नईं दिल्ली। 22 जून : योग-विज्ञान व आयुर्वेद भारत की एक बड़ी ताकत हैं। हमारे ट्टषि-मुनि, साधु-सन्यासियों ने हिमालय में रहकर इस योग विज्ञान का अध्ययन व अनुसंधन किया था। आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से सूर्या फाउण्डेशन व इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गनाइजेशन
द्वारा आयोजित सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उद्घाटन समारोह ; वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए केंद्रीय मंत्राी नितिन गडकरी ने कहा कि योग-विज्ञान व आयुर्वेद की तरफ पूरी दुनिया आकर्षित हो रही है। यही वजह है कि विश्व भर में 21 जून अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज पूरी दुनिया योग विज्ञान, नेचुरोपैथी, आयुर्वेद व भारत संस्कृति को मान्यता दे रही है और इसकी लोकप्रियता दिनो दिन बढ़ती जा रही है। इस अवसर पर नितिन गडकरी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि वे स्वयं प्रतिदिन योग व प्राणायाम करते है। जिससे उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर हुआ है और वह स्वयं बहुत अच्छा अनुभव कर रहे हैं। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी काल में योग व नेचुरोपैथी की क्रियाओं से बहुत लाभ मिला है। इसलिए योग, नेचुरोपैथी, व आयुर्वेद के स्वास्थ्य में सकारात्मक व प्रभावशाली परिणामों को देखते हुए इस क्षेत्रा में शोध् व अनुसंधन की अत्यध्कि आवश्यकता है। उन्होने आगे कहा कि इस क्षेत्रा में भारत में कई संस्थाएं एवं योग गुरू हैं जो सराहनीय कार्य कर रहे हैं। इनमें इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गनाइजेशन अग्रणी संस्थाओं में शामिल है।