बेमेतरा। 21 जून : जिले मे स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आठ महीने की गर्भवती श्रीमती दुलारी निषाद (एएनएम) की कॅरोना से मृत्यु होने के पश्चात, स्वास्थ्य एवं बहुद्देश्यीय कार्मचारी संघ ने उनके परिवार को 50 लाख रुपये एव अनुकम्पा नियुक्ति मांग उठाई। स्वास्थ्य एवं बहुद्देश्यीय कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष व्ही. एस रॉव एव प्रतिनिधि मंडल ने संचालक स्वास्थ सेवाएं को पत्र सौप कर बताया कि साजा ब्लॉक की मृतक नर्स दुलारी ढीमर की, जिसकी 3साल की बेटी भी है और 8 महीने की गर्भवती थी। उसकी ड्यूटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परपोड़ी में थी यहाँ कॅरोना मरीज भी आ रहे थे इससे वह संक्रमित हो गई 17अप्रैल को वो पोसिटिव हुई बुखार आने पर जिला अस्पताल बेमेतरा ले जाया गया वहाँ पर रेमेडीसीवीर इंजेक्शन की व्यवस्था नही थी तो उनके परिवार वालो ने 15 15 हजार रुपए में रेमेडीसीवीर इंजेक्शन का दो डोस खरीदे और इंजेक्शन लगाने के बाद 2 दिन के बाद हालात खराब हो गई उसे रायपुर एम्स रिफर किया गया। लेकिन यहाँ भी वेंटिलेटर की सुविधा नही थी 2 दिन के बाद बेड मिला लेकिन शाम 5 बजे दुलारी का निधन हो गया। फ्रंट लाइन वर्कर होने के बाद भी उसे शासन से किसी भी प्रकार से सुविधा नही दी गई। केंद्र सरकार की ओर से फ्रंट लाइन वर्कर बीमा का भी लाभ उसे नही मिला है
स्वास्थ्य एवं बहुद्देश्यीय कर्मचारी संघ ने यह मांग की राज्य शासन में हर सरकारी महिला कर्मचारी को 6 महीने का मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान है। लेकिन दुलारी ने मार्च में ही इसके लिए आवेदन दिया था पर इसे 8 महीने के गर्भवस्था के दौरान भी अवकाश नही मिला अप्रैल में भी उसने आवेदन दिया, लेकिन उसे दर किनार कर दिया गया इसके कारण गर्भवती मा और गर्भ में पल रहे 8 महिने की शिशु की असमय मौत हो गई इस सम्बंध में साजा बीएमओ डॉ अस्वनी वर्मा ने बताया कि दुलारी के इलाज के लिए विभाग ने बहुत प्रयास किया लेकिन वह नही बच सकी। लेकिन अवकाश के आवेदन मिलने की जानकारी मुझे नही है उसकी ड्यूटी अस्पताल में थी उसके लिए बीमा क्लेम की पक्रिया की जाएगी। परन्तु अब तक कोई कार्यवाही नही हुई जिस पर गैर जिम्मेदार तरीके से बीएमओ का कहना है कि मेरे को आवेदन की जानकारी नही है इस बात पर संघ ने घोर आपत्ति दर्ज की है। संचालक को दिए ज्ञापन में संघ ने कहा है श्रीमती दुलारी को अवकाश न देने पर उसकी मृत्यु हुई है उसके बच्चे की मृत्यु हुई है इसका जवाबदार कौन है इसकी जांच किया जाए एवं बीएमओ द्वारा कहा जा रहा है श्रीमती दुलरीब की ड्यूटी ओपीडी में है अगर इस आधार पर 50 लाख रुपए उनके परिवार को नौकरी नही मिलती है तो सम्पूर्ण बीमा राशि खंड चिकित्सा अधिकारी साजा, मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ अधिकारी बेमेतरा, डीपीएम बेमेतरा एवं शासन प्रशासन की जवाबदारी होगी। इन्ही से 50 लाख रु की वसूली कर उनके परिवार को दिया जाना सुनिश्चित करने की संघ द्वारा मांग की गई। ताकि छत्तीसगढ़ में दूसरी कोई दुलारी धीमर सिस्टम के बलिदान न चढ़े। संघ ने यह भी मांग की कॅरोना ड्यूटी में जो भी कर्मचारी अधिकारी कार्य कर रहे है उनकी डयूटी न लगने के बावजूद भी अगर वे संक्रमित होकर कोरोना से संक्रमित होकर मृत होते है तो उन्हें भी बीमा राशि का 50लाख रुपए देने का प्रावधान हो। इस दुखद घटना से छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों एव कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।