भिलाई 17 दिसंबर (सीजी संदेश)। हुडको स्थित श्रीराम चौक पर भारतीय जनता पार्टी की शंखनाद रैली का समापन अवसर पर छत्तीसगढ़ बचाओ अभियान के तहत सभा रखी गई थी। सभा में पूर्व 3 कैबिनेट मंत्री सहित सांसद और पदाधिकारी सहित कई जिम्मेदार पदाधिकारी उपस्थित थे। कांग्रेस सरकार को कोसते हुए विधायक अजय चंद्राकर ने कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सरकार में भ्रष्टाचार ,लूट शराब खोरी, चोरी, दलाली सहित कई कारनामे हो रहे हैं सरकार सब को संरक्षण दे रही है उन्होंने कहा कि दुर्ग जिला भिलाई संभ्रांत और सब पढ़े लिखे का शहर है यहां सब इस तरह के कारनामे हो रहे हैं। कार्यक्रम में राजनीति क्षेत्र के महारथी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांडेय, विधायक अजय चंद्राकर, सांसद रामविचार नेताम, सांसद विजय बघेल समेत संगठन के कई अहम नेता पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कड़वी-मीठी दोनों दवाएं लेकर पहुंचे, लेकिन कार्यकर्ताओं की अदावत से दवा की डोज देने की मंशा अधूरी रह गई। कार्यकर्ताओं ने इतने बड़े कार्यक्रम से दूरी बनाई रखी. हालत यह थी कि इतने बड़े कार्यक्रम को बहुत छोटे मैदान में किया गया, फिर भी वहां कुर्सियों में बैठने वाले तक नहीं मिले।भाजपा ने पूरे प्रदेश में छत्तसीगढ़ बचाओ अभियान की शुरुआत की है।इस अभियान के तहत हर लोकसभा प्रभारी को अपने-अपने क्षेत्र के हर विधानसभा में कार्यकर्ताओं और लोगों से मिलना है और कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक देना है। इसी अभियान के तहत भाजपा के संगठन ने 17 नवंबर 2022 को भिलाई के हुडको स्थित श्रीराम चौक पर एक कार्यक्रम किया।इसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय ने भाजपा के 15 साल के कार्यकाल की याद दिलाई। उन्होंने भिलाई में पानी से लेकर बिजली, सड़क, शिक्षा सभी विकास कार्यों की उपलब्धियां गिनाईं और भाजपा के विकास के विजन पर अपना भाषण फोकस रखा।इस बीच उन्होंने कांग्रेस के भिलाई में एक भी काम करने को लेकर चुनौती भी दी। भाजपा के फायर ब्रांड विधायक अजय चंद्राकर ने सीधे भूपेश सरकार को घेरा। उन्होंने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचारी और चोर सरकार तक कह दिया। उन्होंने कहा कि पहले भिलाई शिक्षा, बीएसपी समेत अन्य स्टार्टअप कार्यों के लिए जाना जाता था।लेकिन कांग्रेस सरकार में महादेव एप स्टार्टअप, अपराध स्टार्टअप, रेत माफिया स्टार्टअप के नाम से पहचान बनी है।उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की और उन्हें पार्टी का काम करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान सांसद विजय बघेल ने अपने गृह क्षेत्र पाटन की बात करके कार्यकर्ताओं में संचार लाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि पाटन में विरानी छाई हुई है. वहां लोग भयग्रस्त हैं। कांग्रेस सरकार के चार साल अपराध, भू माफिया, रेत माफिया, शराब माफियाओं के लिए रहे हैं।उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि चार साल तक राज्य सरकार को चेतावनी दी गई, लेकिन अब सीधे वार होगा।सांसद रामविचार नेताम ने भूपेश सरकार की एक बड़ी अधिकारी की गिरफ्तारी की बात छेड़कर गानों को गुन गुनाकर चुटकी ली। इसके साथ ही भूपेन्द्र सवन्नी ने भी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करने की कोशिश की।लेकिन कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की उंगली में गिनती से नेताओं के चेहरे पर भी लकीर नजर आती रही। इस कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष बृजेश बिजपुरिया, पूर्व महापौर निर्मला यादव, वरिष्ठ पार्षद पीयूष मिश्रा, श्यामसुंदर राव, भोजराज सिन्हा समेत अन्य पार्षद और मौजूद रहे।भिलाई भाजपा में हाल ही में जिला अध्यक्ष के रूप में बृजेश बिजपुरिया की ताजपोशी हुई है। बिजपुरिया को न तो प्रेम प्रकाश पांडेय और न ही सांसद सरोज पांडेय का करीबी माना जाता है। भाजपा में तटस्थ रहने की वजह से ही उन्हें ये बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन इतने बड़े कार्यक्रम में उन्होंने पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश पांडेय, सांसद विजय बघेल समेत पार्षद व संगठन के प्रभावी लोगों से समन्वय बनाने की कोशिश ही नहीं की। वे शायद पार्टी में अपनी नई लकीर खींचना चाहते थे, जिसमें वे असफल दिखाई दिए। वरना भाजपा के लिए सिर्फ 500 कार्यकर्ता जुटाना मुश्किल नहीं था।इस कार्यक्रम से शंखनाद पदयात्रा का समापन भी कर दिया गया। दरअसल भिलाई भाजपा अध्यक्ष बिजपुरिया ने 9 नवंबर से शंखनाद पदयात्रा की शुरुआत की थी। इसमें सभी वार्डों का भ्रमण किया गया। एक दिन में 2 से 3 वार्ड घूमें. हर वार्ड का पार्षद यात्रा में शामिल हुआ। खासबात यह रही कि जितनी भीड़ पदयात्रा में दिखी, उतनी भीड़ कार्यक्रम के समापन में नहीं दिखी। ये भी अध्यक्ष पर सवालिया निशान खड़ा करता है. अगर अध्यक्ष ने पार्षदों से बातचीत करके 10-10 कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी ही तय कर दी होती, तो कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं का हुजूम दिखता।कार्यक्रम को लेकर महिलाओं में नाराजगी दिखी। महिला कार्यकर्ताओं का कहना था कि वे पदयात्रा में बढ़-चढ़कर आगे आईं. संगठन के साथ चलीं, लेकिन कार्यक्रम में उन्हें तवज्जो नहीं दी गई। वे संगठन के नेताओं से खफा दिखीं।
कई गुटों में बटे हैं भाजपा कार्यकर्ता,,,,,, 100 कुर्सी भी नहीं भर पाए, तीन पूर्व कैबिनेट मंत्री सहित दो सांसद हुए थे शामिल,,, सिर्फ पदाधिकारी ही सभा में हुए शामिल, शंखनाद पदयात्रा का समापन ,सरकार पर जमकर बरसे पूर्व मंत्री

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