भिलाई। नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए तथा
वर्तमान में जिले में कोरोना पॉजिटीव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसे रोकने एवं नियंत्रण में रखने हेतु सभी संबंधित उपाय अमल में लाया जाना उचित एवं आवश्यक हो गया है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए जिला कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने गणेशोत्सव के संबंध में निम्नानुसार निर्देश प्रसारित किये गए है।
1. मूर्ति की ऊंचाई एवं चौड़ाई 4×4 फिट से अधिक न हो।
2. मुर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फिट से अधिक ना हो।
3. पंडाल के सामने कम से कम 5000 वर्ग फिट की खुली जगह हो।
4. पंडाल एवं सामने 5000 वर्ग फिट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा
प्रभावित न हो।
5. मंडप/पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो। दर्शकों एवं आयोजकों के
बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे।
6. किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक न हो।
7. मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेंगी, जिसमें दर्शन हेतु
आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता एवं मोबाईल नम्बर दर्ज किया जावेगा ताकि उनमें से
कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके।
8. मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति 4 सी.सी.टी.वी. लगायेगा, ताकि उनमें से कोई भी
व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिग किया जा सके।
9. मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा। ऐसा
पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जायेगा।
10. मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर, थर्मन स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर,
हैण्डवॉस एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने
अथवा कोरोना से संकमित को भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी।
11. व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था
बास-बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जायेगा।
12. यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का
संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जायेगा।
13. कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी, यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी।
14. मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के भोज,
भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी।
15. मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डी.जे. बजाने की अनुमति नहीं होगी।
16. स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी।
17. मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी।
18. मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस (छोटा हाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा।
19. मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं
20. मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
21. मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की
अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा।
22. शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति
विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सामान्य रूप से
सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे।
23. विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी।
24. सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी।
उपरोक्त शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। 25. यदि घर से बाहर मूर्ति
स्थापित किया जाता है तो कम से कम 7 दिवस के पूर्व नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथपत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।
26. इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश 4 जून 2020 के अंतर्गत जारी एस.ओ.पी. का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा।
यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश के उल्लंघन करने पर ऐपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत् कठोर कार्यवाही की जायेगी।