विश्व भर में 22 अप्रैल को अर्थ डे यानी ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ मनाया जाता है. इसे मनाने का मकसद है कि लोग पृथ्वी के महत्व को समझें और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के प्रति जागरूक हों, यही वजह है कि इस दिन पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने का संकल्प लिया जाता है।
“पृथ्वी दिवस” के रुप में इस उत्सव के नाम के पीछे एक कारण है। 1969 में लोगों की बड़ी संख्या ने यह सुझाव दिया और पृथ्वी दिवस (जन्मदिवस का तुकांत) के रुप में “जन्मदिवस” विचार के साथ आया।
इसे मनाने का उद्देश्य
पृथ्वी पर जैसे-जैसे आबादी बढ़ते जा रही है, यहां प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन, बढ़ते असंतुलन के कारण वो दिन अब दूर नहीं है जब पृथ्वी रहने का स्थान नहीं बचेगी इसलिए जरूरी है कि सही समय पर सभी लोग जागरूक हो और अपनी जिम्मेदारियों को समझें और पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्य निभाएं इसी उद्देश्य के साथ पिछले 50 सालों से संपूर्ण विश्व में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है।
विश्व पृथ्वी दिवस 2021 का विषय
प्रतिवर्ष विश्व पृथ्वी दिवस के लिए एक विषय निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष की थीम पृथ्वी को पुनर्स्थापित करना रखी गई है। पृथ्वी को स्वस्थ बनाने के लिए, उस को पहले की तरह बनाने के लिए जो कुछ भी विश्व कर सकता है, उस पर विचार किया जाएगा। पिछले वर्ष विश्व पृथ्वी दिवस का विषय जलवायु कार्रवाई था जो कि वाकई एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हर साल आयोजक एक नया विषय रखते हैं।
तीन दिन मनाया जा रहा है इस साल अर्थ डे
अर्थ डे साल 1970 से 22 अप्रैल को मनाया जा रहा है। इस साल इसे तीन दिन के इवेंट के तौर पर मनाया जा रहा है जो 20 अप्रैल से शुरु हो गया है। इस साल कोविड महामारी के कारण कार्यक्रमों को डिजिटल तौर पर करने की योजना बनाई गई है। कोविड-19 के कारण पर्यावरण की अहमियत पर भी जोर दिया रहा है।
इन विषयों पर रहेगा जोर
इस साल अर्थ डे कार्यक्रमों में जलवायु और पर्यावरण साक्षरता, जलवायु तकनीकों की बहाली, वनीकरण के प्रयासों में तेजी, पुनर्उत्पादन कृषि, समानता और पर्यावरण न्याय, नागरिक विज्ञान, साफ सफाई जैसे मुद्दों पर जोर दिया जाएगा. अर्थडे डॉटओआरजी ने इस बार पृथ्वी के लिहाज से सभी से बदलाव से दूर रहने की अपील की है।
विश्व पृथ्वी दिवस की जानकारी और इतिहास
पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय को दर्शाने के लिये साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये 22 अप्रैल को पूरे विश्व भर के लोगों के द्वारा एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में हर साल विश्व पृथ्वी पृथ्वी दिवस को मनाया जाता है। पहली बार, इसे 1970 में मनाया गया और उसके बाद से लगभग 192 देशों के द्वारा वैश्विक आधार पर सालाना इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई।
1969 में, सैन फ्रांसिस्को के जॉन मैककोनल नाम के एक शांति कार्यकर्ता जो सक्रियता से इस कार्यक्रम को शुरु करवाने में शामिल थे, ने एक साथ मिलकर पर्यावरणीय सुरक्षा के लिये इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा। 21 मार्च 1970 को वसंत विषुव में मनाने के लिये इस कार्यक्रम को जॉन मैककोनेल ने चुना था जबकि 22 अप्रैल 1970 को इस कार्यक्रम को मनाने के लिये अमेरिका के विंसकॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने चुना था। बेहतर भविष्य के लिये अपने पर्यावरणीय मसले को सुलझाने के लिये उन्होंने लोगों को इस कार्यक्रम में एक-साथ होकर जुड़ने के लिये संपर्क किया था। विश्व पृथ्वी दिवस के पहले समारोह के दौरान लाखों लोगों ने इसमें अपनी इच्छा जताई और इस कार्यक्रम का लक्ष्य समझने के लिये भाग लिया। विश्व पृथ्वी दिवस के लिये कोई एक तारीख निर्धारित करने के बजाय, इसको दोनों दिन मनाने की शुरुआत हुयी। आमतौर पर, पूरे विश्वभर में जरुरी क्षेत्रों में नये पौधे को लगाने के आम कार्य के साथ पृथ्वी दिवस कार्यक्रम को मनाने की शुरुआत हुयी।
22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस उत्सव की तारीख की स्थापना करने के अच्छे कार्य में भागीदारी के लिये अमेरिका के विस्कॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को स्वतंत्रता पुरस्कार के राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित किया गया। बाद में लगभग 141 राष्ट्रों के बीच वर्ष 1990 में डेनिस हेज़ (वास्तविक राष्ट्रीय संयोजक) के द्वारा वैश्विक तौर पर पृथ्वी दिवस के रुप में 22 अप्रैल को केन्द्रित किया था। बहुत सारे पर्यावरणी मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करने के लिये पृथ्वी सप्ताह के नाम से पूरे सप्ताह भर के लिये ज्यादातर पृथ्वी दिवस समुदाय ने इसे मनाया। इस तरीके से 22 अप्रैल 1970 को आधुनिक पर्यावरणीय आंदोलन के वर्षगाँठ के रुप में चिन्हित किया गया।
लोगों के समक्ष पर्यावरणीय मुद्दे को रखने के साथ ही युद्ध-विरोधी आंदोलन को नियंत्रित करना, दूसरे जीव-जन्तु, स्व-बोध के लिये लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये पृथ्वी दिवस 1970 की स्थापना की गयी थी। 1969 में कैलिफोर्निया के सेंट बारबरा में संस्थापक गेलॉर्ड नेल्सन (विस्कॉन्सिन से एक यू.एस सीनेटर) के द्वारा पृथ्वी दिवस उत्सव के कार्यक्रम के स्थापना के पीछे एक बड़ी त्रासदी, भारी तेल गिराव की त्रासदी थी। इस त्रासदी ने हवा, पानी और मिट्टी के प्रदूषण के लिए जन चेतना बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के उपायों को लागू करने की दिशा में गेलॉर्ड नेल्सन को नेतृत्व करने की प्रेरणा दी।
22 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है?
हमारी पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ आज भी जीवन संभव है। धरती पर जीवन को बचाये रखने के लिये पृथ्वी की प्राकृतिक संपत्ति को बनाये रखना बहुत जरुरी है। इस भीड़ में, भगवान द्वारा बनायी गयी सबसे बुद्धिमान कृति इंसान हैं, अपनी मानवता और अपने ग्रह का ध्यान रखना भूल गया है। धरती जिसने इसको जीवन दिया, आज वो उसी धरती के संसाधनों का निर्दयतापूर्वक इस्तेमाल कर रहा है। अपने ग्रह के महत्व के बारे में मानव जाति को जागरुक करने के लिय पृथ्वी दिवस के रुप में 22 अप्रैल को चिन्हित किया गया है।
धरती पर लोगों के रहन-सहन के लापरवाह नजरिये के साथ ही औद्योगिकीकरण की दिनों-दिन बढती दर के बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये विस्कॉन्सिन से यूएसए सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने इस दिन की नींव रखी। उनके द्वारा यह कदम अपने ग्रह की संपत्ति का सम्मान, प्रोत्साहन करने के साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन के विचार को बढ़ाने के लिये लिया गया। हमेशा स्वस्थ और जीवित रहने के लिये पर्यावरणीय मसलों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है क्योंकि क्रूर लोग निर्दयतापूर्वक इसके संसाधनो का प्रयोग कर रहें हैं और शताब्दियों से इसके जीवन समर्थक संसाधनों को जर्जर कर रहें हैं।
कैसे मनाया जाता है
अपनी धरती के प्राकृतिक संपत्ति को बचाने के लिये 22 अप्रैल 1970 से ही बहुत उत्साह और दिलचस्पी के साथ पृथ्वी दिवस को पूरी दुनिया के लोग मनाते हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरणीय मुद्दों, औद्योगिकीकरण, वन कटाई आदि पर आधारित भूमिका प्रदर्शित करने के लिये सड़कें, पार्क और ऑडिटोरियम को सजाते हैं।
इस दिन लोग धरती की सुरक्षा से संबंधित बाहरी गतिविधियों में शामिल होते हैं जैसे नये पेड़-पौधों को लगाना, पौधा रोपण, सड़क के किनारे का कचरा उठाना, गंदगियों का पुर्नचक्रण करना, ऊर्जा संरक्षण आदि। दिनों-दिन बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग और दूसरे पर्यावरणीय तबाही से बचाने के लिये कुछ लोग सरकार से त्वरित कार्यवाही करने के लिये आग्रह करते हैं। सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान इस दिन खुले रहते हैं।
पृथ्वी दिवस मनाने के कई तरीके
जरुरी स्थानों पर नये पौधा-रोपण करें।
अपने परिवार के साथ कुछ बाहरी गतिविधियों में शामिल हों जैसे पेड़ पर पक्षी के लिये घोंसला बनाना और पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका के बारे में चर्चा करना।
भूमि और जल प्रदूषण को टालने के लिये प्लास्टिक थैलों के इस्तेमाल में कमी लाने के लिये लोगों को प्रोत्साहित करना।
पुराने सामानों का पुनर्चक्रण और दुबारा प्रयोग करने के बारे में अपने बच्चों को सिखाना।
सड़क, पार्क और दूसरी जगहों से गंदगी हटाने में भाग लेना।
मनोरंजन गतिविधियों में भाग लेना जैसे गीत गायन जो पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित हो और इस उत्सव में शामिल होने के लिये अधिक से अधिक व्यक्तियों को आकर्षित करें।
शैक्षणिक सत्रों में भाग लें जैसे सेमिनार, परिचर्चा और दूसरे प्रतियोगी क्रियाकलाप जो धरती के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा से संबंधित हों
पर्यावरणीय रंगों को दिखाने के लिये हरे, भूरे या नीले रंग के कपड़े पहनने के द्वारा लोगों को प्रोत्साहित करें।
विभिन्न व्यवहारिक संसाधनों के द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लिये लोगों को बढ़ावा दें।
लोगों को शिक्षा दें कि हर दिन पृथ्वी दिवस है, इसलिये हर दिन उन्हें धरती का ध्यान रखना चाहिये।
विश्व पृथ्वी दिवस का विषय (थीम)
वर्ष 2020 में विश्व पृथ्वी दिवस का थीम “जलवायु कार्रवाई (क्लाइमेट एक्शन)” था।
वर्ष 2019 में विश्व पृथ्वी दिवस का थीम “अपनी प्रजातियों की रक्षा करें (प्रोटेक्ट आवर स्पीशीज)” था।
वर्ष 2018 में विश्व पृथ्वी दिवस के लिए थीम “प्लास्टिक प्रदूषण का अंत” था।
वर्ष 2017 में विश्व पृथ्वी दिवस के लिए थीम “पर्यावरण और जलवायु साक्षरता” था।
वर्ष 2016 में विश्व पृथ्वी दिवस के लिए थीम “धरती के लिए पेड़” था।
विश्व पृथ्वी दिवस 2015 का विषय था “जल अद्भुत विश्व”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2014 का विषय था “हरे शहर”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2013 का विषय था “जलवायु परिवर्तन का चेहरा”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2012 का विषय था “धरती को संगठित करना”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2011 का विषय था “वायु को साफ करें”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2010 का विषय था “कम करो”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2009 का विषय था “कैसे आप आस-पास रहते हैं”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2008 का विषय था “कृपया पेड़ लगायें”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2007 का विषय था “धरती के प्रति दयालु बने-संसाधनों को बचाने से शुरुआत करें”।
पृथ्वी दिवस पर, हम उन सभी उपहारों की खुशी मनाते हैं जो हमें प्रकृति उपलब्ध कराती है। इसकी उदारता पर अपनी पूरी निर्भरता को हम पहचानते हैं। और भविष्य की पीड़ी के लिये इसके फलों को सुरक्षित रखने के लिये अच्छे प्रबंधन के लिये हम स्वीकार करते हैं।
“ईश्वर स्वर्ग बनाना चाहता है और धरती वो स्वर्ग है। सुदूर ब्रम्हाण्ड में यहाँ बहुत ढ़ेर सारा प्यार, जीवन, सुंदरता और शांति है। अपने हमजोली के आए मस्ती करें।”
“बोलते हुए स्वर्ग से बात करने के लिये पेड़ पृथ्वी का अंतहीन प्रयास है।”- रविन्द्रनाथ टैगोर