दुर्ग। 19 नवंबर : प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेने के ऐलान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने इसे देश के अन्नदाताओं की जीत बताया है। राजेंद्र ने कहा कि देश की आजादी सहित किसानों द्वारा किया गया हर आंदोलन सफल रहा है। इस बार भी 9 महीने तक चले आंदोलन के बाद किसानों की जीत हुई। किसान अंत तक डटे रहे और हिम्मत नहीं हारे। इसके लिए देश भर के किसानों को प्रणाम करते हुए उन्हें बधाई देता हूं।
राजेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आंदोलन को समाप्त करने कई तरह के हथकंडे अपनाए गए। किसानों को देशद्रोही कहा गया। उन्हें आतंकवादी, आंदोलनजीवी, मवाली कहा गया। इसके बाद भी किसान दिग्भ्रमित नहीं हुए। लगातार आंदोलन करते रहे। किसानों की इसी एकजुटता का नतीजा है कि आज वे अपने आंदोलन में सफल रहे।
राजेंद्र ने कहा कि आंदोलन के दौरान शहीद हुए 6 सौ से ज्यादा किसानों की शहादत हुई। किसान परिवारों ने आंदोलन में अपने पालक को खोया है। इस पर भाजपा के लोग क्या कहेंगे? भाजपा को शहीद किसानों के परिवारों से माफी मांगना चाहिए। शहीद किसानों के परिवार से एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी देना चाहिए ताकि उन परिवारों को उचित राहत मिल सके।
राजेंद्र ने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार ने महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से दूर रखने देश की जनता को उलझाकर रखा, उसी तरह किसानों को भी काले कानूनों में उलझाया गया। केंद्र सरकार ने सोची समझी साजिश के तहत तीन काले कानून लाने का षड्यंत्र किया, ताकि किसान अपनी दूसरी जायज मांगों को न रख सकें। केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानों को 9 महीने तक उलझाए रखा।
कृषि कानूनों में उलझने के कारण किसान अपनी उपज का मूल्य बढ़ाने की मांग नहीं कर पाए। उचित दाम पर अनाज की खरीदी की मांग नहीं कर सके। काले कानून के विरोध में आंदोलन के कारण किसान रासायनिक खाद की कीमत घटाने की मांग नहीं कर पा रहे थे। खाद की उपलब्धता की मांग भी किसान नहीं कर पाए। पूरे समय काले कानूनों में ही किसान उलझे रहे।
राजेंद्र ने कहा कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में संभावित पराजय को देखते हुए मोदी सरकार ने फिलहाल कृषि कानूनों को वापस लिया है। किसान और उनके परिवारजन भाजपा की नीयत को अच्छी तरह समझ चुके हैं। किसान अब किसी भी सूरत में भाजपा पर भरोसा नहीं करेंगे। किसान जान चुके हैं कि कानून वापस लेने का फैसला कर मोदी सरकार ने भ्रमजाल में फंसाने का काम किया है। जिस तरह देश की संपत्तियों को बेचा जा रहा है, उसी तरह किसानों के खेत बेचने का षड्यंत्र वे दोबारा कर सकते हैं। देश के किसान मोदी सरकार और भाजपा पर न भरोसा करेंगे, न माफ करेंगे।