भिलाई। 02 सितंबर : भिलाई निगम ने 6 एडवरटाइजर्स एजेंसी को ब्लैक लिस्ट कर दिया है और इनकी अमानत राशि भी राजसात कर ली है! अवगत हो कि निगम ने यूनीपोल में प्रकाशन शुल्क जमा करने को लेकर 6 एडवरटाइजर्स ऑगिब्स कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड सुपेला, दीपक एडवरटाइजर्स, जी.जे. एडवरटाइजर्स नेहरू नगर, संजरी एडवरटाइजर्स पदमनाभपुर दुर्ग, अमृता इंटरप्राइजेज सुपेला एवं रेनबो एंटरटेनमेंट एंड एडवरटाइजर्स दुर्ग को अंतिम नोटिस जारी किया था, और नोटिस में तीन दिवस का समय देते हुए यूनीपोल प्रकाशन शुल्क की राशि जमा करने कहा था! फिर भी 6 एडवरटाइजर्स जिन्होंने यूनीपोल के निविदा में भाग लिया था और निविदाकार के रुप में सम्मिलित होकर कार्य आदेश प्राप्त किया था उन्होंने प्रकाशन शुल्क की राशि जमा नहीं की, इकरारनामा के वक्त भी इन्होंने राशि नहीं दी! जबकि 21 जनवरी 2021 को इन्हें कार्य आदेश जारी किया गया था और 23 जून 2021 को निविदा में उल्लेखित नियम एवं शर्तों की कंडिकाओं का पालन के संदर्भ में नोटिस जारी किया गया था इसके बावजूद पालन नहीं करने पर दिनांक 26 अगस्त 2021 को पुन: अंतिम नोटिस जारी करते हुए निविदा अनुबंध शर्तों के पालन में राशि जमा करने के लिए तीन दिवस का समय दिया गया था तथा नियम शर्त एवं अनुबंध के उल्लंघन का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ राज्य में काली सूचीबद्ध किए जाने एवं अमानत राशि राजसात किए जाने की चेतावनी दी गई थी! निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी यूनीपोल के संबंध में एडवरटाइजर्स ने किसी भी प्रकार की राशि जमा नहीं की, जिसे निगमायुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने निविदा की नियम शर्त 10 एवं अनुबंध की कंडिका चार तथा छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) 7 अगस्त 2012 के निहित प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए निविदा निरस्त कर निविदाकार एजेंसियों की अमानत राशि को राजसात करते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 तक ब्लैक लिस्ट करने के आदेश जारी कर दिए है! उल्लेखनीय है कि अनुबंध एवं नियम शर्तों के मुताबिक एडवरटाइजर्स को इकरारनामा के समय एवं कार्य आदेश जारी करने के पश्चात राशि जमा करनी थी! साथ ही यूनीपोल स्थापना के पूर्व लगाए जाने वाले पोल का विस्तृत ड्राइंग, डिजाइन को भिलाई निगम के समक्ष स्ट्रक्चरल इंजीनियर से प्रमाणित कर जमा करना था! परंतु ड्राइंग, डिजाइन एवं आकार की जानकारी एडवरटाइजर्स ने नहीं दी! नियम शर्तों के मुताबिक प्रकाशन शुल्क की राशि भी जमा की जानी थी वह भी नहीं किया गया! जबकि निविदा नियम शर्त के तहत 80% राशि कार्य आदेश जारी होने के 3 माह के भीतर जमा किया जाना था, वह भी नहीं किया गया! इन सभी कारणों को दृष्टिगत रखते हुए निगम ने ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही की है!