भिलाई। 14 नवम्बर : पत्थर पर पत्थर, पत्थर पर पैसा बिन पानी घर बनाये वो कारीगर कैसा’ जैसे पहेलियो से सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडोरियम में बाल दिवस के अवसर पर ब्रह्माकुमारी बहनो ने चिल्ड्रंस डे कार्यक्रम की भव्य शुरूआत की। पीस ऑडिटोरियम में बच्चो और पैरेंट्स ने एक से एक ज्ञानवर्धक, मनोरंजक कार्यक्रम की प्रस्तुति का लाभ लिया। जिसमे आये बच्चे काफी उत्साहित दिखे।
ब्रह्माकुमारी प्रिया और रितिका बहन ने बच्चो को पांच के ग्रूप डिवाइन, फरिश्ता, लवली, स्टार एवं शक्ति ग्रुप में बांट दिया था, और अलग-अलग नाम उन्हे दिया गया था। बच्चो के लिए ब्रह्माकुमारीज़ बहनो ने ज्ञान वर्धक शिक्षा केबीसी की तर्ज पर कौन बनेगा स्प्रिचुल स्टार जैसे कार्यक्रम की बहुत ही अच्छी प्रस्तुति दी गई जिसमे सभी बच्चो ने बढ चढकर हिस्सा लिया और उत्साहित होकर हर एक बनाये प्रश्नों का जवाब दिया। जिसमे क्लास तीसरी से आठवी क्लास के बच्चो ने भाग लिया। इसके पहले ब्रह्माकुमारी कृतिशा बहन ने बच्चो को मेडिटेशन कराया जिसमे राजयोग मेडिटेशन कोर्स के महत्व और इसका दैनिक जीवन मे प्रभाव को बताया और राज योग क्लास के बारे मे इसकी विशेषता और कैसे आपके जीवन और आपके व्यक्तित्व को निखारता है इसके बारे मे बहन जी ने बताया। केबीएस मारल वैल्यूज पर बच्चो से अलग अलग विषय पर पर्दे मे छाया चित्र के माध्यम से सवाल किये जिसे बारी बारी ग्रूप से पूछा गया हर प्रश्न के सही उतर बताने पर पांच अंक दिए गए। जिसमे सभी बच्चो ने सभी प्रश्नो के सही सही उतर बताये और सभी के समान अंक आये। नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी मे क्या है जैसे गीत मे छुपे सीख को बताना था। जिसका सभी बच्चो ने सही सही जवाब दिया।ऐसे ही “बच्चे मन के सच्चे” जैसे गीत मे भी उसके अर्थ और महत्व को बताया उसमे छुपे सीख का उतर दिया।
मुख्य अतिथि के रूप मे महिला चेंबर आफ कामर्स की अध्यक्षा सरोजनी पाणिग्रही उपस्थित थी। बहनो ने ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के इस स्वरूप को बताया। इसकी विशेषता और महत्व के बारे मे रितिका बहन ने आये सभी बच्चो व उनके माता पिता को राज योग शिविर की क्लास करने प्रेरित किया और कैसे बच्चे पढाई के साथ-साथ और भी बहुत कुछ यहां आकर सीख सकते है जिसमे प्रमुख रूप से मेडिटेशन से आप अपने मन को शांत और एकाग्र कर सकते है जिससे आपको पढने का भी मन करे ।साथ ही आपके अंदर का झिझक आप अपनी बातो को कितने अच्छे तरीके से किसी को समझा सके ।इसके साथ-साथ जीवन जीने का तरीका आप मे परमातम शक्ति के संचार से कैसे शान्ति की ओर जा सकते है।बहुत सी जीवन जीने के उद्देश्यो पर बहन जी ने प्रकाश डाला।
सर्वप्रथम मुख्य अतिथि एवं ब्रह्माकुमारी बहनो ने अपने करकमलो से द्वीप प्रज्वलित कर विधिवत कार्यक्रम की शुरुआत की।तत्पश्चात सरोजनी पाणिग्रही ने इस कार्यक्रम पर अपनी खुशी जाहिर की और बच्चो की कुशाग्र बुद्धि की प्रशंसा की और आये सभी पैरेंट्स को भी अपने बच्चों को राजयोग की शिक्षा लेने व कोर्स करने की बात कही ।और ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा किये कार्यक्रमो की सराहना की और बच्चो को चिल्ड्रन डे की शुभकामनाएं दी।
भिलाई सेवाकेन्द्रों की मुख्य निदेशिका राजयोगीनी आशा बहन जी ने “जगत नियंता सर्वशक्तिमान परमात्मा की संतान बाल गोपाल प्रिय बच्चो विश्व के कर्णधार आधार बच्चे” संबोधन से अपने अनोखे अंदाज मे बच्चो और उनके पैरेंट्स का स्वागत किया। हमारी दीदी और दादियों ने अपनी त्याग तपस्या से इतना विशाल वट वृक्ष बनाया है। इसकी नींव सन 1937 मे संस्था का स्वरूप बनाया ।
बच्चो ये जो आप बडी बडी बहने आपको दिख रही है ये सभी 8 साल 9 साल की उम्र से ब्रह्माकुमारी ज्ञान और निस्वार्थ सेवा कर रही है इन बहनो की त्याग तपस्या और मेहनत ही है। ये इस देश ही क्या पूरे विश्व मे 80 सालो से भी ज्यादा वर्षो से संचालित है और समाज मे अपनी सेवा दे रही है।परमात्मा ने इस कार्य के लिए इन प्यारे प्यारे बच्चो को चुना है ईमानदारी आज्ञाकारी के साथ साथ एक अच्छे और सच्चे इंसान बनना बहुत जरूरी है। आशा दीदी ने एक कहानी सुनाकर एक अच्छे और संस्कारी बच्चे के बारे मे बताया सभी बच्चो ने कहानी जैसा आज्ञाकारी बेटे बनने की बात कही। हमे अपने जीवन मे ये मुख्य मार्ग को चुने इसके लिए हमारे पास शक्ति हो। बहन जी ने कार्यक्रम का समापन परमात्मा की याद करके किया और सभी बच्चो को प्रत्येक रविवार राजयोग शिविर क्लास मे आने को कहा जो एकदम निःशुल्क कराई जायेगी ।सभी बच्चो और ईश्वरीय पुरस्कार भी दिया गया।