केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेग्नेंट महिलाओं को कोरोना वैक्सीन लगवाने की मंजूरी दे दी है. अब वे भी CoWIN ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन कराकर टीका लगवा सकेंगी. मंत्रालय ने इस संबंध में गाइडलाइन भी जारी कर दी है।
अब देश में गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया जाएगा। केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन पर गठित नेशनल टेक्निकल अडवाइजरी ग्रुज (NTAGI) की सिफारिश पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को भी टीका लगाने की मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि गर्भवती महिलाएं अब कोविन पर रजिस्ट्रेशन के बाद या सीधे कोरोना टीकाकरण केंद्र में जाकर वैक्सीन लगवा सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के किसी भी स्टेज पर वैक्सीन ले सकती हैं. सरकार ने शुक्रवार को इसके साथ-साथ यह भी बताया कि कोरोना वैक्सीन मौत से 98 पर्सेंट तक बचाव करती है। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा था कि NTAGI की सिफारिश के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण सुरक्षित है। इस बीच, देश में शुक्रवार तक 34 करोड़ से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं।
गर्भावस्था में कोरोना का खतरा होगा कम
इसमें बताया गया है कि 90% से अधिक संक्रमित प्रेग्नेंट महिलाएं घर पर ही ठीक हो जाती हैं, और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती. लेकिन कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है, और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है. इसलिए यह सलाह दी जाती है कि प्रेग्नेंट महिला को कोविड-19 टीका लगवाना चाहिए. इससे गर्भावस्था के कारण कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है।
वैक्सीन लगवाने के बाद परेशानी हो डॉक्टर से मिलें
दस्तावेज में कहा गया है कि उपलब्ध कोविड-19 टीके सुरक्षित हैं और टीकाकरण प्रेग्नेंट महिलाओं को अन्य व्यक्तियों की तरह संक्रमण से बचाता है. किसी भी अन्य दवा की तरह, इस टीके के भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो सामान्य रूप से मामूली होते हैं. इसमें कहा गया है कि टीका लगवाने के बाद गर्भवती महिला को हल्का बुखार, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द या एक से तीन दिनों तक अस्वस्थता महसूस हो सकती है. ‘बहुत कम (एक से पांच लाख व्यक्तियों में से किसी एक गर्भवती महिला को) गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के 20 दिनों के भीतर कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं, जिन पर ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता हो सकती है.’
मंत्रालय ने कहा कि टीका लगवाने के लिए वो को-विन प्लेटफॉर्म पर या कोविड-19 टीकाकरण केंद्र में साइट पर पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें बार-बार हाथ धोने, सोशल डिस्टेंसिंग और डबल मास्क जैसे कोविड-19 नियमो का पालन करना जारी होगा।
* कोविड-19 के टीके गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं और उन्हें अन्य व्यक्तियों की तरह इस बीमारी से बचाते हैं।
* टीका लगवाने के बाद, सामान्य तौर पर हल्का बुखार हो सकता है, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द हो सकता है।
* गर्भवती महिलाएं जो 35 वर्ष से ज्यादा उम्र की हैं, जिन्हें पहले से कोई बीमारी है या अंगों में थक्के जमने की शिकायत रहती हो तो उनके कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा बढ़ सकता है। अगर गर्भवती महिला गर्भावस्था के दौरान संक्रमित हो गई है, तो उसे डिलीवरी के बाद टीका लगाया जाना चाहिए।
* बहुत ही कम (1-1.5 लाख व्यक्तियों में से एक) गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के 20 दिनों के अंदर निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है: सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, उल्टी के साथ या बिना लगातार पेट में दर्द, पेट में दर्द या सूजन, लगातार सिरदर्द और बिना किसी वजह से लगातार उल्टी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में अब तक कोविड-19 टीके की 34 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। मंत्रालय ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 18-44 आयु वर्ग के कुल 9,41,03,985 लोगों ने टीके की पहली खुराक ले ली है और 22,73,477 ने दूसरी खुराक भी ले ली है।
मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार सुबह सात बजे तक मिली रिपोर्ट के अनुसार 34,00,76,232 खुराक दी जा चुकी है और 42 लाख से अधिक खुराक बीते 24 घंटे में दी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि टीकाकरण अभियान के 167वें दिन (एक जुलाई) 42,64,123 खुराक दी गई, जिनमें से 32,80,998 लोगों ने टीके की पहली खुराक ली और 9,83,125 लोगों ने टीके की दूसरी खुराक ली।
मंत्रालय ने बताया कि गुरुवार को 18-44 आयु वर्ग के 24,51,539 लोगों ने टीके की पहली खुराक ली और 89,027 लोगों ने दूसरी खुराक ली। मंत्रालय ने बताया, ”8 राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 18-44 आयु वर्ग में 50 लाख से अधिक पहली खुराक दी गई।”