सोलर पैनल की डिमांड तेजी से बढ़ रही है सरकार की सोलर पावर स्कीम के जरिए आपको कमाई के अलावा रोजगार भी मिल सकता है. बैंक भी सोलर पैनल के लिए आसान किश्तों में लोन मुहैया करा रहे हैं. आप भी इस योजना से जुड़कर अच्छी आमदनी भी कर सकते हैं. आप सोलर पावर के जरिए बिजली पैदा करके उसे बेच सकते हैं. आइये जानते हैं कैसे बिजली का उत्पादन करके उसे बेचा जा सकता है।
लेना होगा लाइसेंस
बड़े स्तर पर सोलर पैनल लगाने के लिए आपको पहले लोकल बिजली कंपनियों से लाइसेंस लेना होगा. बिजली कंपनियों के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट साइन करने के बाद सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रति किलोवाट टोटल इन्वेस्टमेंट 60-80 हजार रुपए होगी. राज्य सरकारें इसके लिए स्पेशल ऑफर भी दे रही हैं. इसके बाद प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर आपको प्रति यूनिट की दर से पैसा मिलेगा।
सोलर पैनल पर कितना आएगा खर्च?
अगर आप दो किलोवाट का ऑन ग्रिड सोलर पैनल लगवाते हैं तो इसकी लागत करीब 1,25,000 रुपये आएगी। इसमें सोलर पैनल, उसके इंस्टालेशन, मीटर और इनवर्टर शामिल हैं। इस पर आपको अक्षय ऊर्जा मंत्रालय से 40,000 रुपये की सब्सिडी मिल सकती है। इसके अलावा अलग-अलग राज्य सरकारें भी ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम पर अलग-अलग सब्सिडी उपलब्ध कराती हैं।
छत पर लगाएं सोलर पैनल
सोलर पैनल लगाने के लिए अलग से जगह की जरूरत नहीं है. आप घर की छत पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली बना सकते हैं। इसके लिए आप बिजली कंपनियों से टाइअप करके बिजली बेच सकते हैं।
इन राज्यों में मिलती है सुविधा
पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सोलर एनर्जी को बेचने की सुविधा मिलती है. इसके तहत सौर ऊर्जा संयंत्र से उत्पादित की गई अतिरिक्त बिजली को आप पावर ग्रिड से जोड़कर राज्य सरकार को बेच सकते हैं. इसके बदले सरकार आपको अच्छी रकम देती है. उत्तर प्रदेश सरकार भी सोलर पावर का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहन स्कीम चला रही है।
कहां से खरीदें सोलर पैनल?
अगर आपको भी सोलर पैनल खरीदना है तो आप राज्य सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए हर राज्य के प्रमुख शहरों में दफ्तर बने हैं. इसके अलावा, प्राइवेट डीलर्स के पास भी सोलर पैनल उपलब्ध है. इसके लिए आपको पहले ही अथॉरिटी से अपनी लोन राशि के लिए संपर्क करना होगा. सब्सिडी के लिए भी अथॉरिटी से फॉर्म मिल जाएगा।
बनाएं छोटा पावर हाउस
बड़े सोलर प्लांटों के साथ घरों की छतों पर छोटे-छोटे सोलर प्लांट लगाने के लिए राज्य सरकार समय-समय पर स्पेशल ऑफर पेश करती रहती हैं. घर से सोलर प्लांट से बनने वाली बिजली की ट्रेडिंग ज्यादा से ज्यादा 500 किलोवॉट तक की जा सकती है. 500 वॉट का सोलर पैनल लगाने वाले को बिजली की ट्रेडिंग करने की परमिशन नहीं दी जाएगी।
कैसे मिलेगा बैंकों से लोन
सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए यदि एकमुश्त 60 हजार रुपए नहीं है, तो आप किसी भी बैंक से लोन ले सकते हैं. बता दें कि वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को लोन देने को कहा है. यह लोन क्रेडा के जरिए आसानी से मिल सकेगा। पहले बैंक सोलर प्लांट के लिए लोन नहीं देते थे।
लोन और सब्सिडी की सुविधा
अगर आप सोलर पावर बिजनेस शुरू तो करना चाहते हैं, लेकिन आपके पास इसे शुरू करने के लिए पूरी पूंजी नहीं है तो सरकार ने आपकी इस समस्या का भी ध्यान रखा है. सरकार की तरफ से दी जाने वाली ट्रेनिंग के दौरान प्रोजेक्ट कॉस्ट के अलावा उन बैंकों और वित्तीय संस्थानों की भी जानकारी दी जाएगी, जो सस्ती दर पर लोन देंगे. इसके अलावा ट्रेनिंग में सरकार की सब्सिडी स्कीम के बारे में भी बताया जाता है।
क्या है ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम?
आपको बता दें कि ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम एक अलग से सिस्टम है, जो जहां 24 में से 20-22 घंटे तक बिजली रहती है, वहीं लागू किया जाता है। इस सोलर सिस्टम में आप अपनी छत पर बिजली बनाकर बिजली बोर्ड को भेज देते हैं। आप अपने घर में इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड से मिलने वाली बिजली का ही इस्तेमाल करते हैं।
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है?
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम ऐसी जगह लगाया जाता है, जहां बिजली कुछ ही घंटे आती है। ऐसी जगह पर सोलर पैनल के साथ इनवर्टर और बैटरी लगाई जाती है। इस सिस्टम का खर्च भी ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम की तुलना में अधिक आता है। आपके छत पर लगे सोलर पैनल से इसकी बैटरी चार्ज हो जाती है और आपको उससे बिजली मिलती रहती है।
सरकार की योजनाएं
प्रधानमंत्री कुसुम योजना 2020
केंद्र सरकार ने विशेष रूप से किसानों के लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना ( PMKY 2020 ) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसान अपनी जमीन पर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। बता दें कि सिंचाई के दौरान किसानों को बिजली, बारिश की वजह से कई परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन, कुसुम योजना के तहत किसान इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं। कुसुम योजना की मदद से किसान अपनी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर बिजली का उपयोग खेती के लिए कर सकते हैं।