भिलाई। 13 मार्च : भिलाई इस्पात सयंत्र एससी/एसटी एपलाईज एसोसिएशन के महासचिव कोमल प्रसाद ने जानकारी दी है कि सेल एस सी./एसटी, एम्पलाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील कुमार रामटेके की अध्यक्षता में अंबेडकर भवन प्रेरणा स्थल प्रागण
में विश्व महिला दिवस का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिका पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम थी। उन्होने सावित्री बाई फूले के तैलचित पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा अपने उदबोधन में महिला सशक्तिकरण, सम्मान एवं जागरूकता के संबंध में कहा कि हमारी महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में अपना लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना चाहिए।
रुकावटे तो आएगी ही परंतु आपको अपना हौसला नही चोना है, परेशानियों का सामना करना है और लक्ष्य पर निगाह
जमाये रखना है, सफलता निश्चित ही मिलेगी। हमारी महिलाओं को उन सफल महिलाओ या महापुरुषों की जीवनी या लेख पढना चाहिए क्योकि जब तकलीफें आती है उस समय हमें यही शिक्षा मार्गदर्शन करती है।
सेल एस.सी./एस.टी. एम्पलाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मिलाई इस्पात संयंत्र एस.सी./एसटी एम्पलाईज एसोसिएशन
के अध्यक्ष सुनील कुमार रामटेके ने अपने संबोधन में कहा कि गिलाई इस्पात सयंत्र एससी/एस.टी. एम्पलाईज
एसोसिएशन महिलाओं के सशक्तिकरण, सम्मान एवं जागरूकता के इस भव्य कार्यक्रम को भारत की प्रथम शिक्षिका
सावित्री बाई फूले को सादर समर्पित करते हुए आज के इस कार्यक्रम को सिर्फ महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। सावित्री बाई फूले ने महाराष्ट्र के पुणे में सन 1848 में देश का पहला बालिका पाठशाला की स्थापना की। उन्होंने महिला शिक्षा की उन्नति के लिए अपने पति के साथ मिल कर कुल 10 विद्यालय खोले। उन्होंने बाल हत्या को रोकने के लिए 28
जनवरी 1953 में बाल हत्या प्रतिबंधक गृह की स्थापना की। सावित्री बाई फुले एवं ज्योतिबा राव फुले ने मिलकर 24 सितम्बर
1873 में सत्यशोधक समाज की स्थापना की। सावित्री बाई फुले ने विधवा विवाह की परपरा की शुरूआत की तथा उन्होंन
पहला विधवा पुर्नविवाह 25 दिसम्बर 1873 को कराने में सफलता हासिल की।
एसोसिएशन के महासचिव कोमल प्रसाद ने कहा कि हमारी महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सफलता की इबारत लिख रही है, और ये सब सम्भव हुआ है हमारे भारतीय संविधान के कारण से, हमारी महिलाओं को और अधिक से अधिक क्षेत्रों में आने के लिए एवं निर्भीक होकर विकास करने के लिए रूढ़िवादिता को तोडकर संविधान को पढ़कर आगे बढ़ना चाहिए। सावित्री बाई फूले का जन्म 03 जनवरी 1831 को माता श्रीमती लक्ष्मीबाई एवं पिता खन्दोजी नेवसे पाटिल की गोद में हुआ था। सावित्री बाई की शादी महज 9 साल की उम्र में ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ हुई। शादी के वक्त सावित्री बाई फुले अनपढ थीं। ज्योतिरावजी स्वयं तीसरी कक्षा तक ही पढे थे। सावित्री बाई फुले ने अपने पति से ही पढाई
लिखाई सीखी एवं भारत के समस्त महिलाओं के लिए सामाजिक चेतना का अखण्ड ज्योत जलाई।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती ज्योत्सना, श्रीमती मौसमी टंडन, श्रीमती सुनीता खाब्रागडे, श्रीमती मंजू प्रसाद, श्रीमती विदिशा बाला, श्रीमती रूक्खमणी चतुर्वेदी, बी.एल. चंदवानी, एल उमाकांत उपस्थित थे। विश्व महिला दिवस के अवसर पर विशिष्ट अतिथियों ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम एवं समस्त विशिष्ट अतिथियों को पुष्प गुच्छ, मोमेटों एवं प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को रोचक एवं मनोरंजक बनाने में तथा महिला शक्तियों को नमन करते हुए राकेश रामटेके का डास ग्रुप ने अपनी श्रेष्ठ भूमिका निभाई। कार्यक्रम का सफल संचालन सचिव विजय कुमार राजे ने किया तथा आभार प्रदर्शन
उपाध्यक्ष आनंद रामटेके ने किया।
भिलाई इस्पात संयंत्र एस.सी./एस.टी. एम्पलाईज एसोसिएशन की तरफ से अध्यक्ष सुनील कुमार रामटेके, उपाध्यक्ष आनंद रामटेके , महासचिव कोमल प्रसाद, संगठन सचिव मधुकर ठवरे, सचिव विजय कुमार राने, कोषाध्यक्ष शोभराय ठाकुर, उपकोषाध्यक्ष आनंद बघेल , कार्यकारणी सदस्य अनिल कुमार खेलवार,चेतन लाल राणा के के रामटेके, चित्रसेन कोसरे, मंथिर खलेन्द्र, श्रीमती रमा रॉय, श्रीमती यशोधरा रामटेके श्रीमती
कांति देवी, श्रीमती कामिनी, कु, शिल्पी रानी, श्रीमती उत्तरा खेलवाररु श्रीमती नीलिमा राणा, श्रीमती जयश्री बौद्ध, श्रीमती
सुशीला कोसरे, श्रीमती सुजाता रामटेके, श्रीमती अर्थना निगम, श्रीमती अनीता। सूर्यवंशी, श्रीमती संगीता पटेल, श्रीमती रश्मि
देखमुख, कु रचना कोसरे, श्रीमती उर्मिला उमर, आदि उपस्थित थे।