नई दिल्ली। 12 फरवरी, 2023, (सीजी संदेश) : अनुसूचित जाति जनजाति संगठनो का अखिल भारतीय परिसंघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक अनिल मेश्राम ने बताया कि नये संसद भवन का नामकरण व निजीकरण सहित अन्य मुद्दो पर नई दिल्ली के कांस्टीटयूशन क्लब मे दो दिवसीय गोलमेज सम्मेलन परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. उदित राज की अध्यक्षता मे पद्मभूषण से सम्मानित प्रख्यात विद्वान सैम पित्रोदा अमेरिका के मुख्य व्यक्तवय के साथ संपन्न हुआ। सम्मेलन मे परिसंघ के विभिन्न राज्यो के प्रमुख पदाधिकारी, भारत के विभिन्न सामाजिक संगठनो के अनेक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
प्रथम दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए डा. उदित राज ने कहा कि नई दिल्ली मे नये संसद भवन का निर्माण हो रहा है, इस संसद मे देशहित मे संवैधानिक अनुच्छेदो व कानूनी नियमो के पालन की प्रक्रिया पूर्ण होती है इसलिए कायदे से भारतीय संविधान के निर्माता व देश के प्रथम कानून मंत्री डा. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर के नाम पर इसका नामकरण किया जाना न्यायोचित होगा, इससे एक नीति रीति विधि विशेषज्ञ व विश्व स्तरीय प्रखर विद्वान महापुरुष का सम्मान होगा जिनसे करोड़ो लोगो की भावनाऐ जुड़ी हुई है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे राष्ट्रीय महासचिव डा. ओम सुधा ने कहा कि पूरे देश मे गांव शहर तहसील और जिला स्तर पर बैठकें सेमीनार और सम्मेलन आयोजित कर बाबासाहेब आम्बेडकर के अनुयायियों व संविधान प्रेमियो को जागरूक कर इस सम्मान आंदोलन से जोड़ना बहुत जरूरी है इसके लिए परिसंघ के सभी पदाधिकारी मेहनत करना प्रारंभ करे। द्वितीय दिवस सम्मेलन को विख्यात विद्वान पद्मभूषण सैम पित्रोदा ने अमेरिका से आनलाइन संबोधन मे कहा कि भारत की वर्तमान सरकार चंद जांच एजेंसियो के माध्यम से देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को खतरे मे डालने का काम कर रही है ऐसी परिस्थिति मे डा. आम्बेडकर के विजन के जरिए शिक्षा को सशक्त माध्यम बनाकर उचित समय पर उचित जवाब दिया जाना चाहिए। तेलंगाना राज्य के प्रदेश अध्यक्ष महेश्वर राज ने कहा कि डा. आम्बेडकर का नाम और फोटो लेकर बहुतो ने अपनी राजनीति चमकाई है अब ऐसे लोगो को आजमाते हुए समवैचारिक लोगो के साथ राजनीतिक वातावरण तैयार कर बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर के सम्मान की भावनात्मक लड़ाई लड़नी होगी और जीत भी सुनिश्चित करना होगा क्योकि यह हमारा संवैधानिक अधिकार भी है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एआर सिंह व छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक अनिल मेश्राम सहित अनेक पदाधिकारियो व विभिन्न सामाजिक संगठनो के प्रतिनिधियो ने कहा कि हमे अपने राज्यो जिलो तहसीलो गांव शहर और कस्बो मे सम्मान की इस लड़ाई हेतु जागरुकता आंदोलन प्रारंभ कर देना है। अंत मे भंते सुमित रत्न थेरो उत्तर प्रदेश ने आशीर्वाद गाथा का पठन करते हुए कहा कि जातिया तोड़कर और अंधविश्वास को त्याग कर हम बाबासाहेब के स्वप्न को साकार कर सकते है जो कि समाजहित और देशहित मे एक कारगर कदम साबित होगा। सम्मेलन मे छत्तीसगढ़ राज्य से प्रदीप सुखदेवे, मोहन बंजारे, मोहन राय, एसआर खांडे, राजेन्द्र वर्मा, सीताराम ठाकुर, घनश्याम ओगरे, पीके मार्कण्डेय आदि उपस्थित रहे तथा देश के विभिन्न राज्यो के प्रमुख सदस्यगण शामिल हुए।*