दुर्ग (सीजी संदेश) 6 नवंबर।प्रदेश की धार्मिक नगरी दुर्ग के सत्तीचौरा में गंजपारा वासियों ने अपनी विगत 42 वर्षोँ की परम्परा अनुसार इस वर्ष भी तुलसी विवाह (देवउठनी एकादशी) के अवसर पर रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें गंजपारा ही नही बल्कि पूरे शहर के प्रतिभागियों ने आकर्षित रंगोली बना कर अपनी प्रतिभा दिखाई एवं ग्राम सगनी की बालिका मंडल ने जसगीत की मधुर एवं सुंदर प्रस्तुति देकर उपस्थित जनोँ को खूब झुमाया, कार्यक्रम में रंगोली प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण किया गया।गंजपारा में विगत 42 वर्षों से चली आ रही परम्परा अनुसार इस वर्ष भी तुलसी विवाह के अवसर पर रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. श्री सत्तीचौरा युवा कला मंच, एवं जन समर्पण सेवा संस्था दुर्ग के संयुक्त तत्वावधान में तुलसी विवाह के पावन अवसर पर पूरे गंजपारा दुर्ग में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता आ रहा है, जिसमे प्रतिवर्ष सभी गंजपारा वासी, एवं शहर के अन्य स्थानों के वासी अपने घर के आँगन में, एवं दूर्गा मंदिर सामने के रंगोली सजाते है और अपनी प्रतिभा दिखाते है, सुबह से शाम तक सभी गंजपारा वासी अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर रंगोली बनाते है। इस वर्ष रंगोली प्रतियोगिता में 135 से अधिक घरों में रंगोली सजाई गयी, जिसमे भगवान, बेटी बचाओ, पेड़ बचाओ संदेश, प्रदूषण से मुक्ति संदेश, गौ हत्या रोको, कन्या भ्रूण हत्या रोको, किसान की खेती, पशु पक्षियों की तस्वीर रंगोली, के माध्यम से दर्शाया गया। आयोजक समित्ति के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि गंजपारा दुर्ग में विगत 42 वर्षों से यह परम्परा चली आ रही है जिसका आयोजन पीढ़ी दर पीढ़ी युवा न कराते आ रहे है, पूरे गंजपारा वासियों के सहयोग से यह आयोजन होता है, सभी के घरों के सामने आंगन में सुंदर एवं आकर्षित रंगोली बनाई जाती है, कुछ कलाकारों द्वारा भी विशेष रंगोली बनाई जाती है, इस आयोजन की जानकारी पूरे शहर को होती है, हर वर्ष पूरे शहर के लोगों को रंगोली प्रतियोगिता में आमंत्रित किया जाता है, जोकि इस वर्ष आकर्षण का केंद्र रहती है, देर रात तक गंजपारा वासी एक दूसरे की रंगोली देखने जाते रहे।इस आयोजन के साथ साथ इस वर्ष जसगीत एवं भजन का आयोजन किया गया, जिसमें दृष्टिहीन बालको को जय माँ सरस्वती जस मंडली, दुर्ग द्वारा प्रस्तुति दी गयी, दृष्टिहीन बालको की इस जस मंडली की खाश बात यह रही कि दृष्टिहीन बालक खुद जसगीत एवं भजन गाते है और सभी प्रकार के ढोल, ऑर्गन, ढोलक, खुद बजाते है, दृष्टिहीन बालको के द्वारा द्वारा गाये गए जसगीत में उपस्थित ज़न देर रात्रि तक झूमते रहे और आंनद लेते रहे। योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि रंगोली प्रतियोगिता में सुबह से प्रतिभागी एवं पूरा परिवार एक साथ बैठकर अपने आंगन में रंगोली बनाया, जिसे संध्या 6 बजे पूरा बनाकर तैयार किया गया, 6 बजे प्रतियोगिता के निर्णायक रविन्द्र जैन ‘सुमन’ एवं नवीन शर्मा संस्था के सदस्यों के साथ प्रत्येक रंगोली को बारीकी से देखते हुए अपना निर्णय संस्था को दिए।निर्णयाको के निर्णय के पश्चात जसगीत आयोजन स्थल पर पर प्रतियोगिता का पुरस्कार रात्रि 9 बजे आयोजित किया गया, जिसमें अतिथि के रूप में राजेश यादव, (सभापति, दुर्ग,) अलताफ अहमद अध्यक्ष- मदरसा बोर्ड, छ.ग. शासन एवं सुश्री पायल जैन समाज सेविका उपस्थित थे।अतिथियों के सम्मान एवं उद्बोधन के पश्चात पुरस्कार वितरण किया गया है।समित्ति के शिशु शुक्ला ने बताया कि रंगोली प्रतियोगिता में विशेष कलाकार जिसमें रौशनी साहू एवं कृष्णा नायक को प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार एवं
प्रथम – श्रीमती सीमा जैन
द्वितीय- पलक गुप्ता
तृतीय – दीपिका टावरी
चौथा- सौम्या रुंगटा
पाँचवाँ – संतोष यादव
छठवां – सुजल ढीमर
सातवां – भव्या जैन
आठवां – प्रशांत कश्यप
नवां – पूजा राठी दशवां – प्राची शर्मा रही जिन्हें पुरस्कार वितरण किया गया। इसके साथ साथ संस्था द्वारा सभी 135 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में मंच के प्रकाश टावरी, राहुल शर्मा, पिंकी गुप्ता, मनोज गुप्ता, सुरेश गुप्ता, राजू पुरोहित, दिनेश शर्मा, दीपक ढीमर, प्रकाश कश्यप, मनीष सेन, प्रकाश कश्यप, आशीष मेश्राम, सूजल शर्मा, मोहित पुरोहित, रिषी गुप्ता, रवि राजपूत, बंटी यादव, बिट्टू यादव, आकाश राजपूत, लक्ष्मी यादव, कुंती बाई, प्रीति यादव, शुभम सेन, हरीश ढीमर, संगीता शर्मा, प्रभा शर्मा, किरण सेन, चंदा शर्मा, मिथला देवी शर्मा, सरिता शर्मा, चंचल शर्मा, शिबू खान, सोनू यादव, एवं सैकड़ों गंजपारा वासी, प्रतिभागी एवं शहर वासी उपस्थित थे।
घर घर सजी रंगोली: दृष्टिहीन बालको के जसगीतो एवं भजनों में देर रात्रि तक झूमते रहे शहर वासी
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