बच्चों में अच्छी आदतों का होना उतना ही जरूरी है जितना स्वस्थ शरीर के लिए आहार, मत भूलें कि अच्छी आदतें ही बच्चे को बेहतर इंसान बनाने में मदद करती है। हर अभिभावक चाहता है कि उनके बच्चे अच्छी आदतों से परिपूर्ण हों। अच्छी आदतें ही बच्चे को बेहतर इंसान बनाने में मदद करती हैं। लेकिन इन सद्गुणों को बच्चों में डालने की ड्यूटी तो माता-पिता की ही होती है। इसके लिए बच्चे पर शुरू के दिनों से ही निगरानी करनी होती है। बच्चों को अच्छी आदतों के साथ परवरिश करने का अर्थ है उन्हें रोजाना कुछ नया सिखने के लिए प्रोत्साहित करना है। बच्चे में सद्गुणों का विकास करने की प्रक्रिया कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए बहुत धैर्य व अनुशासन की आवश्यकता होती है. बड़े-बुजुर्गों ने हमें बचपन में कई अच्छी आदतें सिखाई थी। अब हमारी बारी है कि हम अपने आने वाली पीढ़ी को यह सिखाएं। अच्छी आदतें पीढ़ी दर पीढ़ी चलनी चाहिए। इसलिए हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने बच्चों में उन अच्छी आदतों का विकास करे। बचपन में सीखी हुई बातों को बच्चे कभी नहीं भूलते। छोटी उम्र में अगर उनमें अच्छी आदतें डाली जाती है तो उसे वह हमेशा याद रखता है। बचपन से ही उन्हें छोटी-छोटी बातों को सिखाना शुरू करें। बच्चों की सफलता में माता- पिता का बहुत अधिक योगदान रहता है। माता- पिता के अच्छे मार्गदर्शन की वजह से ही बच्चे सफलता हासिल कर पाते हैं। हर माता- पिता ने बच्चों को अच्छी आदतें सीखानी चाहिए। ये आदतें जीवनभर काम आती हैं। बच्चों को हम जैसा बनाना चाहें वैसा बना सकते हैं, इसलिए शुरुआत से ही बच्चों को कुछ अच्छी आदतें सीखाएं।
1. प्लीज, सॉरी और धन्यवाद बोलना
इंसान का विनम्र होना उसके सुंदर स्वभाव को दर्शाता है. बेहतर इंसान बनने के लिए विनम्रता सबसे पहली सीढ़ी है. इस कड़ी में आप बच्चे को प्लीज व धन्यवाद व सॉरी बोलना अवश्य सीखाएं. इन शब्दों से बच्चों में शिष्टाचार की भावना झलकती है।
2. समय का महत्व समझना
व्यक्ति के जीवन में समय सबसे कीमती होता है. बीते वक्त को लाखों रुपये में भी नहीं खरीदा जा सकता. जिंदगी में तरक्की करने के लिए समय की कद्र करना बेहद महत्वपूर्ण है. बच्चे को अपने काम के प्रति वफादार बनाते हुए सही वक्त पर परफेक्ट तरीके से अपने कार्यों को पूरा करना सिखाएं।
3. बीच में नहीं बोलना
आपने देखा होगा बहुत सारे बच्चों की आदत होती है कि वे अपनी बात रखने के लिए थोड़ी देर भी इंतजार नहीं कर सकते. जब दो लोग बात कर रहे होते हैं तो बच्चा भी बीच में ही बोलना शुरू कर देता है। बच्चे को इस तरह की बुरी आदतों से दूर रखें। बीच में अगर कुछ बोलना हो तो ‘एक्सक्यूज मी’ बोलने की आदत डालें. वह भी पूरी विनम्रता के साथ. इस आदत को खांसी या डकार लेने के बाद बोलनी चाहिए।
4. ईमानदारी का पाठ
मनुष्य जीवन को प्रभावशाली बनाने के लिए व्यक्ति में ईमानदारी का होना अत्यंत आवश्यक है. ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है. इसलिए बच्चे को ईमानदारी का पाठ जरूर पढ़ाएं. बच्चा ईमानदार होगा तो वह ना तो झूठ बोलेगा और ना ही कोई गलत काम करेगा. ईमानदार बच्चे सबके प्रिय भी होते हैं।
5. कमरे में जाने से पहले दरवाजा खटखटाना
किसी के भी कमरे में जाने से पहले दरवाजा खटखटाना जरूरी है. बच्चे को यह सिखाएं कि अगर वो किसी के कमरे में जा रहा हो तो पहले दरवाजा खटखटाना ना भूले. भले ही दरवाजा अंदर से खुला हो फिर भी बगैर अनुमति के अंदर प्रवेश करना बुरी आदत होती है।
6. मदद के लिए तत्पर रहना
किसी जरूरतमंद की सेवा करने से आंतरिक सुकून मिलता है. बच्चों में शुरू से ही इस आदत के बीच बोने चाहिए. उन्हें यह जरूर सिखाएं कि मुसीबत में फंसे किसी भी इंसान को अपनी क्षमतानुसार मदद का हाथ बढ़ाए. सिर्फ अपनों की ही नहीं बल्कि अनजान लोगों की भी सहायता करने को प्रेरित करना चाहिए।
7. शारीरिक बनावट पर कमेंट नहीं करना
किसी इंसान के चेहरे व शारीरिक बनावट को लेकर कमेंट करना बहुत ही बुरी आदत है. भले यह कमेंट मजाक में हो या फिर पीठ पीछे ही किया गया हो. दोनों रूपों में ही यह गलत है।
8. असभ्य भाषा का प्रयोग करना गलत
बच्चे जो देखते हैं बहुत जल्दी सीखते हैं. लेकिन उन्हें सही-गलत की जानकारी नहीं होती है. जिस कारण वे गलत चीजों को भी सही समझ कर उसे अपनी आदत में डाल लेते हैं. अनजाने में ही सही लेकिन लोगों के साथ गलत रवैया अपनाते हैं, उनके साथ गलत शब्दों का व्यवहार करते हैं. इसलिए उन्हें शुरू से ही असभ्य भाषा का व्यवहार करने से रोकें।
9. चीजों को शेयर करना
चीजों को शेयर करने से रिश्तों को मजबूती मिलती है. बच्चे को यह बताना जरूरी है कि कोई भी चीज या फिर सुविधा सिर्फ उसके लिए नहीं है. मिल बांट कर उन चीजों का व्यवहार करे. ऐसे में बच्चे दूसरों की जरुरतों व भावनाओं का ख्याल रखना भी सीखता है।
10. बड़ों का सम्मान करना
सभी बच्चों में बड़ों के प्रति आदर की भावना होनी चाहिए. उनको बड़ों के साथ शिष्टाचार में रहकर बातें करना व बड़ों का सम्मान करना जरूर सिखाएं. बच्चे को समझाएं कि अगर आपसे बड़ा व्यक्ति कुछ बोलता है तो उसकी बातों को ध्यान सुनें. यह मत भूलें कि बड़े जो बोल रहे हैं उनकी भलाई के लिए ही बोल रहे हैं।
11. साफ- सफाई की आदत
जीवन में साफ- सफाई का बहुत अधिक महत्व होता है। अपने बच्चों को साफ- सफाई का महत्व समझाएं। साफ- सफाई से रहने से हम बीमारियों से दूर रह सकते हैं। स्वस्थ रहने पर ही हम कार्यों को अच्छी तरह से कर सकते हैं।
12. खान- पान का ध्यान रखने की आदत
आज के समय गलत खान- पान की आदतों की वजह से बीमार रहने का खतरा अधिक रहता है। अपने बच्चों को बचपन से खान- पान का ध्यान रखने के बारे में बताएं। आज के समय में कुछ बच्चे अपने खान-पान का ध्यान नहीं रखते हैं, जिस वजह से वो बीमार पड़ जाते हैं। सफलता हासिल करने के लिए कार्य को पूरी लग्न से करना जरूरी है। स्वस्थ रहने पर ही हम पूरी लग्न के साथ काम कर पाएंगे।
13. समय पर सोने की आदत
समय पर सोने और जागने की आदत बहुत अच्छी होती है। अपने बच्चों में ये आदत जरूर विकसित करें। अगर आप बचपन से बच्चों में ये आदत डाल देंगे तो जीवन भर उनकी ये आदत बनी रहेगी।
14. बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करें
बचपन से ही बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करें। ये आदत जीवन भर बच्चों के काम आएगी। बचपन से ही पढ़ाई के प्रति लगाव होने पर बच्चों को सफलता जरूर हासिल होगी।
15. अपने समान को व्यवस्थित तरीके से रखने की आदत
अपने बच्चों में बचपन से ही अपनी चीजों को व्यवस्थित तरीके से रखने की आदत डाल लें। ये आदत जीवन भर काम आएगी।
16. सही और गलत में फर्क करना सिखाएं
बच्चे को सही और गलत में फर्क करना सिखाएं, तभी उनमें निर्णाय लेने की क्षमता का विकास होगा। अगर बच्चा सही गलत में अंतर करना सीख जाएगा तो वह खुद से गलत का साथ नहीं देगा बल्कि सही के साथ चलेगा।
17. साफ रहने की आदत
बच्चों में यह जरूर सिखाएं कि जब वे बाहर से खेल कर घर में आएं तो वे हाथ-पैर धोकर ही घर की चीजों को छुएं. दरअसल, गंदगी की वजह से कई तरह के बैक्टीरिया पनपते हैं और इसकी वजह से वे जल्दी-जल्दी बीमार भी पड़ सकते हैं. इसलिए उनकी साफ रहने की आदत उन्हें बीमारियों से बचाए रखेगी।
18. सिखाएं खाने का तरीका
बच्चों को सिखाएं कि वे किस तरह सही तरीके से खाना खाएं. उन्हें चम्मच कैसे पकड़ना है. किस हाथ से खाना है और खाना खाते समय यह भी ध्यान रखना है कि वह इधर-उधर न गिरे. साथ ही यह भी बताएं कि उन्हें अच्छी तरह चबा-चबा कर खाना है।
19. धैर्य रखना सिखाएं
आजकल के बच्चों में धैर्य की कमी देखी जाती हैं, उनको हर चीज जल्दी और अपने हाथ में चाहिए। लेकिन अपने बच्चे की इंतजार करना सिखाएं। उनको बताएं की धैर्य और इंतजार से ही काम बनाते हैं।
20. प्रार्थना रखना सिखाएं
बच्चों में हर दिन प्रार्थना करने की आदत डालें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता हैं। प्रार्थना करने से बच्चों में पॉजिटीव थिकिंग और एकाग्रता में सुधार बढ़ती है।
बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं. उन्हें हम जैसा आकार देंगे वे उसी रूप में ढ़ल जाएंगे. बच्चों में शिष्टाचार लाने व अच्छी आदतों को विकसित करने के लिए शुरुआत के दिनों से ही इस पर विशेष पहल की जानी चाहिए।