आज 73वां गणतंत्र दिवस है. देश की सैन्य शक्ति और एकता-अखंडता की शक्ति की झलक आज देश के कोने-कोने में देखने को मिलेगी. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2022) के जश्न का नजारा और खास होगा. क्योंकि इस बार गणतंत्र दिवस परेड में कुछ चीजें पहली बार दिखाई देंगी और कुछ परंपराओं में बदलाव दिखाई देंगे.
भारत हर साल 26 जनवरी को अपना रिपब्लिक डे (गणतंत्र दिवस) मनाता है क्यूंकि इसी दिन 1950 में भारत संप्रभु गणराज्य बना और यहाँ गणतंत्र लागू किया गया था| वर्ष 2022 में भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस मनाएगा| इस साल का गणतंत्र दिवस कई मायनों में विशेष महत्त्व रखता है, क्यूंकि यह भारत की स्वतंत्रता के 75वे वर्ष में आ रहा है, और भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है| आइये जानते हैं क्या होता है गणतंत्र का मतलब (Republic Meaning) और क्या है 26 जनवरी का बैकग्राउंड और क्या होगा आज के दिन विशेष :
रिपब्लिक का मतलब
“रिपब्लिक”/”Republic”, लैटिन शब्द “रेस पब्लिका” से आया है| हिंदी में इसका अर्थ होता है गणराज्य यानि गणतंत्र, जो सरकार का एक रूप है जिसमें देश को शासकों की निजी संस्था या संपत्ति ना मानकर, एक “सार्वजानिक मामला”/ “पब्लिक अफेयर” माना जाता है| एक गणराज्य देश में सत्ता के प्राथमिक पद विरासत में नहीं मिलते हैं और देश या राज्य का प्रमुख पद “राजा” नहीं होता| भारत भी एक “रिपब्लिक स्टेट” है|
26 जनवरी का इतिहास
भारत को अंग्रेजी शासन से 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी और इसलिए इसी दिन भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है| लेकिन 26 जनवरी 1950 तक भारतीय सविंधान लागू नहीं हुआ था| 26 जनवरी के दिन ही भारत एक संप्रभु राज्य बना और गणतंत्र कहलाया| तब से हर साल 26 जनवरी भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है| वर्ष 1929 में लाहौर में हुए कांग्रेस अधिवेशन में भारतीय नेशनल कांग्रेस ने औपनिवेशिक शासन की निंदा की और पूर्ण स्वराज की घोषणा की यानि अंग्रेजों से पूर्ण स्वतंत्रता| भारत को ब्रिटिश राज से आजादी मिलने के बाद 26 नवंबर 1949, को भारत ने अपना सविंधान अपनाया| लेकिन इसे अगले वर्ष 26 जनवरी 1950 को एक लोकतान्त्रिक सरकार प्रणाली के तहत लागू किया गया और भारत एक संप्रभु गणराज्य बन गया।भारत उस दिन को मनाने के लिए गणतंत्र दिवस मनाता है जिस दिन ब्रिटिश राज द्वारा निर्धारित भारत सरकार अधिनियम (1935) को भारतीय सविंधान द्वारा भारत के शासी दस्तावेज के रूप में बदल दिया गया था| इस दिन झंडा फहराने, राष्ट्रगान का पाठ करने और शो और कार्यक्रमों के आयोजन के अलावा, भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों सहित रक्षा बल अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं और राजपथ पर परेड में भारत के रक्षा कौशल का प्रदर्शन करते हैं, जिसका टेलीविज़न पर सीधा प्रसारण भी किया जाता है| इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर रक्षा बलों द्वारा परेड, झांकी, और शस्त्र प्रदर्शन किये जाते हैं| इस दिन स्टंट करने के अलावा, एयर शो, मोटरबाइक पर स्टंट, टैंक और अन्य हथियार प्रणालियों को भी प्रदर्शित किया जाता है| इनके साथ खूबसूरती से सजाई गई झांकियाँ, भारत के विभिन्न राज्यों की विशिष्टता और सुंदरता दर्शाती हैं| इस दिन पुरे भारतवर्ष में राष्ट्रीय अवकाश रहता है और भारतीय ध्वज फहराया जाता है|
गणतंत्र दिवस 2022 और सुभाष चंद्र बोस की जयंती
इस वर्ष 2022 से गणतंत्र दिवस समारोह 24 जनवरी के बजाय 23 जनवरी से शुरू हुआ करेगा| भारत सरकार ने भारत के इतिहास और संस्कृति में महत्वपूर्ण पहलुओं को मनाने के लिए गणतंत्र दिवस समारोह में 23 जनवरी यानि सुभाष चंद्र बोस की जयंती (पराक्रम दिवस) शामिल करी है|
गणतंत्र दिवस 2022 परेड आधे घंटे देरी से होगी शुरू
इस साल गणतंत्र दिवस 2022 की परेड, कोरोना प्रोटोकॉल और जम्मू-कश्मीर में अपनी जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के सभा के होने से आधे घंटे देरी यानी 10:30 बजे शुरू होगी| ज्ञात हो गणतंत्र दिवस परेड रायसीना हिल से शुरू होकर राजपथ, इंडिया गेट से होते हुए लाल किले पर जाकर समाप्त होती है|
आज़ादी का अमृत महोत्सव और गणतंत्र दिवस 2022
आजादी के अमृत महोत्सव पर पड़ने वाला इस साल गणतंत्र दिवस परेड में राफेल, मिग-29. पी-8 आई, जगुआर लड़ाकू विमान समेत कुल 75 विमानों के साथ अब तक का सबसे बड़ा और भव्य फ्लाईपास्ट होगा| इस बार पहला अवसर है, जब जनभागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से एक भारतीय नृत्य प्रतियोगिता वन्दे भारतम के जरिए राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस 2022 में डांस प्रदर्शन के लिए टीमों का चयन किया गया है|
गणतंत्र दिवस 2022 के मुख्य अतिथि
इस वर्ष 2022 में मध्य एशिया के देशों के प्रमुखों को गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि होने की सम्भावना है| इसमें कजाखस्तान, किर्ग़िज़स्तान ताजीकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शामिल होंगे|
आइये जानते हैं कि देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद से आयोजित समारोहों में क्या कुछ अनूठा और अभूतपूर्व हुआ था.
* देश का पहला गणतंत्र दिवस राजपथ की जगह इरविन एम्फीथिएटर में मनाया गया था. आजादी के दो साल बाद 1951 में इसका नाम बदलकर नेशनल स्टेडियम कर दिया गया था.
* इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो गणतंत्र दिवस पर भारत के पहले विदेशी मेहमान थे. जिनको गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था. इंडोनेशिया भी भारत से कुछ दिन पहले ही आजाद हुआ था.
* 26 जनवरी 1950 को पहली बार आजाद भारत के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद बग्घी में बैठकर गणतंत्र दिवस के समारोह में पहुंचे थे.
* 26 जनवरी 1952 को बिना विदेशी मेहमान के रिपब्लिक डे का आयोजन किया गया था. इसी साल पहली बार देश में परेड में ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी.
* 26 जनवरी 1955 को पहली बार राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड का आयोजन किया गया था.
* 26 जनवरी 1956 को पहली बार राजपथ में होने वाली परेड में हाथी और घोड़ों को शामिल किया गया था.
* 26 जनवरी 1963 को पहली बार RSS की टुकड़ी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई थी. इस दिन आरएसएस के 3 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने राजपथ पर परेड की थी.
* 26 जनवरी 1973 को पहली बार लोगों के बीच जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का प्रदर्शन किया गया था. यह वह समय था जब भारत की मदद से बांग्लादेश बना था और इस वजह से पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्ते बेहद तल्ख थे. इसलिये भारत ने 1973 से राजपथ पर अपना शक्ति प्रदर्शन करना शुरू किया था.
* 26 जनवरी 2008 को देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने परेड की सलामी ली थी. यह भारत के गणतंत्र का महिला और पुरुषों दोनों को दिया गया बराबरी के अधिकार का सर्वोच्च प्रदर्शन था.
* 26 जनवरी 2016 को पहली बार देश के गणतंत्र दिवस के अवसर पर विदेशी सैनिकों की टुकड़ी ने राजपथ परेड में हिस्सा लिया था. दरअसल उस परेड में फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांदे भारत के मुख्य अतिथि थे और वह अपने साथ रिपब्लिक-डे में सम्मिलित होने के लिये एक सैन्य टुकड़ी भी लेकर आये थे. जिसने भारतीय सेनाओं के साथ ही राजपथ पर मार्च किया था.
* 26 जनवरी 2021 को देश में पहली बार राजपथ पर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की झांकी दिखाई गई थी. भारत सरकार द्वारा धारा 370 खत्म करने के बाद लद्दाख जम्मू कश्मीर से अलग हो गया था और उसे एक स्वतंत्र केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला था. उसी के बाद उसने राजपथ पर अपने राज्य की झांकी का प्रदर्शन किया था.
गणतंत्र दिवस के खास मौके पर सुबह क्या-क्या आयोजन होगा, यहां विस्तार से पढ़िए…
* सबसे पहले सुबह 10.05 बजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल यानि राष्ट्रीय समर स्मारक पहुंचकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. उस दौरान पीएम के साथ रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव, अजय कुमार और सेना के तीनों अंगों यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख मौजूद रहेंगे.
* करीब 15 मिनट बाद यानि 10.15 बजे पीएम राजपथ पहुंचेंगे. कुछ देर बाद यानि 10.18 पर उपराष्ट्रपति को राजपथ पर पहुंचना था लेकिन संभवता कोरोनाग्रस्त होने के चलते वे इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे. 10.21 मिनट पर फर्स्ट लेडी राजपथ पर पहुचेंगी. ठीक 10.23 पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने काफिले और घोड़ों पर सवार प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड्स के साथ राजपथ पर पहुंचेंगे.
* 10.26 पर ध्वजारोहण और राष्ट्रगान होगा. इस दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. 10.28 मिनट पर राष्ट्रपति सलामी मंच पर जम्मू कश्मीर पुलिस के एएसआई बाबू राम को मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान करेंगे. उनकी पत्नी रीता रानी शांति काल में वीरता का सबसे बड़ा पदक ग्रहण करेंगी.
* 10.30 पर वायुसेना के चार मी17वी5 हेलीकॉप्टर राजपथ के आसमान में पहुंचेंगे. इन हेलीकॉप्टर में से एक पर तिरंगा लगा होगा और बाकी तीन पर सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के झंडे होंगे. ये सभी हेलीकॉप्टर आसमान से फूलों की बरसात भी करेंगे दर्शकों पर. इसके साथ ही 26 जनवरी की परेड की शुरूआत हो जाएगी. हेलीकॉप्टर की पुष्प-वर्षा के तुरंत बाद परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा राजपथ पर पहुंचेगे.
* परेड के सेकेंड इन कमान, मेजर जनरल आलोक कक्कड़ के पहुंचने के बाद परेड विधिवत रूप से शुरू हो जाएगी. इस साल से परेड सुबह 10.30 बजे शुरू होगी. हर साल 10 बजे शुरू होती थी. लेकिन मौसम को देखते हुए परेड को आधा घंटा लेट कर दिया गया है. राजपथ पर सबसे पहले देश के परमवीर चक्र विजेता और अशोक चक्र विजेता खुली जिप्सी से पहुंचेंगे और राष्ट्रपति को सलामी देंगे. इसके बाद सेना की 61-कैवलरी के घुड़सवारों का दस्ता पहुंचेगा.
मैकेनाइज्ड कॉलम:
* 73वें गणतंत्र दिवस परेड में इस साल भारतीय सेना की ताकत तो दिखाई देगे ही साथ ही 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले विंटेज टैंक और तोप भी दिखाई देंगे.
* राजपथ पर परेड में सबसे पहले पीटी-76 और सेंचुरियन टैंक आएंगे जिन्होनें 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना की धज्जियां उड़ा दी थी. ये विंटेज टैंक अब सेना के जंगी बेड़ा का हिस्सा नहीं है और खासतौर से म्यूजयिम से परेड के लिए बुलाया गया है. हाल ही में देश में ’71 के युद्ध की स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया गया था. इसके अलावा 75/24 विंटेज तोप और टोपैक आर्मर्ड पर्सनैल कैरियर व्हीकल भी परेड का हिस्सा होगी. 75/24 तोप भारत की पहली स्वदेशी तोप थी और 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा लिया था. हेलीकॉप्टर की दूसरी फोर्मेशन चार (04) एएलएच हेलीकॉप्टर की होगी, जो डायमंड फोर्मेशन बनाएंगे और राजपथ पर थलसेना की सैन्य-गाड़ियों के साथ आसमान में दिखाई पड़ेंगे.
* विंटेज मिलिट्री हार्डवेयर के अलावा आधुनिक अर्जुन टैंक, बीएमपी-2, धनुष तोप, आकाश मिसाइल सिस्टम, सवत्र ब्रिज, टाइगर कैट मिसाइल और तरंग इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर सिस्टम सहित कुल 16 मैकेनाइज्ड कॉलम परेड में शामिल हैं.
मार्चिंग दस्ते:
* इस साल सेना के तीनों अंगों और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के कुल 16 मार्चिंग दस्ते राजपथ पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री सहित सभी गणमान्य व्यक्तियों के सामने मार्च पास्ट करेंगे.
* इस साल परेड में थलसेना की 61 कैवलरी (घुड़सवार) रेजीमेंट सहित कुल छह मार्चिग-दस्ते हैं जिसमें राजपूत रेजीमेंट, असम जैकलाई, सिखलाई, एओसी और पैरा रेजीमेंट शामिल हैं. इसके अलावा वायुसेना, नौसेना, सीआरपीएफ, एसएसबी, दिल्ली पुलिस, एनसीसी और एनएसएस के मार्चिंग दल और बैंड भी राजपथ पर दिखाई देंगे. बीएसएफ का ऊंट-दस्ता भी परेड में हर साल की तरह शामिल है.
छह तरह की यूनिफॉर्म:
इस साल परेड में 50, 60 और 70 के दशक की यूनिफॉर्म और उस वक्त के हथियारों (जैसे .303 राइफल) सहित सैनिक मार्च पास्ट करते दिखाई देंगे. दो ऐसी यूनिफार्म हैं जो अभी तक सैनिक पहनते आ रहे हैं. इसी महीने आई सेना की नई डिजीटल पैटर्न वाली कॉम्बेट यूनिफार्म में पैराशूट रेजीमेंट के कमांडो कदमताल करते दिखाई देंगे.
बाइक यूनिट:
इस साल बीएसएफ का ‘सीमा भवानी’ और आईटीबीपी का दस्ता बाइक पर हैरतअंगेज स्टंट करते दिखाई पड़ेगे. सीमा भवानी बीएसएफ की महिला जवानों का दस्ता है. आईटीबीपी का बाइक दस्ता पहली बार परेड में शामिल हुआ है.
राज्यों की झांकियां:
राजपथ पर इस साल कुल 25 टैब्लो यानी झांकियां दिखाई देंगी जिसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश, 09 केंद्रीय मंत्रालय और विभाग, दो डीआरडीओ, एक वायुसेना और एक ही नौसेना की शामिल हैं.
कला-कुंभ:
इस साल राजपथ पर दर्शक-दीर्घा के ठीक पीछे 750 मीटर लंबा खास ‘कला कुंभ’ कैनवास होगा. इस कैनवास के दो भाग होंगे जिसपर देश की अलग अलग पैंटिंग और चित्रकारी (मधुबनी, कलमकारी इत्यादि) होगी. ये दोनों कैनवास पिछले कुछ महीनों से भुवनेश्वर और चंडीगढ़ में तैयार किए जा रहे थे. करीब 600 चित्रकारों ने इस कैनवास को बनाने में हिस्सा लिया.
वंदे भारतम:
इस साल परेड में स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम की बजाए रक्षा मंत्रालय ने संस्कृति मंत्रालय के साथ मिलकर ‘वंदे भारतम’ कार्यक्रम का आयोजन किया. ये कार्यक्रम राज्यों और जोनल स्तर पर किया गया जिसमें 3800 युवा कलाकारों ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम का फिनाले राजधानी दिल्ली में हुआ और 800 कलाकारों का चयन किया गया जिन्हें राजपथ पर नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम करने का मौका दिया जाएगा.
करीब छह हजार दर्शक:
कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में सिर्फ 6000 दर्शक ही होंगे. पिछले साल करीब 25 हजार लोग राजपथ पर आए थे. लेकिन इस बार कोविड प्रोटोकॉल के चलते संख्या बेहद कम कर दी गई है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, लोगों से अपेक्षा है कि जनता परेड को टीवी, मोबाइल पर ही ज्यादा देखे और राजपथ ना आए.
खास मेहमान:
पिछले साल की तरह ही इस साल भी गणतंत्र दिवस परेड में कोई विदेशी मेहमान चीफ गेस्ट नहीं है. लेकिन इस साल आटोरिक्शा ड्राइवर, सफाई कर्मचारी और कोविड वॉरियर्स को खास तौर से राजपथ की दर्शक-दीर्घा में बैठने के लिए आमंत्रित किया गया है. इस बार पूरे राजपथ पर 10 बड़ी एलईडी लगाई जाएंगी ताकि जो लोग सलामा मंच से दूर बैठे होंगे, वे लाइव देख सकें. करीब 11.45 मिनट पर राजपथ पर परेड समाप्त हो जाएगी और आसमान में थलसेना, वायुसेना और नौसेना का फ्लाई पास्ट शुरू हो जाएगा.
फ्लाई पास्ट:
* इस साल गणतंत्र दिवस परेड में सबसे बड़ा और भव्य फ्लाईपास्ट होने जा रहा है जिसमें वायुसेना, नौसेना और थलसेना के कुल 75 एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे. आजादी के 75 वें वर्ष में आयोजित इस गणतंत्र दिवस फ्लाई-पास्ट में कुल 17 जगुआर लड़ाकू विमान एक ‘अमृत’ फोरमेशन में राजपथ के ठीक ऊपर ’75’ बनाते हुए भी दिखाई पड़ेंगे.
* इस साल फ्लाईपास्ट में वायुसेना के जगुआर, रफाल और सुखोई फाइटर जेट के साथ साथ नौसेना के पी8आई टोही विमान और मिग29के लड़ाकू विमान भी पहली बार हिस्सा लेंगे. थलसेना की एविएशन विंग के हेलीकॉप्टर भी फ्लाई पास्ट में शिरकत करेंगे. 1971 युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में इस साल फ्लाई पास्ट में दो खास फोर्मेशन पाकिस्तान पर प्राप्त हुई जीत को समर्पित होंगी.
* इस साल कुल 16 फोर्मेशन राजपथ के ऊपर दिखाई पडेंगी. फ्लाई पास्ट की सभी फोर्मेशन राजपथ के करीब वॉटर चैनल से करीब 100 मीटर की दूरी पर ये फ्लाई पास्ट आयोजित की जाएंगी. राजपथ से करीब 200 फीट की ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर की उड़ान होंगी जबकि फाइटर जेट करीब 1000 फीट की उंचाई पर फ्लाई करेंगे.
* पहली तीन फोर्मेशन हेलीकॉप्टर की होंगी. पहली होगी पांच (05) एएलएच हेलीकॉप्टर की ‘राहत’ फोर्मेशन और दूसरी ‘मेघना’ फोर्मेशन. मेघना फोर्मेशन ’71 के युद्ध को समर्पित है और इसमें एक चिनूक हेलीकॉप्टर और चार मी17वी5 हेलीकॉप्टर होंगे. तीसरी, एकलव्य फोर्मेशन अटैक हेलीकॉप्टर्स की है जिसमें एक रूसी मी35 हेलीकॉप्टर और चार अमेरिकी अपाचे होंगे.
* फ्लाई पास्ट की अगली फोर्मेशन भी 1971 के युद्ध को समर्पित है जिसमें एक विंटेज, डकोटा एयरक्राफ्ट और दो डोरनियर एयरक्राफ्ट होंगे. ये ‘टंगैल’ फोर्मेशन बनाएंगे. 1971 के युद्ध में डकोटा एयरक्राफ्ट से ही ढाका के करीब टंगैल में सेना ने एयर-ड्रॉप किया था जिसने पाकिस्तान की हार में आखिरी कील ठोकने का काम किया था. इसके बाद तीन (03) सी-130 हरक्युलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ‘त्राण’ फोर्मेशन बनाएंगे.
* ‘नेत्रा’ फोर्मेशन में एक अवैक्स टोही विमान और दो-दो सुखोई और मिग29 लड़ाकू विमान होंगे जो ऐरो फोर्मेशन में होंगे. इस साल कुल सात (07) रफाल लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे. पांच रफाल ‘विनाश’ फोर्मेशन में होंगे. इसके अलावा एक रफाल, दो जगुआर, दो मिग 29 और दो सुखोई के साथ ‘बाज’ फोर्मेशन में दिखाई पड़ेगा. एक सिंगल रफाल राजपथ के आसमान में ‘विजय’ फोर्मेशन बनाते हुए ‘वर्टिकल चार्ली’ मैन्युवर करेगा. वायुसेना के मुताबिक, तीन (03) सुखोई लड़ाकू विमान ‘त्रिशुल’ फोर्मेशन में होंगे.
* गणतंत्र दिवस परेड की फ्लाई पास्ट में हिस्सा ले रहे भारतीय नौसेना के पी8आई एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट और मिग29के फाइटर जेट ‘वरूणा’ फोर्मेशन में दिखाई पड़ेंगे. इसके अलावा वायुसेना की ‘सारंग’ टीम के पांच (05) एएलएच हेलीकॉप्टर ‘तिरंगा’ फोर्मेशन में होंगे. फ्लाई-पास्ट की समाप्ति 17 जगुआर फाइटर जेट्स के साथ अमृत फोर्मेशन से होगी जो आसमान में ’75’ की आकृति बनाएंगे।
**यह एक दिवस नहीं, यह एक पर्व है, जिस पर हम सभी को बहुत ज्यादा गर्व है| गणतत्रं दिवस 2022 की शुभकामनाएं!!**