भिलाई। सेन्टर ऑफ स्टील वर्कर्स ऐक्टू ने विगत 23 अप्रैल की रात से भिलाई इस्पात संयंत्र के कुछ विभागों में कर्मचारियों द्वारा टूल डाउन कर जताए जा रहे आक्रोश को सेल में सम्मानजनक वेतन समझौते में हो रही बेतहाशा देरी और कोविड के कारण श्रमिकों की हो रही लगातार मौतें तथा इलाज का समुचित व्यवस्था नहीं होने का परिणाम बताया है। इसके लिए केन्द्र सरकार व प्रबंधन सीधे तौर पर जिम्मेदार है।ऐक्टू ने प्रबंधन द्वारा आंदोलनकारी श्रमिकों पर की जा रही दमनात्मक कार्यवाही का विरोध किया है।ऐक्टू ने बयान में कहा है कि केन्द्र सरकार तथा प्रबंधन लगातार श्रमिकों की न्यायोचित मांगों को अनदेखी कर रही है। फलस्वरूप कर्मचारियों में आक्रोश पनपता जा रहा है। यूनियन द्वारा इसकी चेतावनी देने के बावजूद प्रबंधन व सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।ऐक्टू ने उम्मीद जाहिर की है कि आंदोलनकारी श्रमिकों तथा यूनियनों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो। ऐक्टू ने प्रबंधन से मांग की है कि आंदोलनरत श्रमिकों पर की गई दमनात्मक कार्यवाही को तत्काल वापस लिया जाय। वेतन समझौते को लेकर एनजेसीएस की बैठक अविलंब बुलायी जाय।15 % एम जी बी, 35% पर्कस, 9% पेंशन तथा 1 जनवरी 2017 से एरियर्स का भुगतान सुनिश्चित किया जाय। ठेका श्रमिकों के लिए भी बेहतर वेज स्ट्रक्चर बनाकर उनकी समस्याओं का भी निराकरण किया जाय, कोविड से पीड़ित लोगों समुचित व बेहतर इलाज किया जाय। कोविड से मृत श्रमिकों को मुआवजा दिया जाय।उक्त जनकारी बृजेन्द्र तिवारी
कोषाध्यक्ष, सेन्टर ऑफ स्टील वर्कर्स भिलाई ने दी है।
बी एस पी प्रबंधन के अड़ियल रवैया के कारण कर्मचारी कर रहे हैं टूल डाउन,,,,, इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं श्रमिक : एक्टू ,,,,,, पुलिसिया कार्रवाई वापस हो
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