रायपुर। आज़ादी के अमृत महोत्सव के परिप्रेक्ष्य में उच्च शिक्षा नीति एवं आदर्श व्यक्तित्व निर्माण विषय को लेकर छत्तीसगढ़ पीयूआरसी ने अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। नवा रायपुर स्थित आईटीएम विश्वविद्यालय ने लगातार बारह घंटे तक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले इस ऑनलाइन कार्यक्रम में अपनी सहभगिता दी। नई शिक्षा नीति पर पहली बार दिन भर चलने वाले विचार-विमर्श के लिए आयोजित यह कार्यक्रम सुबह 7.00 बजे शुरू हुआ और शाम 7:00 बजे समाप्त हुआ । आईटीएम विश्वविद्यालय रायपुर को इस कार्यक्रम में विषय प्रस्तुतीकरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए कुल चालीस मिनट दिए गए थे। आईटीएम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ आर नेसामूर्ति ने पीयूआरसी के चेयरमैन डॉ. शिववरण शुक्ल सहित देशभर के केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और विषय विद्वान शिक्षाविदों के समक्ष आईटीएम विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर संतुलित प्रस्तुति दी. चांसलर डॉ. पी. वी. रमना, प्रो-चांसलर प्रो. नितिन पुटचा और वाइस चांसलर प्रो.(डॉ.) विकास सिंह के कुशल दिशा-निर्देशन में आईटीएमविवि कैंपस में संचालित रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करते हुए डॉ आर नेसामूर्ति ने यहाँ अर्जित महत्वपूर्ण उपलब्धियों और प्रशस्तियों का उल्लेख किया।
इसके बाद आईक्यूएसी निदेशक डॉ. यासीन शेख ने बताया कि विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति कैसे काम कर रही है। उन्होंने कहाकि आईटीएम विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति के तीन महत्वपूर्ण तत्वों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है जिसमें छात्रों का ज्ञान, कौशल , दृष्टिकोण और कुशल व्यवहार शामिल हैं । आत्म-विकास के माध्यम से समाज, राज्य, राष्ट्र की सेवा के लिए छात्र के विकास को कैसे संरेखित किया जाए, यही उच्च शिक्षा नीति के संपूर्ण कार्यान्वयन का एक प्रमुख क्षेत्र है। उन्होंने आगे बताया कि वाइस चांसलर डॉ. विकास सिंह के मार्गदर्शन में यहां आईटीएम विश्वविद्यालय में आउटकम आधारित शिक्षा और शिक्षकों की परिवर्तित भूमिका को लेकर यहाँ पैंतीस घंटे के लिए संकाय विकास एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके अलावा आईटीएम विश्वविद्यालय में संकाय शिक्षकों और छात्रों के बहुआयामी विकास के लिए फैकल्टी कोलोक्वियम की साप्ताहिक गतिविधि शुरू की गई हैं । अमृत महोत्सव मनाते हुए छत्तीसगढ़ राज्य से जुड़े हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से अवगत कराने छात्र -छात्राओं के लिए अनसंग हीरोज़ कार्यक्रम भी रखा गया। उन्होंने बताया कि आईटीएम विश्वविद्यालय को हाल ही में आउटकम आधारित शिक्षा पद्धतियों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए भारत में 25वीं रैंक प्रदान की गई है।
कार्यक्रम का दूसरे सोपान में छात्र-छात्राओं ने नई शिक्षा नीति की विशेषताएं बतलाने एक विशेष नाटक प्रस्तुत किया।इसमें कलाकारों ने बताया कि मजबूरीवश पढ़ाई छोड़ चुके युवाओं और कामकाज़ी लोगों को नई शिक्षा नीति कैसे अपनी मुख्य धारा में लाकर आत्म निर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करती है।सत्र का समापन पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.पी. तिवारी ने नई शिक्षा नीति और शिक्षकों और संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए किया।सांस्कृतिक कार्यक्रम को सफल बनाने में नाट्य एवं पटकथा निर्देशक डॉ. यासीन शेख, प्रो. अरिजीत गोस्वामी सहित डॉ. राखी बाजपेयी, डॉ. मीनाक्षी मिश्रा, प्रो. श्यामली नायडू , प्रो. मोहम्मद एहतेशाम, डॉ. नितिन जायसवाल, डीजीएम राजीव पांडे, आईटी प्रशासक मिनाज अहमद का सक्रिय योगदान रहा।
उच्च शिक्षा नीति पर हुए वेबिनार में आईटीएम यूनिवर्सिटी ने दी शानदार प्रस्तुति
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