गरियाबंद। 7 सितंबर : जिले में अवैध कारोबारियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही करने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। जिससे जिले में लगातार अभियान चलाकर हीरा तस्करों, अवैध शराब बिक्री, गांजा विक्रेता एवं जुआ-सट्टेबाजो पर नकेल कसी है। छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार 171 नग हीरा कीमती लगभग 25 लाख रूपये हीरा तस्करों से जप्त कर कार्यवाही की गई है। पूर्व में 04 हीरा तस्कारों से 181 नग हीरा जप्त कर आरोपियों को जेल दाखिल किया गया है। इस अभियान में 1340 लीटर अवैध शराब के साथ 158 आरोपियों को गिरफ्तार कर आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही कर जेल दाखिल किया गया। नारकोटिक्स एक्ट के तहत 12 प्रकरण में लगभग 202 कि.ग्रा. गांजा जप्त कर 22 आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया। जिले में जुआ-सट्टा पर नकेल कसते हुए 23 सटोरियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
पुलिस कप्तान भोजराम पटेल को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति बहुमुल्य हीरा अपने पास रखकर बिक्री करने मोटर सायकल क्रमांक सी.जी. 05 डब्ल्यू 9467 में पायलीखण्ड (जुगाड़) की ओर से सीनापाली उड़ीसा की ओर जा रहा है। सूचना प्राप्त होने पर पुलिस कप्तान द्वारा थाना प्रभारी देवभोग को टीम गठित कर कार्यवाही हेतु निर्देश दिया गया। थाना प्रभारी देवभोग निरीक्षक हर्षवर्धन बैस द्वारा ग्राम कैटपदर उड़ीसा बार्डर के पास नाकाबंदी कर मोटर सायकल चालक को पकड़ा गया। चालक आरोपी नूतन पटेल पिता श्याम सुन्दर पटेल उम्र 55 वर्ष निवासी गोडाल थाना सीनापाली जिला नुआपाड़ा (उड़ीसा) से तलाशी लेने पर 171 नग हीरा मिला। आरोपी से पुछताछ करने पर कोई वैध कागजात प्रस्तुत नही किया। जिस पर आरोपी के विरूद्ध थाना देवभोग में अपराध क्रमांक 135/2020 धारा 379 भादवि, 4(21) माइनिंग एक्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी से प्राप्त 171 नग हीरा एवं प्रयुक्त दोपहिया वाहन को जप्त किया गया। उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी देवभोग निरीक्षक हर्षवर्धन बैस, सउनि खुमानलाल महिलांग, आरक्षक सुनील पाण्डेय, भरत सेन एवं प्र. आर. राघवेन्द्र सिंह, अंगद राव, आरक्षक सुशील पाठक, दीप्तनाथ प्रधान, चुड़ामणी देवता, जय प्रकाश मिश्रा का कार्य सराहनीय रहा। पुलिस कप्तान भोजराम पटेल ने बताया कि जिले में तस्करों के खिलाफ अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहने वालों के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी रहेगी। पूर्व में भी वन्यप्राणी अधिनियम, माईनिंग एक्ट, नारकोटिक्स एक्ट, आबकारी अधिनियम के अंतर्गत लगातार कार्यवाही की गई है।