दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने निगम, स्वास्थ्य अमले एवं कोविड कंट्रोल से जुड़े अधिकारियों की अहम बैठक कल रात को ली। उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार आरोग्य सेतु पर नजर रख रहे हैं। इसमें जो संभावित हाटस्पाट और इमर्जिंग हाटस्पाट दिखा रहे हैं। वहां पर कोरोना संक्रमण की आशंका से निपटने के लिए रणनीतिक रूप से और दक्षतापूर्ण काम होना चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि इसके लिए सात सूत्रों पर सतत रूप से और प्रभावी कार्य करना है।
होम क्वारंटीन की सख्त मानिटरिंग की जाए विदेशों से लौट रहे और ईपास से लौट रहे लोगों की मानिटरिंग की जाए। सारे नगरीय क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सर्वे कार्य में शामिल किया जाए। आरोग्य सेतु पोर्टल के इतिहास रिपोर्ट में दिखाये पिंक एरिया पर रहे विशेष नजर रखी जाए। कंटेनमेंट जोन से लगे नजदीकी क्षेत्रों में मौका स्थल पर ही रैपिड किट से जांच की जाए।
अधिक जोखिम वाली सैलून जैसी दुकानों के दुकानदारों की सैंपल लेकर जांच की जाए। फीवर क्लीनिक में लक्षण होने पर रैपिड टेस्टकिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक है कि लोग सुरक्षा उपाय करें। इसके लिए मास्क का प्रयोग अनिवार्य है। जहां भी इसका उल्लंघन होता पाया जाता है वहां पर जुर्माना करें। निगम की टीम विशेष रूप से दुकानों का निरीक्षण करें।
आरोग्य सेतु ने जिले में हाटस्पाट फोरकास्ट चिन्हांकित किये हैं। इसके मुताबिक भिलाई वेस्ट (490009), सुपेला भिलाई (490023), उरला (490025), अहिवारा (490036), दुर्ग कचहरी (491001), नेवई (491107), चंदखुरी (491221), सुरदोनगर (491993) पिंक एरिया है। एंबर एरिया में आईबीएसबी (490001), दुर्ग (491001), पिसेगॉव (491001) बलोदा (491226) है।
भीड़भाड़ और अधिक ग्राहकों की आवाजाही वाले दुकानदारों की होगी कोरोना जांच….. आरोग्य सेतु के इतिहास पोर्टल के अनुसार पिंक एरिया, कंटेनमेंट जोन, पूर्व में कंटेनमेंट जोन रह चुके क्षेत्रों में घर-घर जाकर पुन: जांच करेगी हेल्थ टीम
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