दुर्ग। 11 सितंबर : कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे 10 सितंबर को सुपेला के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में बीते दिनों अपग्रेडेशन के लिए और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मुकम्मल तैयारियों के लिए विशेष निर्देश दिये गये थे। इनकी प्रगति जानने कलेक्टर यहाँ पहुँचे। यहाँ आक्सीजन प्लांट पूरी तरह तैयार कर दिया गया है तथा रिनोवेशन कार्य भी प्रगति पर है। यहाँ आइसोलेशन वार्ड भी स्थापित किया जाना है। कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन से ओपीडी के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सुपेला अस्पताल भिलाई के सबसे सघन इलाके में है और सबसे ज्यादा ओपीडी यहाँ आती है। इसे देखते हुए यहाँ व्यवस्था की विशेष मानिटरिंग करने के निर्देश उन्होंने दिये। उन्होंने कहा कि ओपीडी के मुताबिक स्टाफ एवं चिकित्सकों की जरूरत के लिए समीक्षा करते रहें। किसी भी विशेष जरूरत के लिए जानकारी दें। इसके लिए डीएमएफ आदि मदों से स्वीकृति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन की सबसे बुनियादी प्राथमिकताओं में से हैं लोगों से फीडबैक लेकर इसे बेहतर करने की दिशा में निरंतर कार्य करेंगे। यहां उन्होंने अस्पताल में चल रहे उन्नयन कार्य का निरीक्षण किया। इन कार्याे को निर्धारित मापदंड के अनुसार कराये जाने के साथ ही नियमित अंतराल में साफ-सफाई पर ध्यान देने कहा। कलेक्टर ने उनके आगमन के दौरान अस्पताल में हो रही साफ-सफाई पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह कार्य सुबह हो जाना चाहिए। उन्होंने फाल सिलिंग का निर्माणाधीन कार्य देखा और इस पर असंतोष जाहिर कर पूरी गुणवत्ता के साथ यह कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल परिसर में बनने जा रहे नवीन आइसोलेशन वार्ड के लिए चिन्हांकित स्थल भी देखा। आइसोलेशन वार्ड में जरूरी सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा। कलेक्टर ने अस्पताल में स्थापित आक्सीजन प्लांट को भी देखा। उन्होंने इसे आक्सीजन के लिए जरूरत मन्द लोगों के लिए काफी मददगार साबित होने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल के पश्चात सबसे ज्यादा संख्या में ओपीडी सुपेला अस्पताल में होती है। यहाँ बेहतर व्यवस्था हो, इसके लिए कलेक्टर ने डीएमएफ के माध्यम से अस्पताल के रिनोवेशन की व्यवस्था की। यहाँ अस्पताल में ऊपरी मंजिल में काफी सीपेज की समस्या आ रही थी जिसकी वजह से अस्पताल का बहुत सा हिस्सा अनुपयोगी साबित हो रहा था। इस सीजन में सीपेज की मरम्मत कराई गई। साथ ही स्पेस के उचित तरह के उपयोग के लिए अस्पताल का सीटिंग प्लान भी बदला गया। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सांस की दिक्कत वाले मरीजों को यहाँ पर रखा गया।