भिलाई। 12 अक्टूबर : दि बुद्धिष्ट सोसायटी आॅफ इंडिया शाखा छ.ग.राज्य के प्रदेश अध्यक्ष, अजाक्स के कार्य. प्रांताध्यक्ष एवम एससी एसटी ओबीसी अल्पसंख्यक संयुक्त एकता मंच के संयोजक अनिल मेश्राम ने वर्तमान मे देश मे लगातार बढ़ रहे दुष्कर्म के मामलो के संबंध मे कहा कि देश की राजधानी दिल्ली हो या उत्तर प्रदेश का हाथरस, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, बिहार, मध्यप्रदेश या झारखंड हो या फिर छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर, रायगढ़ , बलरामपुर, कोंडागाव हो या रायपुर, राजनांदगांव भिलाई दुर्ग हो, कही भी किसी भी वर्ग की नारी की अस्मत लूटी जाती है तो वह सबसे पहले एक महिला होती है एक लड़की होती है। वहा वे जाति पूछकर दुष्कर्म नही करते है, इसका खुलासा तो बाद मे होता है। निश्चित रूप से यह सारी घटनाऐ अमानवीय व समाज को शर्मसार करने वाली होती है, लेकिन जहा पर जाति को लक्ष्य बनाकर जानबूझकर सुनियोजित तरीके से किसी दलित आदिवासी युवती से दुष्कर्म किया जाता है तो वह चिंतनीय और निन्दनीय है। सदियो व दशको से जातिगत प्रताड़ना के कारण इन वर्गो को संविधान मे विशेष दर्जा दिया गया है और इसलिए इन वर्गो पर किये अत्याचार अत्यधिक चर्चा का विषय बन जाते है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सिर्फ नारा देने से काम नही चलेगा बल्कि बेटी या स्त्री किसी भी जाति वर्ग या समाज की हो सबको समान नजरिये से देखते हुए सबके सम्मान की रक्षा सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण है। देश के किसी भी हिस्से मे घटी दुष्कर्म की घटना छोटी या बड़ी नही हो सकती, दुष्कर्म तो दुष्कर्म होता है और पुरूष वर्ग द्वारा कुछ पलो के लिए किया गया यह घृणित कार्य किसी लड़की या महिला के पूरे भविष्य को बर्बाद कर देता है। कानूनी कार्रवाई जो भी हो किन्तु उसका मर्म जो चोटिल होता है उसकी दवा किसी भी दवा की दुकान में नही मिल सकती और ना ही उसका इलाज किसी दवाखाने मे हो सकता है। सरकार या कानून शहर की हर सड़को या गांव की हर गली पर या अंधेरे और सुनसान जगहो पर तैनात नही हो सकता, आवश्यकता इस बात की है कि जो पुरुष वर्ग दिन मे बेटी बचाओ अभियान चलाता हो वही पुरूष रात के अंधेरे मे भी किसी अंजान लड़की को बेटी समझ कर उसे बचाने की कोशिश करे ना कि अपने नापाक इरादो से उसकी इज्जत को कलंकित करे। हालांकि यह भी आवश्यक है कि दुष्कर्म के सभी मामलो मे सरकार पुलिस और न्यायपालिका कठोर कदम उठाते हुए अन्य देशो की भांति त्वरित निराकरण कर दुष्कर्मी को सजा से दंडित करे।