भिलाईतीन 4 अक्टूबर(सीजी संदेश) चरोदा स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में आज पूजा अर्चना के बाद ज्योति कलश विसर्जन किया गया। ज्योति विसर्जन का दर्शन करने के लिए सैकड़ों भक्त मंदिर प्रांगण में उपस्थित थे।आचार्य संतोष कुमार शर्मा के द्वारा नवरात्र के नवमी तिथि को दुर्गा माता के नव्वे रूप सिद्धिदात्री माता की पूजा अर्चना कर आरती की गई। तत्पश्चात स्थापित ज्योति कलश को विसर्जन के लिए कुंड की ओर ले जाया गया।सुबह 7:15 बजे माता जी की आरती की गई। तत्पश्चात जोत जवारा को जो ज्योति कक्ष से एक एक कर निकाल कर कन्याओं के सिर में रखकर लाइन से हनुमान मंदिर के पीछे बने कुंड में विसर्जित किया गया। इस दौरान ज्योति कलश की पूजा और दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग हनुमान मंदिर के पास एकत्रित थे। अपने मन की मनोकामना सभी ने जलते ज्योति कलश के सामने मां दुर्गा से प्रार्थना कर मांग। जोत जवारा के विसर्जन को देखकर श्रद्धालुओं की आंखें भर आई थी और रूंधे गले से माता जी को प्रणाम कर रहे थे। छत्तीसगढ़ में आज के दिन ज्योति जवारा विसर्जन के पश्चात जवारा बदने का भी रिवाज है।
आज के दिन एक दूसरे के कान में गेहूं के जवारे को विसर्जन के पश्चात कान में लगाते हैं और आज के बाद से दोस्त बनकर एक दूसरे का नाम नहीं लेते। जवारा करके पुकारते हैं। यह परंपरा सालों साल से चला रहा हैं। इससे एक दूसरे के संबंध और प्रगाढ़ होते हैं, परिवार से भी बढ़कर इस बंधन में बंध जाते हैं। कोई भी धर्म जाति के लोग जिसका मन और दिल मिल रहा हो वह जवारा के बंधन में बन जाते हैं और वह परिवार जीवन पर्यंत यह रिश्ता निभाता है। विसर्जन के अवसर पर जय शर्मा, आनंद शर्मा, भावेश रुद्राक्ष शर्मा, गुड्डू विश्वकर्मा ,धनसाए, कूनारद और हेमंत सहित अन्य सदस्य ज्योति कलश विसर्जन में सहयोग कर रहे थे।