आज के समय में ओलिंपिक खेल किसी परिचय का मौहताज नहीं है| यह ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन खेल प्रतियोगिताओं का एक प्रमुख खेल आयोजन है| इसमें होने वाली विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में विश्व भर के हजारों खिलाड़ी भाग लेते| आइये जानते हैं क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल ओलिंपिक डे (World Olympic Day) और क्या है इसकी महत्वता:
08वीं शताब्दी ईसा पूर्व से चौथी शताब्दी ईसवी तक ग्रीस के ओलम्पिया में प्राचीन ओलिंपिक खेलों का आयोजन हुआ करता था| इसी से प्रेरित होकर बैरन पियरे डी कौबर्टिन ने 1894 में अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) की स्थापना की, जिसके बाद 1896 में पहले आधुनिक ओलिंपिक खेलों का आयोजन एथेंस में हुआ|
इंटरनेशनल ओलिंपिक डे कब है
इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी विश्व भर में होने वाले ओलिंपिक खेलों की गवर्निंग बॉडी है| सन 1948 में उम्र, लिंग या एथेलेटिक क्षमता की परवाह किये बिना दुनिया भर में खेल में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक डे की शुरुआत करी गई थी| और यह दिन आधुनिक ओलिंपिक खेलों के जन्म के उपलक्ष्य में हर वर्ष 23 जून को मनाया जाता है|
अंतराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस का इतिहास
“ओलंपिक डे” इस दिन को सर्वप्रथम 1948 मे परिचित करवाया गया था, परंतु ओलंपिक गेम्स की शुरवात इससे कई वर्ष पूर्व 23 जून 1894 को सोरबोन, पेरिस में हो चुकी थी. इस 23 जून को, 1948 से हर वर्ष अंतराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य खेलों में अंतराष्ट्रीय स्तर पर और हर आयु वर्ग और लिंग के लोगों कि भागीदारी को बढ़ावा देना था. जब सर्वप्रथम ऑलिंपिक डे मनाया गया था, तो इसे अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समितियों द्वारा कुल 9 देशों में मनाया गया था, जिसमें आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, ग्रीस, पुर्तगाल, स्वीज़रलेंड, Uruguay और वेनज़ुएला शामिल थे।
आधुनिक ओलंपिक की शुरुआत
वर्ष 1947 में स्टॉकहोम में IOC के 41वें सत्र के दौरान चेकोस्लोवाकिया में अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के सदस्य डॉक्टर ग्रस ने ओलिंपिक दिवस के बारे में अपनी एक रिपोर्ट प्रस्तुत करी| इसका उद्देश्य ओलिंपिक विचार को बढ़ावा देना और अधिक से अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना था| इसके अगले वर्ष 1948 में 42वें IOC सत्र के अवसर पर इस विचार को अपनाया गया| आयोजन समिति के पास 17 जून से 24 जून के दिनों का विकल्प रखा गया और उन्होने अंततः यह निर्णय लिया कि अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक दिवस प्रतिवर्ष 23 जून को मनाया जाएगा| इस प्रकार पहला विश्व ओलिंपिक दिवस 23 जून 1948 को मनाया गया|
ओलंपिक खेल का आयोजन प्रति चार वर्षो में अंतराष्ट्रीय खेल समिति द्वारा किया जाता है. यह विश्व में होने वाली अग्रणी खेल प्रतियोगिता है, इसमे 200 से अधिक देश हिस्सा लेते है. इस प्रतियोगिता में कई तरह के ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन खेल होते है।
अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक दिवस का महत्व
अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक दिवस का महत्व अधिक से अधिक लोगों को ओलिंपिक खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना और इन खेलों के दौरान होने वाले अलग-अलग खेल आयोजनों के बारे में जागरूकता फैलाना है|
भारत कई वर्षों से ओलिंपिक खेलों का सक्रिय भागीदार रहा है| भारत ने पहली बार 1900 में ओलिंपिक खेलों में भाग लिया था| हाल के वर्षों में भारत ने इस खेल प्रतियोगिता में अपनी छाप छोड़ी है| सन 2020 में कोरोना महामारी के कारण टोक्यो में आयोजित होने वाले ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों को स्थगित कर दिया गया था| अब इनका आयोजन इस वर्ष 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 के बीच होना है।
ओलम्पिक रिंग का मतलब
ओलम्पिक रिंग को ‘पियरे डी कॉबर्टिन’ ने 1913 में बनाया था। ओलम्पिक खेलों के जन्मदाता भी यही हैं। वेसे तो ओलम्पिक रिंग 1914 में स्वीकार कर लिया गया था पर बेल्जियम ओलम्पिक्स 1920 में इसे ओलम्पिक LOGO का रूप मिला। ओलम्पिक रिंगों का कलर नीला, पीला, काला, हरा, लाल होता है जबकि बैकग्राउंड सफेद होता है। ये रिंग एक प्रतिक्रिया को दर्शाती है, जिस चीज़ में हरदम मूवमेंट हो या जो चीज़ गतिशील हो। साथ ही यह रिंग पांचों महासागरों में संगठन को दर्शाती है। इसके आलावा यह रिंग अलग-अलग देशों से आए हुए खिलाड़ियों के मिलाप को प्रदर्शित करती है।
अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के बारे मे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी :
ओलंपिक डे अंतराष्ट्रीय स्तर पर सेलिब्रेट किया जाता है:
सैकड़ो या कह सकते है हजारों की संख्या में छोटे बड़े और विभिन्न देशो के लोग विभिन्न तरह के खेलों जैसे दौड़, एक्सिबिशन, म्यूजिक और एजुकेशन आदि में भाग लेते है, और अपनी प्रतिभा का परिचय देते है, और अपने देश का प्रतिनिधित्व करते है. ओलंपिक डे आज के समय में केवल एक स्पोर्ट्स इवैंट न रहकर काफी आगे बढ़ चुका है और इसके तीन मुख्य स्तंभ (move) आगे बड़ो, (learn) सीखों, और (discover) खोजों है. इसमें हर समय कुछ नए खेलों को शामिल किया जाता है. कुछ देशों में इस खेलों के संदर्भ में जानकारी को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया है, तो कुछ जगह नेशनल ओलंपिक कमेटी के सदस्यों ने इससे संबन्धित प्रदर्शनियों को इसमें शामिल किया है. आज के समय में ओलंपिक डे केवल एक उत्सव न रहकर एक अंतराष्ट्रीय प्रयास बन चुका है, जिसकें द्वारा फ़िटनेस और अच्छा इंसान बनने को बढ़ावा दिया जा रहा है और इस गेम्स के द्वारा खिलाड़ियो में सही खेल, एक दूसरे के लिए रिस्पेक्ट और स्पोर्ट्समेनशिप की भावना को बढ़ावा दिया जाता है.
अंतराष्ट्रीय ओलंपिक डे 2021 में कब मनाया जायेगा?
हर साल की तरह इस साल 2021 मे अंतराष्ट्रीय ओलंपिक डे को 23 जून 2021 को, दिन गुरुवार को मनाया जायेगा।
इंटरनेशनल ओलंपिक दिवस 2021 की थीम
स्वस्थ रहें, मजबूत रहें, 23 जून को #OlympicDay वर्कआउट के साथ सक्रिय रहें
ओलंपिक डे रन
पिछले कई वर्षो से ओलंपिक डे रन का आयोजन पूरे विश्व में किया जा रहा है. पहली ओलंपिक डे रन 1987 में की गयी थी, राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा प्रतिवर्ष इस दौड़ के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ओलंपिक डे को मनाना और देश में ओलंपिक डे प्रैक्टिस को प्रोत्साहन देना था. सन 1987 में सर्व प्रथम कुल 45 राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों ने इसमे अपनी हिस्सेदारी दी थी, जो संख्या आज बढ़कर 100 से ज्यादा पहुच चुकी है. इस ओलंपिक डे रन में हर उम्र के बच्चे, पुरुषो व महिलाओ को शामिल किया जाता है.
इस वर्ष की ओलंपिक डे रन की खास बात यह है कि इस वर्ष 2014 में सोची शीतकालीन ओलंपिक मे बना रिकार्ड टूट चुका है. 106 वर्ष की महिला प्रतिभागी ने यह रिकॉर्ड तोड़ा है और इस महिला का नाम जेमांक्यू है, इन्होने एलेक्जेंडर का रिकार्ड तोड़ा है. एलेक्ज़ेंडर ने जब ओलंपिक दौड़ मे भाग लिया था, तब उनकी उम्र 101 वर्ष थी, तब तक ओलंपिक दौड़ मे भाग लेने वाली सबसे अधिक उम्र की महिला थी, परंतु इस वर्ष जब जेमाक्यू ने इस दौड़ में हिस्सा लिया, तो उनकी उम्र 106 वर्ष है, जो कि विश्व मे सबसे अधिक उम्र की मशाल थामने वाली महिला है.
अंतराष्ट्रीय ओलंपिक के खेलों में 3 मिलियन से अधिक प्रतिभागिता :
2008 में बीजिंग में हुये ओलंपिक खेलों में विभिन्न देशों से कुल 3.8 मिलयन पुरुष, स्त्रियो ओर बच्चों ने भाग लिया था. यह इसकी और अंतराष्ट्रीय खेलों की बढ़ती लोकप्रियता का प्रतीक है, जिसमें हर खिलाड़ी हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा को साबित करना चाहता है और एक नया मुकाम हासिल करना चाहता है.
मेडल्स के साथ सेलिब्रेशन
MCDONALD’S के सपोर्ट और collaboration के बिना ओलंपिक खेलों का होना नामुमकिन सा है. जो कि वर्ष 2003 से ओलंपिक इवैंट का वर्ल्डवाइड पार्टनर बन चुका है. बहुत से देशों में राष्ट्रीय ओलंपिक समिति लोकल MCDONALD’S की ब्रांच से संपर्क करके और अधिक खिलाड़ियो को आकर्षित करने का प्रयास करती है.
अंतराष्ट्रीय ओलंपिक के स्पोंसर्स 2021 के स्पॉन्सर
कोका-कोला
एटॉस
ब्रिजस्टोन
डोव केमिकल कंपनी
जनरल इलैक्ट्रिकल
मैकडोनाल्डस
ओमेगा एसएपैनासॉनिक
प्रॉक्टर एंड गैम्बल
सैमसंग
टोयोटा
वीसा आईएनसी.
अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्य
नेशनल ओलंपिक समिति का उद्देश्य और रोल
नेशनल ओलंपिक समिति का मुख्य उद्देश्य ओलंपिक खेलों का प्रचार पूरे विश्व में करना और ओलंपिक खेलों का प्रतिनिधत्व करना है. इसके कुछ अन्य उद्देश्य निम्न है.
प्रत्येक देश में खिलाड़ियो को प्रोत्साहित करना और उन्हे सपोर्ट करना , खेलों और खेलों के संदर्भ मे होने वाली प्रतियोगिताओ का विकास और व्यवस्थाओ कि देखरेख करना.
ओलंपिक गेम्स के रेगुलर सेलिब्रेशन को संभावित करना.
यह समिति सार्वजनिक और निजी संगठनो और अधिकारियों के सहयोग से खेल क्षेत्रों में शांति और मानवता बनाए रखने के प्रयास करती है.
यह समितियाँ ओलंपिक आंदोलन को प्रभावित करती है तथा किसी भी प्रकार के भेदभाव का विरोध करती है .
यह समितियाँ खेलों में हर स्तर पर महिलाओ को प्रोत्साहित करती है और हर जगह महिलाओ और पुरुषों के साथ समान व्यवहार करती है.
इंटरनेशनल ओलंपिक खेलों में उपलब्ध्द सम्मान
ओलंपिक खेलों में मिलने वाले मेडल्स के अलावा भी कई ऐसे अवार्ड है, जिन्हे अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा खिलाड़ियों को दिया जाता है. यह अंतराष्ट्रीय खेल समिति द्वारा दिये जाने वाले अवार्ड इस प्रकार है.
आई ओ सी प्रेसिडेंट ट्रॉफी ओलंपिक खेलों में मिलने वाला सबसे बढ़ा अवार्ड है, यह उस खिलाड़ी को दिया जाता ,है जिसने अपने खेल में अच्छा प्रदर्शन किया हो, साथ ही में उस खिलाड़ी का पूरा कैरियर भी उत्कर्ष प्रदर्शन वाला रहा हो और उसने अपने खेल में एक स्थायी प्रभाव दर्ज किया हो.
ओलंपिक खेलों मे दिया जाने वाला दूसरा अवार्ड pierre de coubertin medal है, यह उस खिलाड़ी को दिया जाता है जिसने पूरे ओलंपिक खेल में एक स्पेशल खेल भावना का प्रदर्शन किया हो.
ओलंपिक खेलों में ओलंपिक कप उस संस्था या संगठन को दिया जाता है, जिसने ओलंपिक खेलों के विकास में प्रयास किए हो.
ओलंपिक ऑर्डर अवार्ड उस व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने ओलंपिक खेलों में अपना विशेष योगदान दिया हो.
रियो ओलिंपिक 2016 (Rio Olympics 2016) –
रियो ओलिंपिक एक अंतर्राष्ट्रीय मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट है, जिसे इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी द्वारा आयोजित किया गया था. रियो ओलिंपिक 2016 का आयोजन ब्राजील में हुआ था, जो 5 अगस्त से 21 अगस्त तक चलेगा. इस आयोजन में दुनिया भर से 206 नेशनल ओलिंपिक कमिटी से 11 हजार एथलीट ने भाग लिया है. इस ओलिंपिक में 28 खेल का आयोजन होगा, जिसमें 306 मैडल पुरुस्कार के रूप में बाटें जायेंगें. इसे समर ओलिंपिक नाम भी दिया गया है.
भारत 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में (Rio Olympics India 2016) –
भारत भी रियो ओलिंपिक 2016 में अपना गौरव दिखा रहा है. भारत ने पहली बार सन 1900 में समर ओलिंपिक जो पैरिस में हुआ था, वहां भाग लिया था, उसके बाद 1920 से भारत लगातार हर साल इस ओलिंपिक में भाग लेता आ रहा है. भारत की तरफ से 121 एथलीट रियो ओलिंपिक में भाग ले रहे है, जिसमें 67 मेल एवं 54 फीमेल है. भारत टेबल टेनिस, बैडमिंटन, रेसलिंग, वेटलिफ्टिंग, तैराकी, शूटिंग, रोइंग, जुडो, गोल्फ, हॉकी, बॉक्सिंग, तीरनदाजी, एथलेटिक्स, जिमनास्ट एवं टेनिस खेल में हिस्सा लेगा. अभी तक भारत के हिस्से में एक भी मैडल नहीं आया है, उम्मीद लगाई जा रही आगे भारत को मैडल मिलेंगें. एथलेटिक्स रंजित महेश्वरी एवं अंकित शर्मा से सबको उम्मीद है कि वो भारत को मैडल दिलाने में सफल होंगें.
ओलंपिक खेलों मे भारतीय खिलाड़ियो द्वारा जीते गए मेडल :
भारतीय खिलाड़ियो ने 30 ओलंपिक खेलों में कुल 9 गोल्ड, 6 सिल्वर और 11 कास्य पदक जीते और भारत को विश्व खेल जगत में गौरवान्वित किया. यहाँ हम उन खिलाड़ियो की लिस्ट दे रहे है, जिन्होंने अपने प्रयासों से ओलंपिक खेल में अवार्ड्स जीते और अपने आप को और देश को विश्व में सम्मान दिलवाया .
ओलम्पिक से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
ओलम्पिक खेलो (Olympics) की शुरुआत ओलम्पस नामक यूनानी देवता के सम्मान में सबसे पहले 776 ईसा पूर्व में हुई थी. उस समय इसमें नाटक, संगीत, साहित्य, कला, नाटक और जिम्नास्टिक जैसी प्रतियोगिताए आयोजित होती थी.
कुछ समय बाद रोम के राजा थियोडोसिस ने इसे मूर्तिपूजा वाला उत्सव करार देकर इस पर रोक लगा दिया.
आधुनिक ओलम्पिक खेलो (Olympics) की शुरुआत बैरन कुबर्तिन के प्रयासों से 1896 में एथेंस में हुई और उन्ही के सुझावों पर 23 जून 1914 में ओलम्पिक के झंडा तैयार किया गया.
ओलम्पिक (Olympics) का झंडा सफ़ेद सिल्क से बना है जिसपर ओलम्पिक के प्रतिक पांच छल्ले लगे है. ये पांच छल्ले एक दुसरे से जुड़े है. इनमे पहली लाइन में तीन और दूसरी लाइन में दो छल्ले है. इनका रंग है – नीला, पीला, काला, हरा और लाल.
झंडे के पांच छल्ले पांचो महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करते है. इनमे से नीला गोला यूरोप को, पीला एशिया को, लाल अमेरिका को, काला अफ्रीका को, और हरा ऑस्ट्रेलिया को दर्शाता है.
ओलम्पिक (Olympics) के झंडे के छल्लो के लिए इन रंगों को इस्तेमाल करने का एक विशेष कारण है. इनमे इस्तेमाल किये गए रंगों में से कम से कम एक रंग हर देश के झंडे पर मिलता है. इसका सांकेतिक अर्थ है की इस खेल के द्वारा सभी दशो के खिलाडी आपस में मिलते है और एक स्वस्थ प्रतोयोगिता करते है.
ओलम्पिक खेलो (Olympics) का आयोजन हर चार साल बाद किया जाता है.
प्रथम और द्रितीय विश्व युद्ध (first and second world war) के कारण इन खेलो के आयोजन 1916, 1940 और 1944 में नहीं किया गया था.
महिलोओं की ओलम्पिक (Olympics) खेलो में भागीदारी सबसे पहले सन 1900 से हुई.
ओलम्पिक खेल (Olympics) समारोह में मार्च पोस्ट के दौरों ओलम्पिक खेलो के जन्मदाता देश ग्रीस की टीम सबसे आगे रहती है जबकि मेजबान देश की टीम सबसे पीछे रहती है.
ओलम्पिक में मशाल जलाने की प्रथा की शुरआत 1928 से हुई. यह मशाल सूरज की किरणों के द्वारा जलाई जाती है.
भारत की ओर से ओलम्पिक खेलो में सबसे पहले 1900 में भाग लिया गया जिसमे भारत ने एथलेटिक्स में दो सिल्वर मैडल जीते.
हमने अपने इस आर्टिक्ल में ओलंपिक खेल से संबन्धित अधिकतर जानकारी एकत्रित करने की कोशिश की है, ताकि आप जब भी इन खेलों को देखे इसके बारे में आपकी रुचि और अधिक बढ़ जाए. इस आर्टिक्ल में शामिल भारतीय खिलाड़ियों के नाम आपकों खेल में आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।