नई दिल्ली. देश में प्याज की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने रविवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई। विदेश व्यापार विभाग के महानिदेशक आलोक वर्धन चतुर्वेदी ने निर्यात नीति में संशोधन का ऐलान किया। सरकार मंडियों में प्याज की भरपूर आवक बनाए रखने के लिए प्रयास कर रही है।
इससे पहले 26 सितंबर को केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने राज्य सरकारों से कहा था कि वे केंद्र से प्याज खरीदें। पासवान ने राज्यों को उनकी जरूरत के हिसाब से प्याज उपलब्ध कराने का भरोसा दिया था।
बारिश के चलते फसल खराब होने से दाम बढ़े
बारिश को प्याज के दाम बढऩे की वजह बताया जा रहा है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। सब्जी मंडियों में प्याज की आवक कम होने से प्याज के दामों में तेजी आ गई है। प्याज की आवक बरकरार रखने के लिए केंद्र ने पिछले दिनों संयुक्त सचिव स्तर के दो अधिकारियों को किसानों, व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से चर्चा के लिए महाराष्ट्र भेजा था।
प्याज की कीमतें काबू में रखने की कवायद
प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लागू करने और प्याज के आयात को शुल्क मुक्त करने जैसे कदम उठाए थे। इसके बाद भी बाजार में प्याज के दाम कम नहीं हुए थे। नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड ने 2018-19 में देश के 12.9 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में 236.10 लाख टन प्याज की पैदावार का अनुमान जताया है। पिछले साल प्याज की पैदावार 232.62 लाख टन हुई थी।
प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर लगी रोक….केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
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