भिलाई। 15 मार्च : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों तथा संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज निजीकरण विरोधी-कारपोरेट विरोधी दिवस के मौके पर विभिन्न संगठनों ऐक्टू, भाकपा (माले) लिबरेशन, सीटू, माकपा, एटक, भाकपा, छ.ग. प्रगतिशील किसान संगठन, छ.ग.श्रमिक मंच, बीएसएनएल यूनियन, एच एम एस,, एआईवाईएफ के द्वारा केन्द्र सरकार की राष्ट्र विरोधी, जन विरोधी नीतियों पर तीव्र आक्रोश जाहिर् करते हुए एक ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर, दुर्ग को सौंपा गया।
ज्ञापन में मांग किया गया है कि बढ़ती डीजल, पेट्रोल, एलपीजी कीमतों को तत्काल कम किया जाय. सभी सार्वजनिक तथा सरकारी क्षेत्रों के नीजिकरण, विनिवेशीकरण व ठेकाकरण पर रोक लगायी जाय. किसान विरोधी 3 कानून व मजदूर विरोधी 4 श्रम कोडों को निरस्त किया जाय और एम एस पी की कानूनी गांरटी सुनिश्चित किया जाय। बयान में कहा गया है कि जनता के धन की लूट और कारपोरेट घरानों को छूट नहीं चलेगी.बैंको की नीजिकरण के खिलाफ 15-16 मार्च को चल रही हड़ताल तथा 17-18 मार्च को बीमा कर्मचारियों की हड़ताल के साथ पूरी एकजुटता प्रगट किया गया.रेल के किराए में की गई बेतहाशा वृद्धि को वापस लेने तथा रेल परिचालन को सामान्य करने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल मे बृजेन्द्र तिवारी, आई के वर्मा, अशोक खातरकर, राजकुमार गुप्त, आर.एस. भट्ट, प्रेम सिंह चंदेल, धीरेंद्र सिंह, शमीम कुरैशी, देवानंद चौहान,ढालेश साहू, कमलेश निर्मलकर, संतोष वर्मा आदि शामिल थे।