रायपुर। 01 मार्च : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपनी सरकार का तीसरा बजट सदन के सामने प्रस्तुत किया। जिसमें “गड़बो नवा छत्तीसगढ़” के मूल मंत्र की भावनाएं समाहित है। वर्ष 2020 -21 का पुनरीक्षित एवं 2021 – 22 के अनुमानित बजट को प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा किदेश-दुनिया समेत छत्तीसगढ़ की सरकार के लिए पिछला वर्ष बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा गोविंद 19 माह मारी के संक्रमण से बचाव हेतु लागू लॉकडोन के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित रही जिसके कारण राजस्व प्राप्तियों में कमी आई है। सरकार ने दो तरफा दबाव का दृढ़ता से सामना करते हुए जनता के हित में लगातार कार्य किया है शासन प्रशासन की सजगता एवं जनता के प्रयासों से राज्य पर इस आपदा का दुष्प्रभाव कम हुआ। बजट में वर्ष 2020 – 21 मे राजस्व प्राप्ति का अनुमान 96 हजार 91 करोड़ की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान 90 हजार 621 करोड़ और राजस्व प्राप्ति में होने वाली कमी को देखते हुए व्यय का अनुमानित बजट 95 हजार 650 करोड़ से कम करके पुनरीक्षित अनुमान 91 हजार 482 करोड़ प्रस्तावित किय। इस तरह 3 हजार 702 करोड़ का के घाटे का बजट प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पूरे विजन को अंग्रेजी के 6 अक्षरों वाले शब्दों में ढालकर मंशा के अनुरूप प्रदेश को हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों (HEIGHT) पर ले जाने की परिकल्पना की है। उन्होंने कहा कि
HEIGHT शब्द के हर अक्षर में विकास की अवधारणा के भिन्न-भिन्न आयाम समाहित हैं। जिसमें की H – holistic development (समग्र विकास), E – education ( शिक्षा के लिए समान अवसर), I – infrastructure (अधोसंरचना- विकास के पोषक), G – governance (प्रशासन – संवेदनशील एवं प्रभावी), H – health (स्वास्थ्य : स्वस्थ तन – सबसे बड़ा धन), T – transformation (बदलाव : शासन – जनता के लिए) विकास की इस अवधारणा में बड़े नगरों का आधुनिकीकरण के साथ-साथ सुदूर दुर्गम क्षेत्र के गांव में भी बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध गाई जाती हैं विकास की इस प्रक्रिया में सुशासन की स्थापना के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं साथ ही अपनी संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण कर उन्हें चिरंजीवी रखने के लिए भी पूर्ण प्रयास करते हैंं।
बजट के मुख्य प्रावधान
1. बस्तर संभाग के सभी जिलों में बस्तर टाइगर्स नाम से विशेष पुलिस बल का गठन।
2. छत्तीसगढ़ी कला, शिल्प वनोपज, कृषि एवं अन्य सभी प्रकार के उत्पादों तथा व्यंजनों को
एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने के लिए “सी-मार्ट” स्टोर की स्थापना।
3. शहरों में पानी पसारी योजना के समान ग्रामीण क्षेत्रों में सरल इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना।
4. मत्स्य पालन को कृषि के समान दर्जा दिया जायेगा।
5. परंपरागात ग्रामीण व्यवसायिक कौशल को पुनर्जीवित करने 4 नये विकास बोडों का गठन –
तेलपानी, चर्म शिल्पकार, लौह शिल्पकार एवं रजककार विकास बोर्स।
6. ग्रामीण कृषि भूमिहीन अगिकों के लिए नदीन न्याय योजना प्रारंभ की जायेगी।
7. तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए “शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना
8. पत्रकारों को दुपटना जन्य आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को 5 लाख की सहायता।
9. द्वितीय संतान बालिका के जन्म पर कौशल्या मातृत्व योजना अंतर्गत महिलाओं को 5,000 की
एकमुश्त सहायता।
10. किसानों को खेतो तक आवागमन सुविधा हेतु मुख्यमंत्री घरसा विकास योजना।
11 नवा रायपुर में भारत भवन, भोपाल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिक्षेत्र की स्थापना।
12 श्री राम वनगमन पर्यटन परिसर के लिए 30 करोड़ का प्रावधान।
13 स्थानी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल बोजना के अंतर्गत 119 नये अंग्रेजी स्कूल।
14 नवा रायपुर में राष्ट्रीय स्तर के बोर्डिग स्कूल की स्थापना
15 पढ़ना लिखना अभियान योजना के लिए 5 करोड़ 85 लाख का प्रावधान।
16. 7 नवीन माहाविद्यालय तथा 3 कन्या महाविद्यालय की स्थापना।
17. 14 महाविद्यालयों में स्नातक तथा 15 महाविद्यालयों में पीजी पाठ्यक्रम प्रारंभ।
18. 9 बालक एवं 9 नवीन कन्या छात्रावास की स्थापना।
19. 6 नवीन महाविद्यालय भवन निर्माण।
20. 2 नवीन आईटीआई की स्थापना।
21. 12 नये रेल्वे ओवर ब्रीज, 151 नवीन पुल, 585 सड़कों के निर्माण के लिए कुल 504 करोड़
का नवीन गद प्रावधान।
22 नक्सल प्रभावित ग्रामीग क्षेत्रों में 104 सड़क एवं 116 पुल निर्माण के लिए 12 करोड़ का
प्रावधान।
23 नवीन सिंचाई योजनाओं हेतु नवीन मद में 300 करोड़ का प्रावधान।
24. नगरीय क्षेत्रों में नई जल प्रदाय योजनाओं के लिए 45 करोड़ का प्रावधान।
25. पंडरी रायपुर में 350 करोड़ की लागत से जेन्स एवं ज्वेलरी पार्क की स्थापना।
26. नदियों के किनारे खेतों को सिंचाई की सुविधा के लिए विद्युत लाईन के विस्तार के लिए
प्रावधान।
27. ग्राम गोढी, जिला बेमेतरा में बायो इथेनाल प्रदर्शनी स्थल संयंत्र की स्थापना।
28 11 नई तहसीले एवं 5 नये अनुविभागों की स्थापना।
29. कन्या छात्रावास एवं आलामों में महिला होमगार्ड के 2200 नवीन पदों का सृजन।
30. चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज दुर्ग का शासकीयकरण।
31. राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु 5,703 करोड़ का प्रावधान।
32 कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत 2,500 करोड़ का प्राधान।
33. कृषि पंपों के ऊर्जीकरण हेतु 150 करोड़, सौर सुजला अंतर्गत 530 करोड़ का प्रावधान।
34. किसानों को बिना ब्याज का 5.900 बागोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण तिरण का लक्ष्य।
35. गोधन न्याय योजना हेतु 175 करोड़ का प्रावधान।
36. असंगठित श्रमिकों के लिए राज्य स्तरीय हेल्पडेस्क सेंटर की स्थापना।
37. छत्तीसगढ़ सड़क एवं अधोसरवना विकास निगम को 5.225 करोड लागत की 3.900 कि.मी. लंबी सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु 150 करोड़ का प्रावधान।
38. मुख्यमंत्री सुगम सडक योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।
39. एडीवी फेस-3 परियोजना में 825 कि.मी. लंबाई की 24 सड़कों के लिए 940 करोड़ का प्रावधान।
40. सिंघई की 4 वृहद परियोजनाओं अरपा भैसाझार, केलो, राजीव समोदा व्यपवर्तन एवं सोंदूर हेतु 152 करोड़ का प्रावधान।
41. पटवारियों के मासिक स्टेशनरी मत्ता में 250 रूपये की वृद्धि।
42. स्वच्छता दीदियों के मानदेय को 5,000 से बढ़ाकर 6,000 किया जायेगा।
43. नवीन चिकित्सा महाविद्यालय कांकेर कोरबा एवं महासमुंद के भवन निर्माण हेतु 300 करोड़
का प्रावधान।
44. सन्ना, जशपुर शिवरीनारायण-जांजगीर में सामुदायिक स्वास्थ्य कोन्द्र एवं रिसालो-भिलाई में 30 बिस्तर अस्पताल की स्थापना।
45. मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनीक योजना हेतु 13 करोड़ का प्रावधान।
मंत्री भूपेश बघेल ने परंपरा अनुरूप अपने बजट भाषण की समाप्ति शायराना अंदाज में कुछ इस प्रकार की..
रास्ते की अड़चनों से, हम कभी डरते नहीं।
बात हो जब न्याय की, पीछे कभी हटते नहीं।