दुर्ग। 12 जुलाई : कोरोना के चलते अपने परिजनों को खो चुके बच्चों को महतारी दुलार योजना से शिक्षा की मदद मिल रही है। इस योजना में अब तक 288 आवेदनों को कार्रवाई के लिए शासन के पास भेजा जा चुका है। इस संबंध में जानकारी देते हुए डीईओ प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि महतारी दुलार योजना के क्रियान्वयन के लिए हेल्प डेस्क बनाया गया है। हेल्प डेस्क के अधिकारी कोरोना से अपनी जान गंवा चुके लोगों के परिवारजनों से संपर्क करते हैं। इनसे घर में बच्चों की जानकारी, उनकी पढ़ाई लिखाई की स्थिति के बारे में जानकारी ली जाती है तथा महतारी दुलार योजना की जानकारी भी दी जाती है। उनसे आवेदन ले लिया जाता है और आगे कार्रवाई के लिए भेज दिया जाता है। श्री बघेल ने बताया कि इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने विशेष रूप से निर्देश दिये हैं कि कोई भी बच्चा जिसके आजीविका अर्जित करने वाले पिता या माता का कोरोना के चलते निधन हो गया है की पढ़ाई जारी रहने में किसी तरह की बाधा नहीं आये। उन्होंने बताया कि महतारी दुलार योजना के आने के बाद लगातार इस संबंध में चिन्हांकन किया जा रहा है और प्रकरण प्रेषित किये जा रहे हैं। निजी स्कूलों को भी निर्देश दिये गये हैं कि उनके यहाँ यदि कोई बच्चा पढ़ाई कर रहा है और इसके आजीविका अर्जित करने वाले माता या पिता का निधन हो गया हो तो इस दशा में उसकी पढ़ाई का खर्च शासन उठाएगा। ऐसे बच्चों का महतारी दुलार योजना के अंतर्गत आवेदन भरें। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि कोशिश यह हो कि बच्चों को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षा मिल पाए, इस दिशा में विशेष प्रयत्न करें। उल्लेखनीय है कि महतारी दुलार योजना में बच्चों के पढ़ने का खर्च तो शासन वहन करेगी ही, इसके साथ ही छात्रवृत्ति का प्रावधान भी इस योजना के अंतर्गत है जिससे बच्चों को शिक्षा के इतर कुछ जरूरी खर्च करने के लिए राशि उपलब्ध होगी।