कोरोना महामारी के बीच राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम हिस्सों में ऑक्सिजन संकट पैदा हो गया है। जरूरतमंदों को समय पर मेडिकल ऑक्सिजन नहीं मिल रहा। कुछ ऐसे भी लोग होंगे जो डर के मारे और एहतियात की वजह से पहले से ही ऑक्सिजन सिलिंडर की व्यवस्था करने में लगे होंगे कि क्या पता कब जरूरत पड़ जाए। ऐसे में देश के दिग्गज डॉक्टरों ने ऑक्सिजन को लेकर बहुत ही जरूरी सुझाव और टिप्स दिए हैं जो आपके मन में पैदा हुए डर को खत्म कर देंगे। ऑक्सिजन लेवल घट रहा हो तो अनुलोम-विलोम, प्राणायाम करें, फायदा होगा। यह हम नहीं, दिग्गज डॉक्टर कह रहे हैं।
एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन, एम्स में मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर नवनीत विग और भारत में हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर सुनील कुमार ने रविवार को कोरोना संक्रमण, इलाज, ऑक्सिजन की जरूरत पर विस्तार से समझाया। अगर कोरोना पॉजिटिव हो गए तो क्या करना चाहिए। ऑक्सिजन लेवल कैसे बढ़ा सकते हैं। यह भी बताया कि कब मरीज को मेडिकल ऑक्सिजन की जरूरत पड़ती है और कैसे तनाव को कम किया जाए।
क्या कहते हैं मेदांता के डॉ नरेश त्रेहन
मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन का कहना है कि जैसे ही आपकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, मेरी सलाह होगी कि आप अपने स्थानीय डॉक्टर से सलाह लें, जिसके साथ आप संपर्क में हैं. सभी डॉक्टर कोविड प्रोटोकॉल जानते हैं और उसी के अनुसार आपका इलाज शुरू करेंगे. समय पर सही दवा दी जाए तो 90 प्रतिशत मरीज घर पर ठीक हो सकते हैं।
क्या कहते हैं महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ सुनील कुमार
डॉ सुनील कुमार कहते हैं कि समाचारों आदि पर ज्यादा ध्यान केंद्रित न करें, केवल चुनिंदा समाचार देखें. एक व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी चल रही है. इस पर बिलकुल भी ध्यान न दें. कोविड 19 प्रोटोकॉल का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते पालन करें. मीडिया और डॉक्टरों को भी अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना होगा. उन्होंने कहा कि 2020 में एक नया वायरस हमारे देश में आया और हम तैयार नहीं थे. सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए टेस्टिंग को काफी बढ़ाया।
डॉ सुनील कहते हैं कि हमें विश्वास होना चाहिए कि हमारी सरकार, डॉक्टरों, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, महामारी विज्ञानियों के सुझावों के साथ ठोस और वैज्ञानिक कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि टीकों को लेकर भी कई अफवाह फैलाये जा रहे हैं. बता दें कि वैक्सीन के कोई गंभीर दुष्परिणाम नहीं है, बल्कि यह नगण्य है. वैक्सीन और कोविड को लेकर उपयुक्त व्यवहार दो चीजें हैं जो हमें श्रृंखला को तोड़ने में मदद करेंगी।
क्या कहते हैं एम्स के विशेषज्ञ डॉ नवीत विग
एम्स के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ नवीत विग ने कहा कि अगर हमें बीमारी को हराना है तो स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बचाना होगा. कई स्वास्थ्य कार्यकर्ता कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं. अगर हम स्वास्थ्य कर्मचारियों को बचाते हैं तो वे रोगियों को बचाने में सक्षम होंगे. अगर हम दोनों को बचाएंगे, तभी हम अर्थव्यवस्था को बचा पाएंगे. यह एक दूसरे से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि अन सभी चीजों को बचाने के लिए हमें श्रृंखला को तोड़ना होगा. हमें रोगियों की संख्या को नीचे लाना होगा. हमारा एकमात्र लक्ष्य श्रृंखला को तोड़ना होना चाहिए. हम भारत में सकारात्मकता दर को 5 फीसदी से भी कम कर सकते हैं. अगले 3 हफ्तों में अगर हम सभी जिम्मेदारी लेते हैं और COVID के खिलाफ उचित व्यवहार करते हैं तो यह संभव है।
क्या कहते हैं डॉ. रणदीप गुलेरिया
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी बताया कि गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज से फायदा मिलेगा। उन्होंने ऑक्सिजन को लेकर भ्रम को भी दूर किया। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ‘…कई लोग यह समझते हैं कि कल मेरी ऑक्सिजन सेचुरेशन 98 थी और आज 97 हो गई, इसका मतलब है कि ऑक्सिजन लेवल घटने लगा है। इसलिए, ऑक्सिजन लगाने की नौबत आ गई है। आपको समझना चाहिए कि अगर आपकी ऑक्सिजन सेचुरेशन 94, 95, 97 है तो ऑक्सजिन लगाने की कोई जरूरत नहीं है। अगर आपको लगे कि सांस लेने में तकलीफ हो रही है, सीने में इन्फेक्शन है तो गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करें। पेट के बल लेटेंगे तो भी आपकी सेचुरेशन बढ़ जाएगी।
ऑक्सीजन लेवल कम होने के लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो यदि ऑक्सीजन लेवल आपका कम होता है तो होठों के रंग में बदलाव आ जाता है. आपके होंठ निले पड़ सकते हैं. जिसे स्यानोसिस का पहचान भी माना जा सकता है। वहीं, ऑक्सीजन लेवल यदि सही रहा तो लाल या गुलाबी रंग में आपका चेहरा ग्लो करता रहता है। लेकिन, ऑक्सीजन लेवल गिरते ही मरीज की छाती में अचानक से दर्द हो सकता है।
सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
बेचैनी सी महसूस होने लगेगी।
असहनीय सिर दर्द चालू हो जाएगा, और लगातार खांसी से भी मरीज परेशान रह सकता है।
ऐसी स्थिति में फौरन डॉक्टर से दिखा कर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है।
घर पर इस तरह करें ऑक्सीजन चेक
1. ऑक्सीमीटर (oximeter) से ऑक्सीजन लेवल चेक करने से पहले आपकी अंगुली पर नेल पॉलिश नहीं होनी चाहिए. नाखून साफ होने चाहिए. यदि हाथ ठंडे हों तो दोनों हाथों को रगड़कर हाथ गर्म करें।
2. ऑक्सीजन (Oxygen) नापने से पहले कम से कम पांच मिनट के लिए आराम करना चाहिए।
3. दिल की तरफ छाती पर अपना हाथ रखें. फिर ऑक्सीमीटर ऑन करें और ऑक्सीमीटर में मध्य (middle) या तर्जनी (index finger) अंगुली रखें।
4. शुरुआत में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए ऑक्सीजन लेवल स्थिर होने की प्रतीक्षा करें. जब तक रीडिंग स्थिर न हो तब तक ऑक्सीमीटर को कम से कम एक मिनट या उससे अधिक समय तक ऑन रखें।
5. दिन में चार बार एक ही अंतराल पर ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें या हर चार-चार घंटे में. प्रत्येक रिकॉर्डिंग को नोट करें।
6. ऑक्सीजन लेवल ठीक रहे इसके लिए घर पर 4-5 तकियों के सहारे उल्टा लेट कर सांस लें. COVID-19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी महत्वपूर्ण है, यह 94 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए।
7. COVID-19 रोगी को 6 मिनट का ‘वॉक टेस्ट’ करना चाहिए. यानी कमरे के अंदर ही 6 मिनट टहलें और उसके बाद ऑक्सीजन जांचें. यदि 4 प्रतिशत या उससे अधिक का उतार-चढ़ाव होता है, तो डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत पड़ सकती है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की होल्डिंग?
एम्स (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा,
लोगों ने घबराहट में रेमडेसिविर इंजेक्शन की होल्डिंग शुरू कर दी है, जिससे इसकी कमी हो गई है और इस कारण इसकी कालाबाजारी भी होने लगी है। उन्होंने कहा, घबराने वाली बात नहीं है. Panic न करें। ऑक्सीजन की कमी को लेकर उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने ऑक्सीजन की होल्डिंग भी शुरू कर दी है, ये करना गलत है।
‘योग की बहुत बड़ी भूमिका’
डॉ नरेश त्रेहान ने कहा, करोना के दौरान योग की बहुत बड़ी भूमिका है. प्राणायाम बहुत कारगर है. यदि आपको सांस की कोई प्रॉब्लम हो रही है तो गहरी सांस लें और पेट के बल लेट जाएं. इससे आपका ऑक्सीजन लेवल कण्ट्रोल हो जायेगा. यदि इससे फायदा न हो तो आप डॉक्टर से मिलें।