भिलाई। 25 अक्टूबर : इस दीवाली भिलाई उड़ान नई दिशा समूह की महिलाओं के द्वारा गोबर से पानी में तैरने वाले इको फ्रेंडली दीये बनाये जा रहें हैं। इस दीयों की खासियत यह है कि ये दीये वजन में बहुत हल्के है और पूरी तरह से केमिकल फ्री है मिट्टी में घुलनशील है। छठ पूजा और कार्तीक पूजा में नदी और तालाब में दीया छोड़ने का नियम होता है। इन दीयों से पानी में रहने वाले जीव जन्तु को भी कोई नुक़सान नहीं होगा।
समूह की अध्यक्ष निधि चन्द्राकर ने बताया कि इस तरह के दीये पहली बार छत्तीसगढ़ में बन रहे हैं हमे छत्तीसगढ़ से बाहर के भी बहुत से आर्डर आ रहे हैं इन दीयों की चमक इस बार हरियाणा, अहमदाबाद,टाटा, लखनऊ, नोयडा, अजमेर, दिल्ली, तथा पिछले साल की तरह लंदन और कनाडा में भी बिखरेगी। इन दीया से आपके हाथ नहीं जलेंगे यह ज्यादा तेल भी नहीं सोखते हैं सबसे बड़ी बात इनके प्रयोग के बाद आप इन्हें गमलों में डालें जिससे यह उपयोग के बाद खाद के रूप में भी इस्तेमाल किए जा सकेंगे। देखने में सुंदर व उपयोग में बेहद सुरक्षित है यह दिया। इस बार गोबर के सिम्पल दीयों के साथ गोबर के फ्लोटिंग दीयों की मांग बनी हुई है। यह दिये 1 नवंबर से राज्य उत्सव कार्यक्रम के दौरान दुर्ग में 15 नंबर स्टाल पर आम जनमानस के लिए उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी हमारी संस्था के सदस्यों के द्वारा बनाये गये गोबर के दीये को देश विदेश में भी काफी पसंद किये थे एवं मुख्यमंत्री ने भी तारीफ की थी।