दुर्ग। 9 मार्च : राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकारण दुर्ग के निर्देशानुसार एवं डां. सुर्पणा श्रीवास्तव के अध्यक्षता मे जिला न्यायलय परिसर दुर्ग के सभागार मे महिला सशक्तिकरण के विषय पर महिला दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ डा. सुर्पणा श्रीवास्तव एवं महिला न्यायधीशों के द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया जिसने
महिला न्यायधीश, महिला कर्मचार उपस्थित हुए ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डा. सुर्पणा श्रीवास्तव ने कहा कि “आज मै बहुत से सशक्त महिलाओ से मिल रही हूं। नारी तुम श्रद्धा हो, मान हो, सम्मान हो।” नारी के महत्व को कभी नकारा नही जा सकता । हम उस देश मे जन्म लिए है, जहां औरतो को देवी का रूप माना जाता है।
महिला को अपने अस्तित्व को कायम रखना चाहिए । उसे कभी खोना नही चाहिए ।
महिला ही प्रथम पंक्ति की “मां” होती है, आज मै अपने मां को नमन करती हूं। हम हर दिन महिला के महत्व को कायम रखेंगे । तथा कार्य स्थल पर अपना भरपूर योगदान देंगे ।
कार्यक्रम मे न्यायधीश डा.ममता भोजवानी ने कहा कि “शक्ति के इस पावन पर्व महिला दिवस को प्रतिदिन मनाया जाना चाहिए ।महिला के अनेक रूप होते है।
न्यायधीश श्रीमति गरिमा शर्मा ने अपने वक्तव्य मे कहा कि सन 1909 मे जर्मनी मे महिला दिवस की प्रारंभिक शुरुआत हुई ।
महिला समान कार्य एवं समान वेतन के लिए शुरूआत किये।
न्यायधीश शुभ्रा पचौरी ने कहा कि कोविड संक्रमण की अवधि मे महिलाओ ने अपनी क्षमता को दिखाया है। कई महिलाओ ने कोविड मे अपने परिवार के साथ साथ अपने कार्य स्थल के कर्तव्यो का निर्वहन भी किया। राजेश श्रीवास्तव ने महिलाओ के आत्मबल बढाने वाले वक्तव्य मे कहा कि राष्ट्र की महिलाओ की प्रगति देखना होगा। सभी न्यायिक जिलो मे से दुर्ग न्यायिक जिले मे सबसे अधिक महिला न्यायिक अधिकारी है।महिला न्यायिक कर्मचारियो की संख्या भी अधिक है। साथ ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव द्वारा अधिवक्ता संघ मे कार्यरत महिला चपरासियो को भी महिला दिवस के उपलक्ष्य मे भेट प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मे मंच संचालन न्यायिक अधिकारी कु. रूचि मिश्रा के द्वारा किया तथा आभार प्रदर्शन राहुल शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम मे दुर्ग जिले के समस्त महिला न्यायिक अधिकारी एवं महिला तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी उपस्थित थे। साथ ही जिला एवं सत्र न्यायालय की महिला कर्मचारी सुमीता बोस, ममता गणवीर, उमा देवांगन एवं फुलेशवरी को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।