कोरोना पॉजीटिव होना किसी भी बच्चे के लिए मानसिक रूप से परेशान करने वाली स्थिति होगी। परिवार की देखभाल और सहयोग से बच्चे को फिर भी हिम्मत मिलती है और वो जल्दी रिकवर कर पाता है।
कोरोना की दूसरी लहर ने बच्चों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इस बार कोविड-19 से लड़ाई पहले से भी ज्यादा मुश्किल हो गई है और अगर बच्चों को कोरोना हो जाए, तो परेशानी और बढ़ जाती है। बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है इसलिए कोरोना होने पर उनका खास ख्याल रखने की जरूरत है। अगर आपके घर या परिवार में किसी बच्चे को कोरोना हो गया है, तो उसकी देखभाल और घर में क्वारंटीन करने पर ये टिप्स आपके बहुत काम आ सकते हैं।
बच्चों में कोविड-19 के लक्षण
हालांकि, बच्चे और व्यस्क एक ही तरह के कोविड-19 लक्षणों का सामना करते हैं, लेकिन बच्चों के लक्षण हल्के और जुकाम जैसे होते हैं. अधिकतर बच्चे एक से दो सप्ताह के बीच ठीक हो जाते हैं. संभावित लक्षण बच्चों में ये हो सकते हैं।
बुखार या ठंड लगना
नाक का बंद होना या बहना
खांसी, गले की खराश
सांस लेने में कठिनाई
थकान, सिर दर्द
मांसपेशी में दर्द या शरीर का दर्द
मतली या उल्टी जैसा लगना
डायरिया, भूख कम लगना
स्वाद या सूंघने की क्षमता घटना
पेट में दर्द
घर पर रिकवर होने में कैसे करें बच्चों की मदद
जैसे आप अपने बीमार बच्चे की देखभाल करते हैं, ठीक उसी तरह कोरोना पॉजीटिव बच्चे का भी ख्यान रखना है। इसमें निम्न टिप्स को फॉलो करें।
तरल पदार्थों की मदद से बच्चे के शरीर को हाइड्रेट रखें और उसे आराम करने दें।
कम से कम 20 सेकंड तक साबुन और गुनगुने पानी से हाथ धोने के लिए कहें।
बीमार बच्चे को एक अलग कमरे में रखें लेकिन अगर आपका घर छोटा है और आप बच्चे के लिए एक अलग कमरा नहीं रख सकते हैं तो कम से कम परिवार के बाकी सदस्यों से तो उसे दूर रखें।
परिवार के साथ रहने पर बच्चे को मास्क पहनाकर रखें।
खांसने और छींकने के लिए बच्चे को टिश्यू दें और इस्तेमाल के बाद इन्हें तुरंत नष्ट कर दें।
बच्चे के बर्तन, कप, तौलिया और चादर वगैरह अलग रखें।
जिन चीजों और जगहों को बच्चा ज्यादा छूता है, उन्हें साफ करते रहें।
बच्चे को अस्पताल कब ले जाएं
अगर बच्चे में हल्के लक्षण हैं, तो आप घर पर ही उसकी देखभाल कर सकते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार कोरोना पॉजीटिव बच्चों को घर पर ही क्वारंटीन करें। इससे वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।
यदि बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही है या उसके लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर से बात कर के उसे अस्पताल ले जाएं।
जिन बच्चों को पहले से ही कोई बीमारी जैसे कि अस्थमा और टाइप 1 डायबिटीज है, तो उनके लिए कोरोना पॉजीटिव होना खतरनाक हो सकता है। बेहतर होगा कि ऐसे बच्चों को आप घर पर ही रखें और बाहर निकलने न दें ताकि वो वायरस की चपेट में न आएं।
परिवार के लोग क्या करें
अगर आपके पास बच्चे को क्वारंटीन करने के लिए एक अलग कमरा नहीं है और कोरोना पॉजीटिव बच्चा परिवार के साथ ही रह रहा है, तो इन बातों का ध्यान रखें।
यदि बच्चा मास्क नहीं पहन सकता है तो उसके साथ रह रहे बाकी लोगों को मास्क पहनकर रखना चाहिए।
कमरा हवादार होना चाहिए। आप कमरे की खिड़की भी खोल सकते हैं।
घर पर किसी मेहमान को न आने दें और बच्चों को मरीज से बिल्कुल दूर रखें।
परिवार के सभी सदस्य थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ धोते रहें। लगभग 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
बीमार व्यक्ति के कपड़े, चादर और तौलिया गर्म पानी में धोएं और इस समय हाथों पर दस्ताने पहन कर रखें। कपड़े धोने के बाद हाथ जरूर धोएं।
घर के स्विच, खिलौने, रिमोट कंट्रोल, सिंक के नल और फोन को साफ करते रहें। बीमार बच्चे की चीजों को अलग ही सैनिटाइज कर के रखें।
बच्चों की इम्युनिटी पॉवर बढ़ाएंगे ये सुपरफूड्स
ऐसे में बच्चों को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है, जोकि प्रतिरोधक क्षमता बढाकर बच्चों को बीमारियों से दूर रखें। आज हम आपको कुछ ऐसे सुपरफूड्स के बारे में बताएंगे, जो इम्यून सिस्टम मजबूत करने के साथ बच्चो को बीमारियों से सुरक्षित भी रखेंगे।
आंवला
आंवला विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट के गुणों से भरपूर होता है। इससे बच्चों का इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है, जिससे उनके शरीर को इंफैक्शन से लड़ने में मदद मिलती है।
अलसी के बीज
अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, ओमेगा -3 फैटी एसिड और फाइटोस्ट्रोजेन से भरपूर होने के कारण इसका सेवन भी बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। रोजाना इसका सेवन करने से बच्चों के शरीर को कई प्रकार के रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
नींबू
नींबू में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, पोटैशियम और आयरन होता है, जोकि इम्यून सिस्टम को मजबूत करके शरीर को सर्दी-खांसी और फ्लू से लड़ने की शक्ति देता है।
गाजर
गाजर में बीटा-कैरोटीन होता है जो बच्चों के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है। साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व प्रोटीन की कमी को पूरा करने के साथ मेटाबॉल्जिम को भी ठीक रखते हैं। इसके अलावा ये बच्चों के शरीर को तरोताजा भी रखता है।
जामुन
जामुन खाने से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने के साथ पाचन क्रिया भी दरूस्त रहती है। इससे बच्चों को पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
जौ
बच्चों की डाइट में जौ से बनी रोटी को शामिल करें। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सिडेंट्स गुण उनके शरीर में बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ाएंगे।
चने
इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का मुख्य कारण है जिंक की कमी। चने का सेवन शरीर में जिंक की कमी को पूरी होती है, जिससे बच्चों के शरीर को बीमारियों से लड़ने के शक्ति मिलती है।
लहसुन
लहसुन खाने से शरीर में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट बनता है जो बच्चे के सिस्टम को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। इससे बच्चे फ्लू और वायरल इंफैक्शन से बचे रहते हैं।
मशरूम
मशरूम विटामिन डी और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण इसका सेवन भी बच्चों के लिए फायदेमंद है। इससे वह बार-बार बीमार नहीं पड़ते और उनकी हड्डियां भी मजबूत होती है।