भिलाई। 15 अक्टूबर : दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया भिलाई द्वारा 14 अक्टूबर 1956 को डा. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा ली गई बौद्ध धम्म की दीक्षा दिवस की 65 वीं वर्षगांठ के अवसर पर बुद्ध विहार सेक्टर 6 भिलाई मे धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस समारोह का आयोजन किया गया जो कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए संपन्न हुआ।
सर्वप्रथम डा. बाबासाहेब आंबेडकर के चरणो मे पुष्प अर्पित कर उनके महान कार्यो को व समाज के प्रति उनके त्याग को नमन किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता के रूप मे उपस्थित दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मेश्राम ने कहा कि डा. बाबासाहेब आंबेडकर एक सच्चे देशप्रेमी थे, उन्होने 21 वर्षो तक सभी धर्मो का गहन अध्ययन करने के उपरांत भारत मे जन्मा और पनपा बौद्ध धम्म अपनाया और भारत को और ज्यादा बिखरने से बचाया, भारत के प्रति उनके मन मे असीम देशप्रेम की भावना थी इसलिए उन्होने कहा कि “”मै प्रथम भारतीय हू और अंत मे भी भारतीय ही हू”” । महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव जयश्री बौद्ध ने कहा कि समाज के लोगो को डा बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा दी गई 22 प्रतिज्ञाओ का पालन करना चाहिए और इसके लिए सभी भ्रांतियो को हटाकर अपने मन को कोरे कागज की भांति साफ सुथरा कर उस पर बौद्ध धम्म की नई गाथा लिखना चाहिए ताकि बाबासाहेब आंबेडकर का सपना सच हो सके। महाबोधि विहार मुक्ति आंदोलन की जिलाध्यक्ष अल्का ताई बौद्ध ने कहा कि भगवान बुद्ध ने चमत्कार और आडंबर से दूर रहने कहा था शायद इसीलिए बुद्ध विहारो मे उपस्थिति कम रहती है जिससे यह साबित होता है कि आज भी लोग पाखंड, अंधविश्वास और चमत्कार पर ज्यादा विश्वास करते है। समारोह को नीतू डोंगरे, ठाणेन्द्र कामडे, गौतम खोब्रागड़े ने भी संबोधित करते हुए कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर के कारण यह देश संवैधानिक तौर पर मजबूत और सुरक्षित है। कार्यक्रम का संचालन महासचिव सुधेश रामटेके ने और आभार प्रदर्शन संगीता खोब्रागड़े ने किया। समारोह मे अनिल मेश्राम, सुधेश रामटेके, गौतम खोब्रागड़े, ठाणेन्द्र कामडे, विनोद टेंभेकर, बी नंदागवली, समर्थ कुमार, अल्का ताई बौद्ध, जयश्री बौद्ध, नीतू डोंगरे, वंदना बौद्ध, संगीता खोब्रागड़े, वंदना पानतवने सहित अन्य लोग उपस्थित थे।