अंबिकापुर। 13 अगस्त : पुलिस उप महानिरीक्षक आरिफ शेख के मार्गदर्शन में भ्रष्टाचार रोधी कार्यवाही के अंतर्गत दिनांक 13 अगस्त को एसीबी द्वारा तीन अलग-अलग जगहों पर ट्रेप की कार्यवाही करते हुए
आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा। आवेदक लोचन सिंह, निवासी अम्बिकापुर द्वारा अपने पिता लघुराम कि जल संसाधन विभाग से वर्ष 2015 में चौकीदार के पद से सेवानिवृत्त हो गये थे उनका आज तक ग्रेच्युटि एवं पेंशन का पैसा नहीं मिला है, जिसको निकालने हेतु जल संसाधन विभाग में पदस्थ लिपिक विनय कुमार सिन्हा द्वारा लोचन सिंह से 7000 रूपये रिश्वत की
मांग किया गया था। इस कार्य के लिए आवेदक पूर्व में आरोपी को 3000 रूपये दे चुका था। आवेदक के उक्त शिकायत पर सत्यापन किये जाने पर सही पाये जाने के उपरांत एसीबी, अंबिकापुर द्वारा कार्यवाही करते हुए आज आरोपी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।
वही एक दूसरे मामले में प्रार्थी गणेश राम साहू, उम्र 26 वर्ष, निवासी पोड़ी बिल्हा जो की राजमिस्त्री का काम करता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित होने वाले मकानों के लिए हितग्राहियों को प्राप्त होने वाली राशि को जारी कराने बाबत् नगर पंचायत बिल्हा में पदस्थ अमन पालीवाल, सी.एल.टी.सी. द्वारा राशि को स्वीकृति कराने के एवज में 70000 हजार रूपये की मांग की गई थी, जिसकी शिकायत प्रार्थी द्वारा एसीबी बिलासपुर में की गई थी। शिकायत का सत्यापन उपरांत प्राथी गणेश राम साहू रिश्वत की रकम की पहली किश्त 20000 रू. देने के लिए बिल्हा पहुंचकर अमन पालीवाल से संपर्क करने पर अमन पालीवाल ने रेल्वे स्टेशन बिल्हा के पास उसे बुलवाया गया, जहां अरोपी को एसीबी, बिलासपुर की
टीम ने 20000 रू. रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।
एक तीसरे मामले में प्रार्थी जुबेर मेमन, निवासी केसकाल के द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार निर्माण कार्यक्रम (पीएमईजीपी) एक ऋण से जुड़ा हुआ सब्सिडी कार्यक्रम है, जिसे सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है, इस योजना के अनुपालन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग (केवीआईसी) नोडल एजेंसी है के तहत सब्सिडी वाले लोन के लिए आवेदन करने पर आरोपी नितिन बैस, सहायक संचालक, खादी ग्रामोद्योग कोण्डागांव द्वारा 30000 रू रिश्वत की मांग की गई, जिसके संबंध में 15000 रूपये देने की बात हुई। इसकी शिकायत प्रार्थी द्वारा एसीबी में किया गया था। उक्तशिकायत के सत्यापन किये जाने पर सही पाये जाने के उपरांत एसीबी, जगदलपुर की टीम ने कार्यवाही करते हुए आरोपी को 5000 रू. की किश्त के रूप में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
सभी आरोपियों के विरूद्ध धारा 7 (क) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।