दुर्ग । दोनों टीके लगाने के बाद शरीर में इतनी प्रतिरोधक क्षमता आ जाती है कि आप कोविड से संक्रमित तो हो सकते हैं लेकिन इसके वायरल लोड की प्रभावशीलता बहुत कम रहेगी। धमधा तहसील में पदस्थ नायाब तहसीलदार हुलेश्वर पटेल ने किसी विशेषज्ञ का लेख अखबार में पढ़ा। लेख पढ़कर उन्हें इस बात का पक्का भरोसा हो गया कि कोरोना वारियर के रूप में लगातार ड्यूटी करने की वजह से वे टीका लगने के बावजूद संक्रमित हो सकते हैं पर टीके से मिली प्रतिरोधक क्षमता की वजह से उन्हें इसका असर न्यूनतम रहेगा। ऐसा हुआ भी, वे संक्रमित हुए लेकिन बेहद मामूली संक्रमण रहा, सीटी स्कोर रहा 1, इस वजह से और आइसोलेशन की सजगता की वजह से उनके संपर्क का कोई भी पॉजिटिव नहीं हुआ। फरवरी- मार्च में जब कोविड -19 शुरू हुआ मैंने 15 मई 2020 को नायब तहसीलदार का पद दुर्ग जिले में ज्वाइन कर कैरियर की शुरुवात की। तभी से मैंने सैकड़ों डाक्टरों और स्वास्थ कर्मियों को इस वायरस से लड़ते हुए नजदीक से देखा। सभी लोगों की तरह मै भी भी उस दिन का इंतजार कर रहा था ,जब वैज्ञानिक इस घातक वायरस से लडने के लिए वैक्सीन बनाएंगे। आखिरकार यह सपना जल्द पूरा हो गया, जब यह घोषणा हुई कि जनवरी 2021 से सभी फ्रंटलाइन कर्मियो को वैक्सीन का डोज दिया जाएगा। राजस्व विभाग का फ्रंट लाइन वर्कर होने के नाते मुझे भी 12 फरवरी को वैक्सीन का पहला डोज़ लगा और 18 मार्च को दूसरा डोज़ लगा। सब कुछ सामान्य चल रहा था, 29 मार्च को होली के दिन हमने पुलिस अधिकारियों और अपने राजस्व विभाग की टीम के साथ चेक पोस्ट में खूब ड्यूटी की और शाम को घर आए। अगले दिन 30 मार्च को सुबह उठा तो बिल्कुल सामान्य महसूस कर रहा था, हालांकि थोड़ा थकान महसूस किया लेकिन कामकाजी दिन था तो मैं अपने समय पर ऑफिस पहुंच गया, ऑफिस में काम करते हुए मुझे थोड़ा बीच मे मुझे मेरे शरीर का तापमान बढ़ा हुआ महसूस हुआ शाम को घर लौटा । अगली सुबह 31 मार्च को मुझे बुखार महसूस हुआ मेरा तापमान 98.8 फारेनहाइट था। मैं बहुत चिंतित नहीं था। मुझे अन्दर से विश्वास था कि “मैंने टीकाकरण करा लिया है” इसलिए कुछ नहीं होगा, परन्तु फिर भी मैं फीवर क्लीनिक जाकर अपना और अपनी वाइफ का कोविड टेस्ट करवा कर आया। 4 अप्रैल को मेरी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आयी, तो मैंने तुरन्त डॉक्टर से परामर्श कर अपने आपको आइसोलेट किया और अपनी चेस्ट का सीटी स्कैन करवाया तो सीटी स्कोर बहुत ही कम आया और मैंने होम आइसोलेशन में रहकर डॉक्टर के बताए अनुसार दवाई लेना शुरू किया। मेरा स्वाद सुगंध सब चला गया था, लेकिन जल्द ही वापस आ गया। सबसे अच्छी यह बात थी कि मेरे साथ संपर्क में आये व्यक्ति, मेरे कारण संक्रमित नहीं हुए। मेरी पत्नी की रिपोर्ट भी नेगेटिव आयी थी और अभी एकदम ठीक हो गया हूं।
टीके पर भरोसे की कहानी, धमधा नायब तहसीलदार की जुबानी,,,,उन्हें भरोसा था कि कोविड होगा तो भी लक्षण मामूली होंगे, ये हुआ भी, उनका सीटी स्कोर रहा केवल 1
Chhattisgarh no.1 News Portal
Leave a comment