अगर आप बिना सोचे समझे कोई भी ऐप डाउनलोड कर लेते हैं या किसी भी लिंक पर बिंदास क्लिक कर देते हैं, तो हो सकता है आअगर आप बिना सोचे समझेप भी हैकर्स के रडार पर हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि गूगल ने सात ऐप्स में मैलवेयर पाए जाने के बाद उन्हें प्ले स्टोर से बैन कर दिया है। हालांकि, कुछ यूजर्स इन्हें अभी भी बिदास यूज कर रहे हैं। अगर आप भी इनमें से कोई ऐप यूज कर रहे हैं, तो तुरंत हटा देने की सलाह दी जाती है।
आज के समय में अधिकतर लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। आप भी करते ही होंगे। तो यह खबर आपके बहुत काम की है। दरअसल, मौजूदा समय में डिजिटल बैंकिंग तेजी से बढ़ रही है। अब लोग बैंक कम ही जाना पसंद करते हैं। इसके बजाय लोग घर बैठे ही अपने बैंकिंग संबंधी ज्यादातर काम कर ले रहे हैं। यह प्रक्रिया आसान और सुविधाजनक तो है, लेकिन रिस्की भी है। चूंकि दुनियाभर में साइबर फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में अपने पैसों को सुरक्षित संभाल कर रखना बहुत जरूरी हो गया है। आजकल साइबर अपराधी लोगों से फ्रॉड करने के तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं, जैसे- फर्जी बैंकिंग एप बनाना आदि। इसलिए अपने फोन में किसी भी एप को डाउनलोड करने से पहले यह जरूर चेक कर लें कि कहीं वो फर्जी तो नहीं है, वरना एक झटके में आपका बैंक अकाउंट ही खाली हो जाएगा। दरअसल, साइबर अपराधी फर्जी बैंकिंग एप इस तरीके से बनाते हैं कि उनकी पहचान कर पाना बड़ा ही मुश्किल होता है कि वह असली है या नकली। यही वजह है कि बहुत से उनके इस झांसे में आकर फंस जाते हैं और अपना पैसा गंवा देते हैं। आइए जानते हैं कि आप अपने पैसे को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
कई लोग अभी भी यूज कर रहे हैं ये ऐप्स
दरअसल, जोकर मैलवेयर को कास्पर्सकी के तात्याना शिश्कोवा, फर्म में एक मैलवेयर विश्लेषक द्वारा उजागर किया गया था। तात्याना ने पाया कि ये ऐप मैलवेयर जैसे ‘ट्रोजन’ जोकर से प्रभावित थे। हाल ही में, कई स्क्वीड गेम उपयोगकर्ताओं को साइबर अपराधियों द्वारा मैलवेयर के साथ इसी तरह के हमलों का सामना करना पड़ा था। गूगल जो प्ले स्टोर का मालिक है, मामला सामना आने के बाद उन ऐप्स को पहले ही हटा चुका है। चिंताजनक बात यह है कि लाखों लोग इन ऐप्स को पहले ही डाउनलोड कर चुके हैं और वर्तमान में इनका उपयोग भी कर रहे हैं। अगर आप इनमें से किसी ऐप का यूज कर रहे हैं, तो उसे तुरंत हटा दें और अपने डेटा और प्राइवेसी सुरक्षित करें।
इन एंड्रॉइड ऐप्स में शामिल हैं ये ऐप्स
1. Now QRcode Scan (10,000 से अधिक इंस्टाल)
2. EmojiOne Keyboard (50,000 से अधिक इंस्टाल)
3. Battery Charging Animations Battery Wallpaper (1,000 से अधिक इंस्टाल)
4. Dazzling Keyboard (10 से अधिक इंस्टाल)
5. Volume Booster Louder Sound Equalizer (100 से अधिक इंस्टाल)
6. Super Hero-Effect (5,000 से अधिक इंस्टाल)
7. Classic Emoji Keyboard (5,000 से अधिक इंस्टाल)
इनमें से सबसे आम मैलवेयर हमले नकली सब्सक्रिप्शन और इन-ऐप खरीदारी के माध्यम से अवैध धन कमाने को लक्षित करते हैं। उपयोगकर्ताओं को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है और किसी भी लिंक या अनुचित खरीदारी का शिकार नहीं होना चाहिए जो संदिग्ध लगता है। साइबर हमले के मामले हाल के दिनों में बढ़े हैं क्योंकि अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन शिफ्ट हो रहे हैं। गेमिंग अभी तक एक और क्षेत्र है जो साइबर हमले को आमंत्रित करता है।
क्यों खतरनाक है जोकर मैलवेयर
यह पहली बार नहीं है जब हमने मैलेशियस एंड्रॉइड ऐप्स के बारे में सुना है जो हमारे स्मार्टफ़ोन को प्रभावित कर रहे हैं। जोकर जैसा मैलवेयर स्मार्टफोन को प्रभावित करने और व्यक्तिगत डेटा चोरी करने की क्षमता के साथ उपलब्ध है। इसके अलावा, मैलवेयर आपके फाइनेंशियल डिटेल, जैसे डेबिट और क्रेडिट कार्ड डिटेल चुराने में सक्षम है। जोकर सबसे लगातार चलने वाले मैलवेयर में से एक है जो लगातार एंड्रॉइड डिवाइसेस को लक्षित करता है। इसका पहली बार पता साल 2017 में लगा था। क्विक हील के शोधकर्ताओं के मुताबिक, जोकर वायरस इन ऐप्स के जरिए यूजर्स का डेटा चुराता है। इस साल की शुरुआत में, साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने जोकर मैलवेयर के साथ एम्बेडेड प्ले स्टोर पर कुल 11 एंड्रॉइड ऐप की खोज की थी, जो फाइनेंशियल फ्रॉड कर रहे थे। इनमें से कुछ ऐप में ट्रांसलेट फ्री, पीडीएफ कन्वर्टर स्कैनर, फ्री एफ्लुएंट मैसेज, डीलक्स कीबोर्ड, अन्य शामिल हैं।
किसी भी ऐप को यूज या डाउनलोड करते समय ध्यान रखें ये बातें:
– ऐप को परमिशन देते समय सावधान रहें।
– ऐप की बैकग्राउंड के बारे में जानकारी जुटाएं।
– अपने सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखें।
– अपने सभी अकाउंट के लिए हमेशा पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें।
– ऐप डाउनलोड करने से पहले इसके बारे में सेक्शन में डेवलपर का नाम देखें।
– उपयोगकर्ता के रिव्यूज और रेटिंग चेक करें।
– सिक्योरिटी टूल किट डाउनलोड करें जो डिवाइस से अनवांटेड मैलवेयर को तुरंत स्कैन और हटा देती है।
सबसे पहली बात तो ये कि आप अपने अकाउंट नंबर की डीटेल्स, जैसे सीवीवी, पिन आदि किसी से भी शेयर न करें। इसके अलावा एक और जो सबसे जरूरी बात है, वो ये कि अपने बैंकिग अकाउंट को सेफ रखने के लिए किसी भी थर्ड पार्टी एप को अपने मोबाइल में इंस्टॉल न करें।
फर्जी बैंकिंग एप को पहचानने का सबसे अच्छा ये है कि आप अपने मोबाइल फोन की बैटरी पर ध्यान दें, क्योंकि ऐसे एप्स बहुत जल्दी बैटरी खत्म करते हैं। अगर आपके मोबाइल फोन की बैटरी बहुत जल्दी-जल्दी खत्म हो रही है तो हो सकता है कि आपके मोबाइल में कोई वायरस हो। इसलिए अपने मोबाइल में एंटीवायरस जरूर रखे।