भिलाई । दुर्ग ग्रामीण कांग्रेस सेवादल के जिला अध्यक्ष लक्ष्मी नरसिम्हा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पूरी दुनिया सहित हमारे देश, प्रदेश शहर- गांव तक करोना वायरस महामारी का आतंक व प्रकोप से आतंकित है ।हम सब परिवार सहित लाकडाउन के कारण घरों में है और इन विपरीत परिस्थितियों में भी कर्मचारी जनता को करोना वायरस से बचाने की जंग में अग्रिम पंक्ति में लड़ाई लड़ रहे हैं विशेषकर स्वास्थ्य विभाग सहित अधिकांश विभाग के कर्मचारी अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर बचाओ कार्यक्रम में योगदान देकर करोना वायरस को हराने में युद्ध रत है हम सब उन्हें सैल्यूट करते हैं। ऐसे विपरीत समय में देश के प्रधानमंत्री ने कर्मचारियों व उनके परिवार के ऊपर सबसे बड़ा आर्थिक आघात करते हुए केंद्र के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लगभग 125 लाख परिवारों को आर्थिक संकट में डाल दिया है ।देश की आजादी के बाद 1962 का चाइना युद्ध ,1965 एवं 70 का पाकिस्तान के साथ युद्ध 1975 का आपातकाल जैसे राष्ट्रीय संकट के समय भी कर्मचारियों के वेतन भत्तों
कटौती नहीं की गई थी। जिलाध्यक्ष नरसिम्हा ने बताया कि 2004 में एनडीए 1 में अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने देश के करोड़ों कर्मचारी परिवार के सामाजिक सुरक्षा को समाप्त करते हुए अंग्रेजों के समय से लेकर 2004 तक लागू पेंशन योजना को समाप्त कर दिया जिसके कारण 2004 के बाद नियुक्त लाखों कर्मचारियों का परिवार पेंशन से वंचित हो गए अब एनडीए 2 कि मोदी सरकार ने सबसे पहले वेतन आयोग को स्थाई रूप से समाप्त कर दिया है । अब और अब जुलाई 2021 तक महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी है। आने वाले वक्त में कर्मचारियों को वेतन का 30 परसेंट से 25% की कटौती सरकार करने की योजना बना रही है कर्मचारियों को वेतन भत्ते से कटौती कर यदि इस राशि का उपयोग गरीब मजदूर भूखे के भोजन के लिए हो तो कर्मचारी सहर्ष स्वीकार कर भी लें ,लेकिन स्थापना व्यय में 10 परसेंट राशि कटौती कर इसका उपयोग उद्योग उद्योगपति को मदद के लिए किया जाएगा तो इसका जबरदस्त विरोध होना चाहिए । क्योंकि केंद्र सरकार इस निर्णय से सिर्फ केंद्रीय कर्मचारी प्रभावित नहीं होंगे भविष्य में सभी कर्मचारियों को मार झेलना पड़ेगा क्योंकि कर्मचारी हित में जितने निर्णय भाजपाई केंद्र सरकार ने लिए हैं वह इतिहास के साथ काला अध्याय की लंबी फेहरिस्त है इसकी सबसे बड़ा उदाहरण 2004 का पेंशन योजना समाप्त करने वाला है। मोदी जी द्वारा फैलाए गए आर्थिक वायरस के नुकसान से कर्मचारियों को सुरक्षित रखना है। मोदी सरकार के निर्णय का पुरजोर विरोध होना स्वाभाविक है, क्योंकि केंद्र सरकार इस विकट घड़ी में संघर्षरत कर्मचारियों के साथ भी अन्याय कर रही है।
कर्मचारियों के वेतन भत्तों में कटौती कर केंद्र सरकार कर रही है अन्याय, 125 लाख परिवारों को आर्थिक संकट में डाल दिया : लक्ष्मी नरसिम्हा
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