देशभर में कोरोना वायरस के रिकॉर्डतोड़ रोजाना नए मामले सामने आ रहे है। कोरोना के बढ़े केस की वजह से कई राज्यों की स्थिति बहुत ही चिंताजनक बनी हुई है। कोविड के खिलाफ बीते एक साल से टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने हाल ही में वैक्सीन को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है।
कोरोना महामारी से बचने के लिए वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चल रहा है और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम शोध के आधार पर वैक्सीनेशन गाइडलाइन में बदलाव भी करती रहती है। अब हाल ही में केंद्र सरकार ने एक बार फिर कोरोना वैक्सीन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि संक्रमित पाए जाने वालों का टीकाकरण 3 माह बाद किया जाएगा। इसमें एक ‘प्रिकॉशन’ डोज भी शामिल है। सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को भेजे गए पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विकास शील ने कहा, ‘‘कृपया ध्यान दें- जिन व्यक्तियों की जांच में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है अब उन्हें ठीक होने के तीन महीने बाद खुराक दी जाएगी.’’शील ने कहा, ‘‘मैं अनुरोध करता हूं कि संबंधित अधिकारी इसका संज्ञान लें.’’ दरअसल कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के आने के बाद एक बार फिर देश में वैक्सीनेशन तेज कर दी गई है. वायरस से बचाव के लिए सरकार की ओर से कई माध्यमों के जरिए जागरूकता फैलाई जा रही है. ऐसे में लोगों के मन में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर वैक्सीन लगवाने या कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद कितने महीने तक इम्यूनिटी यानि एंटी बॉडी शरीर में बरकरार रहती है. लोगों के मन में उठ रहे सवाल को लेकर आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने जानकारी दी है.
ओमिक्रोन वेरिएंट के चलते वैक्सीनेशन में तेजी
दरअसल देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के आने के बाद वैक्सीनेशन अभियान काफी तेज कर दिया गया है। संक्रममण से बचाव के लिए सरकार द्वारा कई माध्यमों से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। इस बीच लोगों के मन में भी सवाल उठ रहे हैं कि वैक्सीन मिलने या कोरोना वायरस से उबरने के बाद शरीर में कितने महीने तक इम्युनिटी यानी एंटी बॉडी बरकरार रहती है।
एंटी बॉडी को लेकर ये बोले ICMR के वैज्ञानिक, 9 महीने तक एंटी बॉडी मौजूद रहती है
लोगों के मन में उठ रहे सवाल को लेकर ICMR के डीजी बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज के ठीक होने या वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी करीब 9 महीने तक एंटीबॉडी मौजूद रहती है। वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी पर भारत में स्टडी हुई और ग्लोबल लेवल पर रिसर्च भी हुई, जिससे जानकारी मिली है कि शरीर में 9 महा तक एंटीबॉडी जीवित रहती है। बलराम भार्गव के मुताबिक कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होने या वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद करीब 9 महीने तक एंटी बॉडी मौजूद रहती है।