दुर्ग। 27 सितंबर 2022 (सीजी संदेश) : अब कौशल विकास का फोकस ग्रामीण क्षेत्रों में भी होगा। शहर के पास लगे गांवों और दूरस्थ गांवों में भी रोजगार सृजन के अवसरों को बढ़ाने कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कौशल विकास के अवसरों के संबंध में जानकारी देने ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाने एवं युवाओं का चिन्हांकन करने के निर्देश कौशल विकास से संबंधित अधिकारियों को दिये हैं। कलेक्टर ने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं और स्वरोजगार के अच्छे अवसर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरी सहूलियत की माँग होती है लेकिन हुनरमंद लोग नहीं मिल पाते। गांव का ही युवा यदि मोबाइल रिपेयरिंग में, कंप्यूटर एप्लिकेशन जैसे साफ्ट स्किल में ट्रेंड होगा तो अपने तथा नजदीकी गांवों के लोगों को यह सुविधाएं उपलब्ध करा पाएगा। ग्रामीणों को भी शहरों का रूख नहीं करना पड़ेगा और युवाओं को भी स्वरोजगार के अच्छे मौके उपलब्ध हो जाएंगे। इसके साथ ही प्लंबिंग, इलेक्ट्रिशियन जैसे ट्रेड में कोई दक्ष होना चाहे तो उनका भी चिन्हांकन हो जाएं। कलेक्टर ने इस संबंध में उपसंचालक जनशक्ति नियोजन को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप हमें सबसे प्राथमिकता से रोजगार सृजन का कार्य करना है और इसके लिए हुनरमंद लोगों की टीम तैयार करनी है ताकि अपने हुनर के दृष्टिकोण से उन्हें बेहतर आर्थिक लाभ मिल पाए। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई, डीएफओ शशिकुमार, जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन, नगर निगम भिलाई आयुक्त लोकेश चंद्राकर, दुर्ग निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बेसहारा लोगों के लिए बनेगा आश्रयस्थल- कलेक्टर ने कहा कि शहर में बेसहारा लोगों के लिए एक अतिरिक्त आश्रयस्थल बन जाएगा तो ऐसे लोगों के शेल्टर की बढ़िया व्यवस्था की जा सकेगी। विशेष रूप से जो मानसिक रूप से बीमार हैं और भटकते रहते हैं ऐसे लोगों को रखकर इलाज कराया जा सकेगा ताकि वे पुनः मुख्यधारा में शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि कैंपस में ही बुजुर्ग बेसहारा लोगों के रहने के लिए अलग से बढ़िया इंतजाम करें। इसके लिए शीघ्र कार्रवाई करने अधिकारियों को उन्होंने निर्देशित किया।
ग्रामीण ओलंपिक खेलों की हो बढ़िया व्यवस्था- कलेक्टर ने ग्रामीण ओलंपिक खेलों की बढ़िया व्यवस्था करने जिला खेल अधिकारी को निर्देश दिये। इसके लिए वालंटियर के रूप में राजीव युवा मितान क्लब के सदस्य रहेंगे। उन्होंने कहा कि शासन की मंशानुरूप छत्तीसगढ़ी खेलों को बढ़ावा देने इसका आरंभ किया गया है। शासन की मंशानुरूप किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए।