भिलाई। 07 मार्च : केएच मेमोरियल स्कूल की प्रिंसिपल विभा झा का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सभी महिलाओं को आत्मसम्मान महसूस करने और क्षमता के अनुसार लक्ष्यों को प्राप्त करने का दिन है. जीवन के सभी क्षेत्रों में सभी बाधाओं को पार करने साहस जुटाने का दिन है. यह दिन केवल महिला दिवस के रूप में ही ना मना कर इसे महिलाओं के सम्मान करने के दिन के रूप में मनाया जाना चाहिए।
श्रीमती झा का कहना है कि महिला ने आज ना केवल घर गृहस्थी बल्कि हर क्षेत्र में एक नया मुकाम बनाया है. अब महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरूष के वर्चस्व को स्वीकार नहीं करती। हर क्षेत्र में उन्होंने अपना 100% दिया है. यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि महिलाएं आज पुरुषों से हर क्षेत्र में आगे निकल रही हैं।
श्रीमती झा ने कहा कि महिलाओं के लिए वर्ष में अब सिर्फ 1 दिन ही सम्मान का नहीं रहा बल्कि वर्ष के 365 दिन उनके वर्चस्व के हैं.आज महिलाएं इतनी सशक्त हैं कि वह जनरेट कर सकती हैं ऑपरेट कर सकती हैं और तो और डिस्ट्रेक्ट भी कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकांश देशों में इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है. शांति, न्याय, समानता और विकास के अपने संघर्ष को याद करने के लिए देश भर की महिलाएं विभिन्न सांस्कृतिक और जातीय समूहों से सभी सीमाओं को पार करती हैं। यह समाज में एक सामान्य मिथक है कि महिलाओं से संबंधित मुद्दे कोई बड़ी बात नहीं हैं।
श्रीमती झा ने कहा कि महिला दिवस समाज को यह एहसास दिलाने के बारे में है कि प्रत्येक व्यक्ति को अलग तरीके से काम करना होगा और समाज को बेहतर भविष्य की ओर बदलना होगा. यह उन महिलाओं को मनाने का दिन है जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत करती हैं।
यह एक ऐसा दिन है जब दुनिया भर में एक्टिविस्ट्स, मूवमेंट और मार्च होते हैं. क्योंकि महिलाएं पुरुषों की तरह हर चीज में समान अवसर की हकदार हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक ऐसा दिन है जहाँ हर कोई अपने जीवन में महिलाओं की हर उस चीज़ की सराहना करता है. यह एक ऐसा दिन है जब हर कोई अपने जीवन में महिलाओं के मूल्य और महत्व को स्वीकार करता है।