हम सभी के जीवन में धर्म का महत्व है। सभी धर्मों के लोग अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार प्रार्थना करते हैं और ईश्वर को याद करते हैं। ऐसा करने से हमें मुश्किल समय में भी अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिलती है। कुछ बिंदुओं के आधार पर अध्यात्म हमारे जीवन, विचारधारा, कृत्यों और आचरण को प्रभावित करता है।
स्वास्थ्य से है संबंध- अध्यात्म का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से संबंध है। इससे मिली शक्ति हमारे शरीर को भी प्रतिरोधी बना देती है। एक कैंसर सेंटर में हुए शोध के अनुसार धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों की अन्य की तुलना में अधिक अच्छी थैरेपी हो पाई।
डिप्रेशन घटता है – जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन की अवस्था से गुजरता है और इस दौरान वह अपनी भावनाएं बांट नहीं सकता तो यह सबसे बुरा क्षण होता है। ऐसे में अध्यात्मिक रूप से मजबूत होना बेहद ज़रूरी है ताकि इस हालत से निपटा जा सके। इससे पीड़ा, दुख, विषाद, विरक्ति आदि भावों पर विजय पाई जा सकती है। समाज में रहकर सामाजिक होना स्वाभाविक है। आप अपनी व्यस्तता के चलते दूसरों को नज़रअंदाज नहीं कर सकते। आपकी सफलता से आपको मदद नहीं मिलेगी यदि लोग आपका सम्मान नहीं करेंगे। ऐसे में आपको धार्मिक समूहों के लिए समय निकालना चाहिये।
समृद्धि बढ़ती है- इस सृष्टि के संचालन में हर चीज अपने आप में अर्थपूर्ण है। जो लोग परमात्मा में विश्वास रखते हैं वे जीवन भर समृद्ध रहते हैं। विभिन्न शोध बताते हैं कि धार्मिक लोगों का जीवन अन्य की तुलना में अधिक सुखी होता है।
जीवन रक्षक की भांति जीना – एक जीवन रक्षक वही होता है जो दूसरों को मुसीबत से निकाले। वह आपको यह भी बताता है कि जीवन में किस मार्ग पर चलना चाहिये। लेकिन अध्यात्म से आपका जीवन इस तरह बदलता है कि आप स्वयं प्रेरणा पाते हैं कि जीवन के कठिन समय से कैसे निकला जाए। एक धार्मिक व्यक्ति दूसरों के लिए जीवन रक्षक का ही काम करता है।
धर्म अध्यात्म के अनुसार सभी धर्मों के लोग अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार प्रार्थना करते हैं और ईश्वर को याद करते हैं जिसका उनके जीवन पर अध्यात्म का गहरा प्रभाव पड़ता है।