भिलाई।आ जपूरा देश कोरोना से लड़ रहा है ऐसे समय में लोग आयुर्वेदिक काढ़ा का भी उपयोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कर रहे हैं इसमें मुख्य रूप से सोंठ या अदरक काली मिर्च दालचीनी गिलोय लोंग इलाइची तुलसी पत्र हल्दी को उबालकर काढ़ा तैयार कर सेवन करना उत्तम है परंतु लंबे समय तक काढ़ा का सेवन करने से अम्ल पित्त की समस्या शुरू हो रही है क्योंकि अदरक और काली मिर्च उष्ण और तीक्ष्ण प्रकृति के होते हैं जिससे पेट में जलन की समस्या पैदा होती है जिससे आगे चलकर अम्ल पित्त एसिडिटी हो सकती है जिससे लिवर संबंधित बीमारियां भी बढ़ सकती हैं ।इससे बचने के लिए हमें काढ़े में मुलेठी का प्रयोग उत्तम साबित होता है क्योंकि मुलेठी मधुर रस होता है तथा यह कफ रोगों के लिए बहुत ही उत्तम होता है साथ ही अम्ल पित्त एसिडिटी को भी शांत करता है। मुलेठी गले में जमे हुए कफ को पतला करके बाहर निकालता है। सर्दी खांसी सिर दर्द में मुलेठी बहुत ही फायदेमंद है। सर्दी खांसी में मुलेठी 3 ग्राम चुसकर लेने से फायदा होता है।