आयुर्वेद में पंचधातु के बर्तनों में खाना अच्छा बताया गया है और इसके फायदों को साइंस भी मानता है. इसी तरह तांबे के बर्तन की भी ऐसी ही कुछ खासियत हैं जो आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी है. आपको बता दें कि आर्युवेद में ऐसी मान्यता है कि तांबे के बरतन का पानी तीन दोषों वात, पित्त और कफ को बैलेंस करता है. इस पानी का पूरी तरह से लाभ तभी मिलता है जब तांबे के बरतन में कम से कम 8 घंटे तक पानी रखा जाए. इसीलिए लोग रात को तांबे के बरतन में पानी भरकर सोया करते थे और सुबह उठकर सबसे पहले इसे पिया करते थे. लेकिन साइंस ने भी इसे पानी के कई फायदों के बारे में बताया है, वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोना और तांबा शुद्ध धातु माने गए हैं। तांबा एक ऐसी धातु है जिसे ज्योतिष और विज्ञान दोनों में मान्यता है। ऐसे में माना जाता है कि तांबा धारण करने से या इस्तेमाल करने से कई बीमारियों से बचा रहता है। तांबा एक ऐसी धातु है जो पानी से लेकर हर चीज में मौजूद कीटाणुओं को खत्म कर देता है। इसीलिए ज्योतिष में नौ ग्रहों के बारे में बताया गया है, साथ ही हर ग्रह के लिए किसी एक धातु को विशेष मान्यता दी गई है। कहने को तो तांबा कम कीमत में आ जाता है लेकिन अगर इसके प्रभाव की बात की जाए तो तांबा बड़े बड़े और महंगे रत्नों से मुकाबला करता है। तांबे के ज्योतिषीय फायदे इसे बहुत ही चमत्कारी बना देते हैं। तो आइए जानते हैं तांबे के चमत्कारी गुणों के बारे में जो आपको सेहत और संपन्नता दोनो प्रदान करते हैं।
तांबे का स्वस्थ लाभ
प्राचीन काल से आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में खाया गया खाना सेहत के लिहाज से फायदेमंद माना जाता है. आज भी कई घरों में ज्यादातर लोग पानी पीने के लिए तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करते हैं. यूं तो आप सभी ने इसके फायदों के बारे में सुना होगा पर आज हम आपको बताएंगे कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर को एक नहीं बल्कि अनेक फायदे होते हैं।
ब्लड प्रेशर कम करे : तांबे के बर्तन में रखे पानी दिल को स्वस्थ बनाकर ब्लड प्रेशर को कम करके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है. तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं जो शरीर में दर्द और सूजन की समस्या को दूर करते हैं. ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी कारगर माना जाता है.
बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करे : प्राचीन काल में लोग बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करने के लिए नदियों, झीलों, तालाबों और कुओं में तांबे के सिक्के फेंकते थे, लेकिन आज की पीढ़ी इसके वास्तविक अर्थ को जाने बिना ही सिक्के फेंक देती है. आयुर्वेद के अनुसार, तांबे के बर्तन में रखा गया पानी इसमें पैदा होने वाले बैक्टीरिया को खत्म करके पानी को पूरी तरह से शुद्ध कर देता है।
इम्यूनिटी मजबूत करे : कॉपर इम्यूनिटी को मजबूत करता है और नई कोशिकाओं के उत्पादन में सहायता करता है. इससे शरीर में घावों को तेजी से भरने में मदद मिलती है. तांबे में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जो कई तरह के इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं।
मोटापा कम करे : अगर आप मोटापा कम करने की सोच रहे हैं तो तांबे के बर्तन में रखा पानी एक अच्छा ऑप्शन है. इसका नियमित सेवन करने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी को नियंत्रित किया जा सकता है।
पाचन क्रिया दुरुस्त करे : तांबे यानी कॉपर के बर्तन का नियमित रूप से उपयोग करने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है जिससे पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी परेशानियों से निजात मिल सकती है।
त्वचा संबंधी समस्याएं दूर करे : तांबें में एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं. इसमें रखे पानी पीने से त्वचा संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और त्वचा में चमक आती है।
थायरॉयड के खतरे को कम करें : प्रतिदिन तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से थायरॉयड ग्रंथि से जुड़ी बीमारियों का खतरा टल जाता है।
तांबे का वास्तु लाभ
वास्तु शास्त्र में भी तांबे को बहुत चमत्कारी कहा गया है। अक्सर घर का मुख्य द्वार सावधानी से ना बना हो या गलत बना हो तो परिवार के सदस्यों को हमेशा पैसे की कमी रहती है। लेकिन ऐसे में अगर उस गेट पर तांबे का छल्ला या सिक्का लटका दिया जाए तो वास्तु दोष समाप्त हो जाता है औऱ घर परिवार को अच्छी आय होने लगती है।
तांबे का ज्योतिष लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तांबा सूर्य का शुभ फल पाने के लिए पहना जाता है। जो जातक सूर्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं और जो सोने की अंगूठी नहीं पहन सकते, उन्हें तांबे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है। तांबे का छल्ला भी सोने की अंगूठी या कड़े के जितना ही फायदा देता है क्योंकि दोनों ही सूर्य के कारक हैं। आमतौर पर रिंग फिंगर में तांबे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है। सूर्य को प्रसन्न करने के साथ साथ तांबे का छल्ला शुक्र के शुभ फल पाने में भी मदद करता है। जो लोग मंगल से पीड़ित हैं उनको भी तांबे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है। तांबा सूर्य और मंगल से संबंधित परेशानियों को दूर करके जीवन में धन लाभ कराने के साथ साथ व्यक्ति की समाज में प्रतिष्ठा कायम करता है। तांबा पहनने से सम्मानजनक नौकरी मिलने के योग बनते हैं औऱ जातक को कभी धन का अभाव नहीं रहता। तांबे की अंगूठी धारण करने से जातक को गुस्सा कंट्रोल करने में मदद मिलती है। आमतौर पर देखा जाता है कि जिनका मंगल हावी होता है वो बहुत गुस्सा करते हैं औऱ उससे उनका अहित ही होता है। ऐसे लोगों को तांबे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है, जिससे मंगल का प्रभाव शुभ होता है औऱ गुस्सा कंट्रोल होता है।
* बीमारियां से छुटकारा पाना हो
* पैसे रुपए की दिक्कत रहती हो
* समाज में मान सम्मान प्रतिष्ठा चाहिए
* जिनको हमेशा तनाव रहता हो
* जिनको ज्यादा गुस्सा आता हो
तांबे का छल्ला सूर्य और मंगल संबंधित फल देता है। लेकिन जिनकी कुंडली में शनि उत्तम फल दे रहे हों या जिनके राशि स्वामी शनिदेव हों, उन लोगों को तांबे का छल्ला नहीं पहनना चाहिए।
तांबे के कुछ खास लाभ
खून की सफाई : तांबे की अंगूठी पहनने से माना जाता है कि रक्त का प्रवाह सुचारु रूप से चलता है। इससे खून से प्रदूषित तत्व भी दूर होते हैं जिससे हृदय रोगों की संभावना कम हो जाती है।
मानसिक तनाव में कमी : वहीं ये भी माना जाता हे कि तांबे की अंगूठी या तांबे का छल्ला पहनने से मानसिक और शारीरिक तनाव में कमी आती है। इससे गुस्से को नियंत्रण में रखने में भी सहायता मिलती है।
त्वचा रोगों से मुक्ति : त्वचा आदि से संबंधित रोग होने पर तांबे की बनी अंगूठी या छल्ला पहनने से त्वचा के रोगों में बहुत तीव्रता से आराम मिलता है।
शरीर का तापमान : तांबे के आभूषणों को पहनने के संबंध में कहा जाता है कि इससे शरीर का तापमान नियंत्रण में बना रहता है और साथ ही इससे शरीर में ऊर्जा का उत्पादन जरूरत के अनुसार होता रहता है।
प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत : यह भी कहा जाता है कि तांबे के गहने जैसे अंगूठी, छल्ले या नथुनी आदि पहनने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत बनी रहती है। प्रतिरक्षा प्रणाली के मजबूत होने से एलर्जी आदि समस्याओं के सुरक्षा हो जाती है।
कॉपर की कमी दूर करें : जानकारों का यह भी कहना है कि शरीर में कॉपर की समस्या आदि होने पर तांबे की अंगूठी पहनने से शरीर में कॉपर की समस्या दूर हो जाती है। तांबे की अंगूठी या फिर तांबे या कड़ा पहनने से इसके गुण त्वचा के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है औऱ शरीर में कॉपर की कमी आसानी से पूरी हो जाती है।
हड्डियों का दर्द कम: जानकारों की माने तोकॉपर का कड़ा या ब्रेसलेट पहनने से शरीर के जोड़ों और गठिया से जुड़े हर तरह के दर्द से आराम मिलता है। इसके अलावा तांबा आर्थराइटिस के मरीजों के लिए भी बहुत लाभकारी होता है।
इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। इन पर अमल करने से पहले इससे संबंधित चिकित्सक, पंडित, ज्योतिषी से संपर्क करें।