भिलाई। 13 जून : सेंटर ऑफ स्टील वर्कर्स (ऐक्टू) की वर्किंग कमेटी की बैठक सेक्टर–6 कार्यालय में हुई। बैठक में कर्मियों के लंबित वेज रिविजन, सेल पेंशन, केंद्र सरकार की नेशनल पेंशन स्कीम, 14 कर्मियों के निलंबन सहित स्थानीय समस्याओं पर व्यापक चर्चा की गई।
बैठक में ऐक्टू पदाधिकारियों ने केंद्र की मोदी सरकार को पूर्व मनमोहन सरकार के नक़्शेकदम पर चलने वाली कार्पोरेटपरस्त और घोर जनविरोधी व श्रमिकविरोधी करार देते हुए उसकी तीखी निंदा की। सेल कर्मियों के वेतन समझौते व सेव पेंशन स्कीम पर सेल प्रबंधन के अड़ियल व कर्मचारी विरोधी रवैय्ये को लेकर प्रबंधन पर बड़े कार्पोरेट घरानों के निर्दशों पर संचालित होने का आरोप लगाया। ऐक्टू की वर्किंग कमेटी ने सरकार की नेशनल पेंशन योजना को पूरी तरह कार्पोरेट घरानों के पक्ष में बताते हुए देश के तमाम श्रम-संघों द्वारा इस पर विरोध दर्ज करने के बावजूद सरकार व प्रबंधन द्वारा श्रम-संघों की पूरी तरह उपेक्षा करते हुए प्रशासनिक माध्यम से आनन-फानन कर्मियों से नेशनल पेंशन योजना में शामिल होने का फार्म भरवाए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। ऐक्टू ने नेशनल पेंशन स्कीम को सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए फायदेमंद योजना के रूप में प्रचारित किए जाने पर सरकार से सवाल किया है कि यह योजना सचमुच फायदेमंद है तो इसे सबसे पहले सांसदों, विधायकों व तमाम जनप्रतिनिधियों के लिए लागू क्यों नहीं किया गया? क्यों केवल कर्मचारियों को इसके दायरे में लाया जा रहा है? इससे यह पूरी तरह साफ हो गया है कि सरकार की नीयत में खोट है। दरअसल सरकार इस पेंशन योजना के माध्यम से कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई को लूटकर कार्पोरेट घरानों की तिजोरियाँ भरना चाहती है।
ऐक्टू ने 14 कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण और प्रबंधन की तमाम खामियों पर पर्दा डालने व कर्मियों में दहशत पैदा करने के लिए तानाशाहीपूर्ण कदम बताया है। स्थानीय स्तर पर भी टाउनशिप में व कार्यस्थलों पर कर्मियों की सुरक्षा व सुविधाओं के मामले में प्रबंधन का रवैय्या पूरी तरह उदासीन व नकारात्मक रहा है और कोरोना काल में कर्मियों की हुई मौतों के लिए प्रबंधन की उदासीनता ही जिम्मेदार है। बैठक में निर्णय लिया गया कि स्थानीय स्तर पर श्रमिक समस्याओं के निराकरण को लेकर विभिन्न स्तर पर चल रहे आंदोलनों में ऐक्टू बराबर भागीदारी करता रहेगा और कर्मियों की एकजुटता पर बल देता रहेगा। ऐक्टू ने बैठक के माध्यम से मांग की है कि प्रबंधन कर्मियों के प्रति सम्वेदनशील रवैया अपनाये और जनवरी 2017 से लंबित वेतन समझौता सहित कर्मियों से जुड़ी तमाम समस्याओं का जल्द निराकरण करे और 14 कर्मियों का निलंबन तत्काल निःशर्त वापस लिया जाये। आज की बैठक में अध्यक्ष अशोक मिरी, कार्यकारी अध्यक्ष ए शेखर राव, महासचिव श्याम लाल साहू, कोषाध्यक्ष बृजेन्द्र तिवारी और वर्किंग कमेटी सदस्य देवानंद चौहान और भुवन लाल साहू उपस्थित थे।