डोंगरगढ़।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त भारत के मुख्य रेल मार्ग के समीप स्थित प्रज्ञागिरि डोंगरगढ़ मे स्थापित तथागत गौतम बुद्ध की 30 फीट ऊंची प्रतिमा का सौंदर्यीकरण व पहाड़ी का विकास कार्य पर्यटको की सुविधा के लिए प्रारंभ हो गया है। इसके अवलोकन व आगामी रूप रेखा तय करने हेतु प्रज्ञागिरि सलाहकार समिति की बैठक दिलीप वासनीकर विभागीय जांच आयुक्त के मुख्य आतिथ्य, प्रज्ञा गिरि ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष विनोद खांडेकर की अध्यक्षता मे तथा विभिन्न सामाजिक संगठनो के प्रमुखों की विशेष उपस्थिति मे संपन्न हुई।सर्वप्रथम आर्किटेक्ट आशीष कुशवाहा द्वारा प्रज्ञागिरि की पहाड़ी मे प्रारंभ किये गए निर्माण कार्यो का अवलोकन सलाहकार समिति के सदस्यो को कराते हुए पर्यटको व अतिथियो के विश्राम हेतु कक्ष निर्माण, विपश्यना केन्द्र कक्ष निर्माण, कैन्टीन निर्माण, पार्क निर्माण सहित अन्य विकास कार्यो से अवगत कराया गया। तत्पश्चात पूज्य बौद्ध भिक्षु द्वारा त्रिशरण पंचशील ग्रहण कराने के उपरांत बैठक प्रारंभ हुई। बैठक का संचालन करते हुए प्रज्ञागिरि ट्रस्ट समिति के सचिव शैलेन्द्र डोंगरे ने प्रारंभ से लेकर आज पर्यन्त तक की विकास गाथा का बखान करते हुए बताया कि किस प्रकार समिति द्वारा निरन्तर प्रयास व संघर्ष कर दिल्ली मे केन्द्रीय मंत्रियो से मुलाकात कर प्रासाद योजना के अंतर्गत 18 करोड़ का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। अध्यक्षीय उद्बोधन मे विनोद खांडेकर ने कहा कि प्रस्तावित राशि मे पर्यटन विभाग दिल्ली द्वारा 15 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है जिसमे प्रथम किश्त के रूप मे 6 करोड़ की राशि छ.ग.शासन के पर्यटन विभाग को प्राप्त हुई है और पर्यटन व संस्कृति विभाग द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिये गए है। उन्होने यह भी कहा कि स्वीकृत राशि से पर्याप्त विकास कार्य नही होने की स्थिति मे समाज से भी आर्थिक सहयोग लेकर इसका विकास किया जायेगा। मुख्य अतिथि श्री वासनीकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ मे लाखो की संख्या मे बौद्ध अनुयायी निवासरत है, इन सबको बौद्ध धर्म की मुख्य धारा से जोड़कर बौद्ध धर्म का बौद्ध समाज का और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन स्थल प्रज्ञागिरि डोंगरगढ़ का विकास किया जायेगा, डा.बाबासाहेब आम्बेडकर के द्वारा प्राप्त संवैधानिक अधिकारो से कृतज्ञ अधिकारी कर्मचारियो का सहयोग लेकर आर्थिक स्थिति मजबूत की जायेगी। बैठक को संबोधित करते हुए एससी एसटी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनिल रामटेके ने कहा कि उनका संगठन पूरे भारतवर्ष मे सक्रिय है, देश के सभी राज्यो को बौद्ध धम्म के विकास से जोड़कर प्रज्ञागिरि को विश्व पटल पर अंकित कराने का प्रयास किया जायेगा। दि बुद्धिष्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मेश्राम ने कहा कि संशय व भ्रम वाली स्थिति उत्पन्न ना हो इसलिए नेकनीयती व पारदर्शिता बरतते हुए विकास कार्य को आगे बढ़ाना होगा, प्रज्ञा गिरि डोंगरगढ़, सिरपुर महासमुंद, मैनपाट अंबिकापुर और बुद्ध भूमि भिलाई का विकास भी हम सबकी जिम्मेदारी है। बैठक मे दीक्षित आंवले, विनय पाटिल, अधीर बागडे, सुधाकर फुलमाली, धीरज मेश्राम, मधु जामुलकर, केएन काण्डे आदि ने अपने संस्मरण प्रस्तुत करते हुए, अपने अनुभव को साझा करते हुए तीस वर्ष पुराने संघर्ष को याद किया और वर्तमान विकास पर प्रसन्नता व्यक्त की। अनिल खोब्रागडे, बालेश्वर चौरे, हर्ष मेश्राम, संतोष भीमटे, एसके सहारे आदि ने भी संबोधित करते हुए विनोद खांडेकर के अध्यक्षीय कार्यकाल मे हो रहे विकास कार्यो की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए प्रज्ञा गिरि के विकास मे तन मन और धन से सहयोग करने का उद्घोष किया गया। अंत मे आभार प्रदर्शन करते हुए शैलेन्द्र डोंगरे व रविन्द्र रामटेके ने बताया कि आगामी 6 फरवरी 2022 को प्रज्ञागिरि डोंगरगढ़ मे विशाल अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा । जिसमे जापान, ताईवान, थाईलैंड, श्रीलंका, भूटान सहित अन्य देशो के बौद्ध भिक्षु व अतिथि आमंत्रित रहेंगे। बैठक मे सुधेश मेश्राम अध्यक्ष नगर पालिका डोंगरगढ़, सुनिल नागदवने, एसजी मेश्राम, सरला आवले, नलिनी मेश्राम, सुधीर शिंदे, शुभम खोब्रागडे, आशीष चौहान, प्रवीण वासनिक, राधेलाल बोदलकर, संतोष मेश्राम, आशीष डोंगरे, सुरेश अंबादे, संतोष लांजेवार, संजय रामटेके, धन्नाराम गणवीर, हेमंत रामटेके, विशाल शयामकुवर, विजय टेंभुरकर, शशांक घोडेसवार, यश वासनीकर, उमेश ढोके सहित अनेक सदस्यगण उपस्थित थे।
नेकनीयती,पारदर्शिता धम्म व सामाजिक विकास मे सहायक – अनिल ,,,,,प्रज्ञागिरि विकास सलाहकार समिति की राज्य स्तरीय बैठक डोंगरगढ़ मे हुई
Chhattisgarh no.1 News Portal
Leave a comment