को सक्रिय करता है
मानव शरीर में कई ऊर्जा बिंदु या केंद्र होते हैं, और ताली उन्हें उत्तेजित करने में मदद कर सकती है। योग विशेषज्ञ कहते हैं,“यदि आप 10 से 15 मिनट ताली बजाते हुए बिताते हैं, तो आप सात चक्रों से गुजरने वाली ऊर्जा को महसूस कर पाएंगे। यह इन केंद्रों को सक्रिय करेगा।”
मानसिक और शारीरिक उत्तेजना में मदद मिल सकती है
मन और शरीर का मजबूत होना जरूरी है, और ताली मन और शरीर को मजबूत करने का एक बहुत ही उपयोगी और प्रभावी तरीका हो सकता है। जब आप सुबह-सुबह ताली बजाकर अपने शारीरिक और मानसिक पहलुओं को उत्तेजित करते हैं, तो यह आपको पूरे दिन सकारात्मक और उत्साहित मूड में रखता है। ”यह एक आसान गतिविधि है जिसे उम्र और फिटनेस स्तर की परवाह किए बिना कोई भी कर सकता है। इसलिए, अपने फिटनेस रूटीन में ताली बजाने को जरूर शामिल करें।” साइकोलॉजिकल एंड बिहेवियरल साइंस इंटरनेशनल जर्नल भी ताली बजाने के मानसिक स्वास्थ्य लाभों की पुष्टि करता है। इससे पता चलता है कि ताली बजाने से पेट की समस्या, गर्दन और निचले हिस्से में दर्द, किडनी और फेफड़ों की समस्या आदि जैसी बीमारियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है
आप अपने हाथों को बैठने की स्थिति जैसे वज्रासन या सुखासन में ताली बजाने का अभ्यास कर सकते हैं। इस गतिविधि को सुबह जल्दी करने की सलाह दी जाती है। यह उन लोगों द्वारा भी किया जा सकता है जो अधिक वजन वाले हैं या पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं, क्योंकि वे खुद को किसी अन्य प्रकार के शारीरिक व्यायाम में शामिल करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। इसलिए ताली बजाकर वे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकते हैं और इस प्रकार हाई ब्लड प्रेशर या हाइपोटेंशन जैसी समस्याओं का प्रबंधन करने में सक्षम हो सकते हैं।
यह सकारात्मकता लाता है
कई संस्कृतियों में, ताली बजाना उत्सव, पावती, प्रशंसा, प्रोत्साहन और मान्यता के लिए एक प्रतीक और इशारा माना जाता है। पूजा के समय भी, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो भगवान के भजन गाने का अभ्यास करते हैं, और इसके साथ हाथों से ताली भी बजाते हैं। इससे एक सकारात्मक वातावरण बन जाता है जो किसी की ऊर्जा और स्पंदन को ऊपर उठाती है। चाहे खेल खेलने की बात हो या प्रदर्शन देखने की, ताली का इस्तेमाल सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाने के लिए किया जाता है।”
यह आपके पूरे शरीर को प्रभावित करता हैं
यदि आप ताली बजाने की क्रिया को नोटिस करते हैं, तो इसमें केवल हाथ शामिल नहीं हैं। ताली बजाने की प्रक्रिया के दौरान पूरे शरीर की ऊर्जा खर्च हो जाती है और यह स्वतः ही मूड में सुधार करता है और व्यक्ति की ऊर्जा को बढ़ाता है।
गठिया में लाभ
माना जाता है कि रोज 400 तालियां बजाने से गठिया रोग ठीक हो जाता है. लगातार 3-4 महीने सुबह शाम ताली बजायें. ताली बजाने से उगलियों, हाथों का रक्त संचार तीव्र गति से होता है. जोकि सीधे नसों को प्रभावित करता है जिससे गठिया रोग ठीक हो जाता है. इसके अलावा हमारी हथेली में कुछ एक्यू पॉइंट ऐसे होते हैं जो ताली बजाने के दौरान नियमित प्रेस होते हैं और गठिया जैसी कई बीमारियों को ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
हाथ कांपना
हाथों में लकवा और हाथ काँपना, हाथ कमजोर होने पर रोज नियमित सुबह शाम 400 तालियां बजाने से 5-6 महीनें में समस्या से निदान मिलता है। आंतरिक बीमारियाँ ठीक होती है। यानि हृदय रोग, फेफड़े खराब होने पर, लिवर की समस्या होने पर रोग नियमित सुबह-शाम तालियां बजायें. आंतरिक बीमारियों से तुरन्त छुटकारा मिलता है।
सिर दर्द में राहत
तालियां बजाने से सिरदर्द, अस्थमा, मधुमेह नियंत्रण में रहता है. तालियां मारना हेल्थ समस्याऐं नियंत्रण में रखने में सहायक है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में सहायक
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में तालियां अहम भूमिका निभाती हैं. तालियां बजाने से शरीर में तीव्र रक्त संचार होता है जिससे शरीर के एक-एक अंग में ब्लड सर्कुलेशन सही होता है और अंग सही काम करने लगता है। तालियां बजाने से नसें और धमिनयों सही तरह से सुचारू हो जाती है। मांसपेशियों का तनाव खिचाव ठीक करने में तालियां बजाना सक्षम है।
बालों के झड़ने से रोकने में कारगर
बालों के झड़ने से रोकने में तालियां खास फायदा करती है. तालियां बजाने से हाथों में घर्षण बनता है. हाथ की अंगूठे उगलियां नसे सिर से जुड़ी होती हैं.
याददाश्त बढ़ाने में सहायक
तालियां बजाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है. क्योंकि हाथ का अंगूठे की नसें सीधें दिमाग से जुड़ी होती है। बच्चों में बचपन से ही ताली बजाने की आदत डालें इससे बच्चों का कौशल बढ़ता है। हस्त-कौशल में सुधार आता है जिससे बच्चों को लिखने से संबंधित सभी समस्या का समाधान जड़ से होता है। इतना ही नहीं बच्चों का दिमाग तेज होता है जिससे बच्चों की पढ़ाई में भी बहुत सुधार आता है।
सर्दी से बचाने में सहायक
कुछ लोग नियमित योगा आदि नहीं कर पाते हैं उन्हें तालियाँ बजाने मात्र से ही काफी लाभ हो सकता है। इससे हाथों और कंधों कि वर्जिस हो जाती है और इस एक्टिविटी से उन्हें गर्मी का अनुभव होता है।
प्रतिदिन भोजन ग्रहण के बाद 400 तालियों बजाने से शरीर समस्त रोगों से दूर रहता है. शरीर में फालतू चर्बी नहीं जमती और मोटापा/Obesity, Fat से दूर रखने में तालियां अहम
बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है
ताली बजाने से खून में बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है तथा इस जैसी तमाम रुकावटे और गंदगी भी साफ हो जाती है, जिससे हार्ट अटैक जैसी समस्या का खतरा कम हो जाता है। ताली बजाने से शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता है जिससे फेफड़ों में अस्थमा संबंधित रोग का खतरा भी टलता है।
ये है ताली बजाने का सही तरीका
* आपको इस तरह की ताली बजाने की जरूरत है जैसे आप व्यायाम कर रहे हैं। इसके लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ स्टेप्स का पालन करने की आवश्यकता है।
* जो लोग हमेशा AC में रहने के आदी है उन्हें भोजन के बाद एक घंटे तक ताली बजानी चाहिए, इससे पसीना आएगा जो रक्त के प्रवाह को सही करेगा और खून को शुद्ध भी करेगा। स्वस्थ रहने के लिए लगभग 1500 बार ताली जरूर बजाए।
* ताली के पूरे लाभ के लिए हाथों में नारियल या सरसों का तेल लगा ले जिससे यह तेल शरीर में जाएगा और हथेली के दबाव बिंदु भी अच्छे से एक्यूप्रेशर होंगे। आपकी चाहे कितनी भी खराब जीवन शैली हो या कोई भी व्यायाम ना भी करते हो, फिर तो आपको ताली जरूर बजानी चाहिए।
* यह दुनिया का सर्वोत्तम एवं सरल सहज योग आपको हमेशा तरोताजा रखेगा, आप भविष्य की तकलीफों से बच सकेंगे। यकीन मानिए यह जादू की तरह काम करता है। कहने का मतलब यह है की गंभीर बीमारी हो जाने पर यह नहीं की आप इलाज छोड़कर बस ताली बजाए।
* यह रोगों को रोकने में बहुत प्रभावी है लेकिन रोग की दवा कतई नहीं। हाँ यह सत्य है इलाज के साथ अगर आप ताली बजाते है तो आप जल्दी स्वस्थ हो जाएँगे, क्योंकि ताली से सकारात्मक एनर्जी का विकास होता है।
* हम कई बार दूसरों को बढ़ावा देने के लिए, कई बार एक दूसरे को देखकर तो कई बार दूसरों की खुशी में किसी भी तरह से ताली बजाकर अपनी सहमति या खुशी जाहिर करते ही है तो क्यों ना आज और अभी से हम खुद की सेहत की खुशी के लिए अकारण ही ताली बजाने की पहल करे।
तो फिर देर किस बात की ‘ताली बजाईए, और स्वस्थ हो जाइए’ सदियों से चली आ रही इस प्रथा का कारण भले ही हम भूल गये, लेकिन हमारे पूर्वजों ने हमें सभी समस्या से लड़ने की प्राकृतिक धरोहर विरासत में दी है। इसका लाभ उठाइए और दूसरों को भी इस लाभ से अवगत करवाईए।