हमें अब ‘संजीवनी बूटी’ ढूँढने के लिए वन में जाकर रहने की आवश्यकता नहीं है । हम कुछ उपयोगी औषधीय पौधों एवं जड़ी बूटियों को शहरी बागवानी के माध्यम से घर पर ही आसानी से उगा सकते हैं। कोरोना महामारी के कारण लोगों में, अपने स्वास्थ्य और इम्यूनिटी के प्रति काफी जागरूकता आई है। जिस वजह से लोग, अपने खान-पान को लेकर काफी सतर्क हो रहे हैं। इसी कारण लोगों ने अपने घरों में, औषधीय गुणों वाले पौधे भी लगाने शुरू किए हैं। जिनमें एलोवेरा, तुलसी, पुदीना, मेथी, धनिया, अश्वगंधा, इलायची, आंवला, गिलोय, नीम, लेमन ग्रास, दालचीनी, पान, काली मिर्च, हल्दी, अदरक, लहसुन, करी पत्ता जैसे औषधीय पौधे शामिल हैं। आइये जानते हैं, कैसे उगायें ये औषधीय पौधे। हालांकि हमेशा आपको याद रखना जरूरी है कि अपने शरीर के लिए कुछ भी नया उपयोग करने या उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. यदि आप औषधियों पौधों को घर में उगाना चाहते हैं, तो पौधे की देखभाल के दिशानिर्देशों के अनुसार उचित देखभाल करना याद रखें और अपने पौधों पर किसी भी कीटनाशक या अन्य हानिकारक रसायनों का उपयोग करने से बचें।
आज हम कुछ औषधीय पौधों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप अपने घर की छत या बालकनी में भी लगा सकते हैं। “औषधीय पौधे या जड़ी-बूटियां लगाते समय, आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिये। कई पौधे ऐसे हैं, जो विकसित होकर बड़े और घने पेड़ बन जाते हैं। इन पौधों को आप अपने घर में उपलब्ध जगह के हिसाब से लगाएं। जैसे दालचीनी, नीम आदि को आप, छत या बालकनी में या गमलों में शायद न लगा पाएं। लेकिन अन्य पौधे जैसे- तुलसी, एलोवेरा, गिलोय, पान और अदरक तथा हल्दी आदि के पौधों को आप आसानी से गमलों में लगा सकते हैं।”
अगर आप अपने घर में औषधीय पौधे लगाना चाहते हैं तो पुदीना, धनिया, तुलसी और एलोवेरा जैसे पौधों से शुरुआत कर सकते हैं। अगर, आपके यहाँ ये औषधीय पौधे पहले से ही हैं तो आप दूसरे औषधीय पौधे उगाने की कोशिश कर सकते हैं। यह मौसम इन औषधीय पौधों को लगाने के लिए बिलकुल उपयुक्त है। इसके अलावा, आप मॉनसून से पहले भी इन पौधों को लगा सकते हैं। कुछ औषधीय पौधों को बीज से तो कुछ को ‘कटिंग’ से भी लगाया जा सकता है।
अश्वगंधा : अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जिस कारण इसका इस्तेमाल हृदय रोग, मधुमेह, एनीमिया से लेकर कैंसर तक की रोकथाम में किया जाता है। अगर आप बाजार से अश्वगंधा खरीदेंगे तो आपको यह काफी महंगा मिलेगा। लेकिन, अगर आप बागवानी करते हैं तो खुद भी इसे घर में उगा सकते हैं। वह कहते हैं कि अश्वगंधा के बीज आप बाजार से खरीद कर, आसानी से अपने घर में लगा सकते हैं।
कैसे उगाएं : सबसे पहले आपको अश्वगंधा के बीजों से छोटे पौधे तैयार करने चाहिए। इसके लिए, आप किसी छोटे गमले या सीडलिंग ट्रे में पॉटिंग मिक्स लेकर बीजों को बो दें। पॉटिंग मिक्स आपको ऐसा बनाना है, जिसमें पानी नहीं ठहरे। यह पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए, आप सामान्य मिट्टी में रेत और खाद मिला लें। बीजों को बोने के हफ्ते भर बाद ये अंकुरित होने लगेंगे। पौधों में हमेशा जरूरत के हिसाब से ही पानी दें।
लगभग एक महीने में आपके पौधे बड़े गमलों में लगाने योग्य हो जाएंगे। अब आप अश्वगंधा के पौधों को बड़े गमलों में लगा सकते हैं। गमले में पॉटिंग मिक्स भरें और उसमें अश्वगंधा के पौधे लगा दें। एक गमले में दो ही पौधे लगाएं और दोनों के बीच कुछ दूरी रखें।
अब गमले को लगभग तीन दिनों तक ऐसी जगह रखें, जहां सीधी धूप न पड़ती हो। इसके बाद आप पौधे को धूप में रख सकते हैं। अश्वगंधा के पौधे को जरूरत के हिसाब से ही पानी दें। कभी भी ज्यादा पानी न डालें क्योंकि, इससे पौधा मुरझाने लगता है। इसे बीच-बीच में, गोबर की खाद या केंचुआ खाद का पोषण दे सकते हैं। अश्वगंधा के पौधों को तैयार होने में पाँच से छह महीने का समय लग सकता है।
लेमन ग्रास : लेमन ग्रास को ‘हर्बल टी’ बनाने में काफी इस्तेमाल किया जाता है। इसके औषधीय गुणों और बढ़ती मांग के कारण, बहुत से किसान भी इसकी खेती कर रहे हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसे आसानी से अपने घर में, गमलों में उगा सकते हैं। अगर आपके यहाँ, एक गमले में भी लेमन ग्रास लगी है तो आप सालों-साल इसका लाभ ले सकते हैं। आप बाजार से खरीदी हुई लेमन ग्रास को भी, आसानी से अपने घर में लगा सकते हैं।
कैसे उगाएं : सबसे पहले, बाजार से खरीदी हुई लेमन ग्रास के कुछ डंठल (Stalk) लें। अब किसी कांच के ग्लास में पानी भर लें और इसमें इन डंठलों को रख दें। ध्यान रहे कि ये डंठल पूरी तरह से पानी में न भीगें। आपको लगभग एक हफ्ते तक, इन्हें पानी में रखना है और नियमित रूप से ग्लास का पानी बदलते रहें। हफ्ते भर में आप देखेंगे कि इन डंठलों में नीचे की तरफ जड़ें निकलने लगी हैं। अब आप इन्हें गमलों में लगा सकते हैं। लेमन ग्रास के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है। इसके लिए, आप सामान्य बगीचे की मिट्टी में रेत और खाद मिला लें। पॉटिंग मिक्स को आप किसी बड़े गमले में भर लें। लेमन ग्रास के पौधों को उस गमले में लगा लें और ऊपर से पानी दें। लेमन ग्रास के पौधे को नियमित रूप से पानी दें और बीच-बीच में, आप इसे जैविक खाद का पोषण दे सकते हैं।आपका पौधा चार से पाँच महीने में उपयोग में लेने योग्य हो जाएगा।
पान की बेल : भारत में पान की कई किस्में पाई जाती हैं, जिनमें बनारसी, बंगला, देशावरी, और मीठा पत्ता आदि शामिल हैं। पान को अपने घर पर लगाना बहुत ही आसान है। पान एक बेल है, जिसे आप कटिंग से लगा सकते हैं। आप अपने आसपास, किसी जानकार के घर में लगी पान की बेल से कटिंग ले सकते हैं और अगर यह संभव न हो पाए तो आप नर्सरी से भी छोटा पौधा ला सकते हैं।
कैसे उगाएं : पान की बेल लगाने के लिए आप ऐसा पॉटिंग मिक्स तैयार करें, जो पोषण से भरपूर हो और जिसमें अधिक समय तक नमी रहे। पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए आप सामान्य बगीचे की मिट्टी में खाद, कोकोपीट और रेत मिला लीजिए। आप इसमें ऊपर से बोनमील और नीमखली भी मिला सकते हैं। इसके लिए आप मिट्टी का एक बड़ा गमला लें, जिसके तले में पानी निकलने के लिए छेद हो। इस छेद पर आप कोई दिया या पत्थर रख दीजिए। अब इस गमले में पॉटिंग मिक्स भरिए। आप बेल को सहारा देने के लिए गमले के बीचों-बीच, एक चार फीट लंबी लकड़ी या ‘मॉस स्टिक’ लगा दीजिए। अब इस गमले में आप पान की कटिंग या छोटी बेल को लगाइये। नियमित रुप से पौधे को पानी देते रहें और आप देखंगे कि दो-तीन हफ्तों में बेल बढ़ने लगेगी। पान की बेल को बढ़ने के लिए छायादार और नमी वाली जगह चाहिए। लेकिन, छायादार का मतलब यह नहीं कि यह इंडोर प्लांट है। गमले को ऐसी जगह रखें, जहां सीधी धूप न आती हो। पान की बेल को पोषण देने के लिए आप महीने में दो बार गोबर की खाद, नीमखली या सरसों की खली दे सकते हैं। तीन महीनों में ही यह बेल काफी अच्छे से बढ़ जाएगी और आप इसके पत्ते इस्तेमाल में ले सकते हैं। इन पौधों के अलावा, आप इस महीने में अदरक, आंवला, काली मिर्च जैसे अन्य औषधीय पौधे भी लगा सकते हैं। ये सभी पौधे औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
पुदीना : पुदीने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट होता है जो एलर्जी, बुखार, सर्दी – जुखाम आदि समस्याओं से निपटने में आपकी मदद करता है । यह माउथ फ्रेशनर के रूप में भी काम करता है और अपच/पेट खराब जैसी समस्याओं को भी ठीक करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि, पुदीना शरीर की गर्मी को कम करने में भी मदद करता है।
कैसे उगाएं : एक बड़े आकार के गमले (जो कम गहरा एवं चौड़ा हो) का चयन करें एवं गमले में गीली मिट्टी को भरें। पुदीने के पौधे को कम से कम 1 हफ्ते तक धूप में रखें जिससे यह आसानी से नए वातावरण के अनुकूल खुद को ढाल ले। जैसे ही पुदीने का पौधा बढ्ने लगेगा, उसे एक बड़े गमले या फिर सीधे जमीन पर उगाएँ ।
गेंदे का फूल : यह एक पीले और नारंगी रंग का फूल है जिसमें सौंदर्य के साथ-साथ औषधीय गुण भी है। गेंदे के फूल की पंखुड़ियों का उपयोग धूप से जली/झुलसी हुई त्वचा को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह मुँहासे और छालों को ठीक करने में भी मदद करता है।
कैसे उगाएं : एक अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी का गमले मैं उपयोग करें। मुट्ठी भर रेत, पेर्लाइट एवं वर्मीक्यूलाइट का उपयोग भी कर सकते हैं इससे जल निकासी में मदद मिलेगी । गमले को उस जगह पर रखें, जहां पर कम से कम पौधे को छह घंटे की धूप मिले । 1 से 2 इंच तक मिट्टी के सूख जाने पर ही पौधे को पानी दें।
धनिया : आप घर पर ही चौड़े आकार के गमले में धनिया आसानी से उगा सकते हैं धनिये के कई -स्वास्थ्य लाभ हैं। यह फाइबर, मैंगनीज, लोहा और मैग्नीशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है। यह आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बनाए रखता है।
कैसे उगाएं : इसके लिए आपको न्यूनतम 4 इंच की गहराई और चौड़ी सतह वाले गमले की आवश्यकता होती है। धनिया 17-27 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमान में अच्छी तरह से बढ़ता है। ध्यान रहे कि मिट्टी का पीएच 6.2 से 6.8 के बीच हो। धनिये के बीज को कम से कम 0.5 से 1 इंच गहरी मिट्टी में उगाएं और बोए गए बीजों के बीच 4-6 इंच का अंतर रखें। पौधे में जरूरत से ज्यादा पानी ना दें ।
करी पत्ता : करी पत्ते के पौधे को कम से कम 5 घंटे की धूप एवं 20-24 डिग्री तापमान कि आवश्यकता होती है । इस पौधे को अधिक रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती है । वजन कम करने के लिए भी करी पत्ते का उपयोग किया जाता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से खाना बनाने में किया जाता है। इसमें विटामिन ए, बी, सी और बी2 शामिल हैं। करी पत्ता आयरन और कैल्शियम से भरपूर होता है। यह शरीर के पाचन में सुधार करने में मदद करता है और बालों के विकास के लिए भी उपयुक्त है।
कैसे उगाएं : आप इसे सीधे गमले में लगा सकते हैं। आप तीन-चार बीज एक साथ ग्रो करें। सिर्फ एक ही बीज से नहीं बल्कि अच्छी पत्तियों वाला पौधा कई सारे बीज एक साथ लगाने पर ही उगता है। ऐसे में आप आराम से इन्हें लगाएं। साथ में अगर खाद की व्यवस्था हो तो वो भी मिट्टी में मिलाएं, नहीं तो मिट्टी और थोड़ी सी रेत मिलाकर इस पौधे को लगाएं। आप थोड़ा सा सूखा गोबर भी खाद की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप सीधे गमले में नहीं लगाकर सीडलिंग के तौर पर लगाना चाहते हैं तो पहले किसी गहरे लेकिन छोटे साइज वाले कंटेनर में लगाएं। इसके बाद आप इन्हें अच्छे से जर्मिनेट करें।